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अपने देश में छोटे किसानों की एक बड़ी संख्या है। यदि विभिन्न सरकारी कदमों के तहत ये किसान अपने पैरों पर खड़े हो सकें तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बहुत बल मिलेगा और उसका लाभ सारे देश को मिलेगा।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री की ओर से दिया जाने वाला संबोधन सारे देश का ध्यान आकर्षित करता है। इस बार यह आकर्षण इसलिए अधिक था, क्योंकि देश अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा था। चूंकि इस मौके पर प्रधानमंत्री कुछ विशेष घोषणाएं करते हैं इसलिए इस अवसर की महत्ता और भी बढ़ जाती है। इस बार प्रधानमंत्री ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। इन सबने देश का ध्यान अपनी ओर खींचा- इसलिए और भी, क्योंकि कुछ घोषणाएं बेहद उल्लेखनीय रहीं, जैसे कि सौ लाख करोड़ रुपये वाली प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना। भारी-भरकम धनराशि वाली यह योजना समग्र बुनियादी ढांचा विकास की नींव रखेगी। इससे न केवल देश का तेजी से विकास होगा, बल्कि रोजगार के संकट का समाधान भी होगा। यह समाधान किया जाना बहुत आवश्यक हो चुका है, क्योंकि कोरोना संकट ने अन्य अनेक समस्याओं को जन्म देने के साथ रोजगार के अवसरों को भी कम करने का काम किया है। रोजगार के अवसरों को बढ़ाना वक्त की मांग और जरूरत है। यदि इस जरूरत की र्पूित हो सके तो न केवल लाखों युवाओं का भविष्य बेहतर होगा, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। यह महत्वाकांक्षी योजना देश को विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचाने के साथ ही लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने में सक्षम साबित हो, इसके लिए केंद्र सरकार को विशेष प्रयत्न करने होंगे। 
केंद्र सरकार को यह कोशिश करनी होगी कि प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना ठीक उसी प्रकार क्रियान्वित हो सके, जैसे कि पिछले वर्षों में लाल किले की प्राचीर से की जाने वाली अन्य घोषणाएं हुई हैं। इनमें प्रमुख हैं उज्ज्वला योजना और शौचालय निर्माण योजना। इसके अलावा हर घर को नल से जल पहुंचाने की योजना भी केंद्र सरकार की सफल योजनाओं में से एक है। कुछ यही स्थिति हर गांव को बिजली पहुंचाने वाली योजना की भी है। इन सफल योजनाओं ने देश की जनता को यह भरोसा दिलाया है कि मोदी सरकार जो कुछ कहती है उसे जमीन पर उतारने में भी सक्षम साबित होती है। यदि इन्हीं सफल योजनाओं की तर्ज पर प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना भी सफलता से अमल में लाई जा सके तो देश का कायाकल्प होना तय है। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री की ओर से की जाने वाली जिस अन्य घोषणा की चर्चा होना तय है, वह है छोटे किसानों को सहारा देने की योजना। अपने देश में छोटे किसानों की एक बड़ी संख्या है। यदि विभिन्न सरकारी कदमों के तहत ये किसान अपने पैरों पर खड़े हो सकें तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बहुत बल मिलेगा और उसका लाभ सारे देश को मिलेगा।