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0 विधानसभा अध्यक्ष ने कहा-छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार रविवार को लगेगा सत्र
0 छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 से 17 दिसंबर तक 

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर से शुरू हो रहा है। यह सत्र नवा रायपुर के नवनिर्मित विधानसभा भवन में होगा। शीत सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब रविवार अवकाश के दिन भी विधानसभा की कार्यवाही होगी। इसका कारण बताते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा की पहली बैठक 14 दिसंबर 2000 को राजकुमार कालेज के जशपुर हाल में हुई थी। उसी की याद में शीत सत्र का शुभारंभ होगा। सत्र के पहले दिन छत्तीसगढ़ विजन 2047 पर चर्चा होगी।  
25 वर्षों की यात्रा आज भव्य नए विधानसभा भवन तक आ पहुंची है। बीते 25 वर्षों में कुल 76 सत्रों में 773 बैठकें हुई हैं और सदन की कार्यवाही 3456 घंटे 19 मिनट चली है। 

16 दिसंबर को अनुपूरक मांग पर होगी चर्चा
डॉ. सिंह ने बताया कि 14 से 17 दिसंबर तक विधानसभा का शीतकालीन सत्र आयोजित है।  सत्र के दौरान कुल 4 बैठकें होंगी। 628 प्रश्नों की सूचना प्राप्त हुई है। इसमें 333 तारांकित प्रश्न और 295 अतारांकित प्रश्न शामिल हैं। 99.17 प्रतिशत प्रश्न ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के 48 सूचनाएं हैं। एक लोक महत्व के विषय पर चर्चा होगी। 9 अशासकीय संकल्प, शून्यकाल की 4 व याचिका की 77 सूचनाएं प्राप्त हुई है, जिस पर भी चर्चा होगी। 16 दिसंबर को अनुपूरक मांग पर चर्चा होगी। छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना ( नियोजन एवं सेवा शर्तों का विनिमय संशोधन विधेयक, 2025 ( क्रमांक 28 2025) विधानसभा में पारित किया जाएगा। विभागों से प्राप्त प्रतिवेदनों काे भी पटल पर रखा जाएगा। 

पेपरलेस विधानसभा की ओर आगे बढ़ रहे हैं
डॉ. सिंह ने कहा कि हम पेपरलेस विधानसभा के लिए पहल कर रहे हैं और इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इस पर चिप्स काम कर रहा है। विपक्ष सदन के बहिष्कार के सवाल पर डॉ. रमन ने कहा कि विधानसभा सत्र का असली उपयोग विपक्ष को करना होता है। सरकार का काम तो उनके सवालों का जवाब देना होता है। सत्र का 70 फीसदी स्पेस विपक्ष का होता है।उसका सही उपयोग करना चाहिए। विपक्ष द्वारा मंत्री के अधूरे जवाब के सवाल पर डॉ. सिंह ने कहा कि ऐसी स्थिति में संदर्भ समिति के पास जाते हैं, जहां पूरा जवाब मिल जाता है। 

पुराने विधानसभा भवन पर सरकार लेगी निर्णय
पुराने विधानसभा के उपयोग के बारे में विस अध्यक्ष डॉ. सिंह ने कहा कि इस पर निर्णय लेने का अधिकारी प्रदेश सरकार के पास है। इस पर चर्चा कर सरकार उचित निर्णय लेगी। प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर की रिसर्च इंस्टीट्यूट आने वाले हैं। वहां उसका उपयोग किया जा सकता है। 

विधानसभा परिसर में छत्तीसगढ़ की संस्कृति की मिलेगी झलक
डॉ. सिंह ने कहा कि नवनिर्मित विधानसभा भवन परिसर में पर्याप्त जगह है। यहां छत्तीसगढ़ की संस्कृति को दिखाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए संस्कृति विभाग का प्रस्तुतिकरण हो गया है। इसमें पूरे परिसर में छत्तीसगढ़ का पूरा स्वरूप दिखाने का काम किया जाएगा। इस पर जो भी सुझाव आएगा, उसके अनुसार काम किया जाएगा। 

नए विधानसभा भवन का नामकरण अभी नहीं 
डॉ. सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अभी नए विधानसभा भवन के नामकरण पर किसी तरह की चर्चा नहीं हुई है। भविष्य में इस पर चर्चा हो सकती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ विधानसभा 90 सदस्यीय है। पूर्व में एक सदस्य एंग्लो इंडियन नामित किया जाता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया खत्म कर दी गई है।