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रायपुर। विधानसभा शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन बुधवार को विपक्षी कांग्रेस सदस्यों जांच एजेंसियों के दुरूपयोग पर काम रोको प्रस्ताव लाकर तुरंत चर्चा कराने की मांग की। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद विपक्षी कांग्रेस सदस्यों ने शोरशराबा शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत समेत अन्य कांग्रेस सदस्यों ने गर्भगृह में नारेबाजी करते हुए निलंबित हो गए। 
प्रश्नकाल के तुरंत बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने काम रोको प्रस्ताव की सूचना दी और कहा कि लोकतंत्र खतरे में है। जांच एजेंसियां ईडी, सीबीआई, डीआरआई, इनकम टैक्स व ईओडब्ल्यू लोकतंत्र की रक्षा के लिए है। मगर सरकार जांच एजेंसियों का दुरूपयोग कर रही है। इस पर भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने आपत्ति की और कहा कि सेंट्रल एजेंसियों की सदन में चर्चा नहीं हो सकती। इस पर श्री बघेल ने नराजगी जताते हुए कहा कि यह निर्णय आप नहीं लेंगे। इस दौरान दोनों सदस्यों के बीच काफी नोकझोंक हुई। 
इसके बाद श्री बघेल ने कहा कि एसीबी-ईओडब्ल्यू राज्य की एजेंसी है और जनप्रतिनिधियों को डराने-धमकाने का काम कर रही है। इस पर भाजपा सदस्य श्री चंद्राकर ने कहा कि आपने एजेंसियों के दुरूपयोग की परिपाटी डाली है। इसके बाद श्री बघेल ने ईओडब्ल्यू पर कलमबंद में छेड़छाड़ का आरोप लगाया। श्री बघेल ने कहा कि तमनार में पेड़ कटाई का विरोध करने गए जनप्रतिनिधियों को धमकाने की कोशिश की। ईडी ने तो मेरे लड़के को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन हम डरने वाले नहीं है। इस पर श्री चंद्राकर ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया कहा कि केंद्र की एजेंसियों पर चर्चा नहीं हो सकती। इस पर श्री बघेल ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को एजेंसियों के माध्यम से डराया-धमकाया जाएगा, तो कैसे चलेगा। उन्होंने काम रोको प्रस्ताव पर तुरंत चर्चा की मांग की। इसके बाद विस अध्यक्ष डॉ. सिंह ने कहा कि काम रोको प्रस्ताव को अपने कक्ष में अस्वीकार कर दिया है। इस पर विपक्षी सदस्य खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे। इसके बाद नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में पहुंच गए। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत अन्य कांग्रेस सदस्य सदन की कार्यवाही से स्वमेव निलंबित हो गए। इसके बाद सभी विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर निकल गए। बाद ने विस अध्यक्ष डॉ. सिंह ने उनका निलंबन समाप्त कर दिया।