0 मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कांधा दिया
0 अंतिम यात्रा में कवि कुमार विश्वास भी शामिल हुए
रायपुर। प्रसिद्ध कवि, कथाकार और उपन्यासकार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। उनका अंतिम संस्कार रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में किया गया। बेटे शाश्वत ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पहले मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सुबह स्व. शुक्ल के शैलेंद्रनगर स्थित निवास पहुंचे और उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर नमन किया तथा ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।मुख्यमंत्री श्री साय ने पार्थिव शरीर को कांधा भी दिया। अंतिम यात्रा में कवि कुमार विश्वास भी शामिल हुए। उनके अंतिम संस्कार में साहित्य जगत के गणमान्य लोग व हर वर्ग के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने शोक संतप्त परिजनों से भेंट कर अपनी गहरी संवेदनाएँ व्यक्त कीं तथा असंख्य पाठकों और साहित्य-प्रेमियों को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की माटी से उपजे महान साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल के निधन से हिंदी साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति पहुँची है। उनकी रचनाएं संवेदनशीलता, मानवीय सरोकारों और सरल किंतु गहन अभिव्यक्ति की अनुपम मिसाल हैं। उन्होंने कहा कि श्री शुक्ल की लेखनी ने हिंदी साहित्य को नई ऊंचाइयां प्रदान की। उनका साहित्य न केवल पाठकों को गहराई से स्पर्श करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत बना रहेगा। साहित्य जगत में उनका अवदान सदैव स्मरणीय रहेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह एक ऐसे सृजनशील व्यक्तित्व की अंतिम यात्रा थी, जिन्होंने साहित्य जगत को ऐसी अनमोल कृतियाँ दीं, जो साहित्य संसार की थाती है। साहित्यकार और कवि के विचार सदैव जीवित रहते हैं, उनकी कलम की स्याही, शब्दों में अमर हो जाती है। विनोदजी का साहित्य हमारी सांस्कृतिक चेतना को दिशा देता रहेगा, उनकी स्मृतियां सदैव हमारे बीच जीवंत रहेंगी।
देश के प्रख्यात साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल ने मंगलवार शाम को एम्स रायपुर में अंतिम सांस ली थी। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन के बाद श्रद्धांजलि देने लोगों का तांता लग गया।
बता दें कि शुक्ल को एक महीने पहले ही भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया था। वे पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज एम्स रायपुर में चल रहा था।
शुक्ल का जाना पूरे देश की क्षति: बृजमोहन अग्रवाल
रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल मारवाड़ी श्मशान घाट पहुंचकर विनोद कुमार शुक्ला को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि शुक्ल का जाना पूरे देश की क्षति है।
शुक्ल को जानने वाले उन्हें कभी भूल नहीं पाएंगेः भगवान तिवारी
फिल्म अभिनेता भगवान तिवारी ने कहा कि, विनोद कुमार शुक्ल का जाना केवल राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। साहित्य, नाटक और सिनेमा जगत से जुड़े लोगों के लिए भी यह अपूरणीय नुकसान है। जो भी उन्हें जानता या उनसे परिचित रहा, वह उन्हें कभी भुला नहीं पाएगा। हिंदी युग्म के प्रकाशक शैलेश भारतवासी ने कहा- हिंदी पढ़ने वाले विनोद जी से बहुत स्नेह करते थे।