नई दिल्ली। मोटर वाहन चलाने के दीवाने और रोड ट्रिप पसंद करने वाले अकसर लॉन्ग ड्राइव पर निकल जाते हैं। वीकेंड की छुट्टी मनानी हो, दोस्तों और परिवार के साथ कहीं जाना हो या कहीं एडवेंचर ट्रिप करनी हो, वजह चाहे जो हो। ड्राइविंग बहुत से लोगों के लिए दिलचस्पी भरा हो सकता है। लेकिन यात्रा को सुरक्षित और मजेदार बनाने के लिए आपको कुछ गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए।
हमारे देश में सड़कों की स्थिति अप्रत्याशित है। खासकर हाईवे पर ट्रैफिक नियम को लागू कराने के लिए हर जगह कोई मौजूद नहीं रहता। इसलिए इन परिस्थितियों में आपको और भी सतर्क रहने की जरूरत है।
यह जानना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि आगर-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर पिछले एक हफ्ते के दौरान टायर फटने या संतुलन बिगड़कर गाड़ी पलटने और वाहन दुर्घटनाओं के कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में अगर आप एक्सप्रेसवे पर सफर कर रहे हैं तो आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे आप अपनी मंजिल तक सुरक्षित पहुंच सकें। यहां हम आपको बता रहें 10 अहम बातें जिन्हें सफर पर निकलने से पहले ध्यान में जरूर रखना चाहिए।
एक स्पीड तय करें और उसका पालन करें
जब हाईवे ड्राइविंग की बात आती है तो मौज, मस्ती के बीच जिस चीज की सबसे ज्यादा अनदेखी की जाती है वह गाड़ी की स्पीड। हाईवे पर वाहन की हाई स्पीड बनाए रखना आसान है। क्योंकि सड़कें चौड़ी हैं और ट्रैफिक भी कम होता है। लेकिन सड़क पर लगाए गए स्पीड लिमिट के साइनबोर्ड की अनदेखी कभी ना करें। सड़क के जिस हिस्से में जितनी स्पीड का साइनबोर्ड लगा है, अपने वाहन की रफ्तार को उतना ही रखें। वे खासतौर आपकी और सड़क पर सफर कर रहे दूसरों की सुरक्षा के लिए लगाए जाते हैं। इसलिए ड्राइविंग के दौरान आपको हमेशा इनके पालन करने की कोशिश करनी चाहिए।
हालांकि ये आसान नहीं है। वहां आपको रोकने वाला कोई नहीं होता है और फिर, आप अक्सर एक तेज रफ्तार वाहन की स्पीड को देखकर उससे बराबरी करने कोशिश की करते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि, सबसे अच्छी बात यह है कि आप सड़क का आकलन करें, परिस्थितियों को देखें और अपनी स्पीड तय करें। गीली सड़कें, रात में ड्राइविंग, तेज गति और हाईवे पर ज्यादा ट्रैफिक हो तो, दिमाग में तुरंत खतरे की घंटी बजनी चाहिए। ऐसी में अपनी रफ्तार को काबू में रखें।
अचानक लेन न बदलें
आपको अपनी गाड़ी के साइड इंडिकेटर्स या सिगनल का सावधानी से इस्तेमाल करना चाहिए। सड़क पर कहीं मुड़ना हो या रुकना हो तो इसकी सूचना समय से दें। सड़क में ड्राइविंग के दौरान लेन चेंज करने से पहले इंडिकेटर्स का इस्तेमाल करें। अपनी दिशा अचानक से न बदलें। ट्रैफिक को अपने अगले मूव के बारे में इंडिकेटर से या जरूरी हो तो हाथ से भी बताएं। हाईवे में तेज रफ्तार से चल रही गाड़ियों में अचानल लेन बदलना हादसे को चुनौती देना है।
सुरक्षित दूरी बनाए रखें
वाहन चलाने के दौरान, आपसे आगे चल रही या अगल-बगल की गाड़ियों से हमेशा उचित दूरी बनाए रखें। ज्यादातर दुर्घटनाएं बहुत नजदीक चलने की वजह से होती हैं। हाईवे पर कार चलाते समय आगे वाली गाड़ी से कम से कम 70 मीटर की दूरी रहना जरूरी है। साधारणतया, ड्राइविंग के समय अगर आपको सड़क के बीच में व्हाइट पट्टी (जो अधिकांश सड़कों पर होती ही है), दिखती है तो आप अगली कार से खुद को सुरक्षित दूरी पर मान सकते हैं। ट्रैफिक जाम में फंसने के दौरान भी अपने आसपास की परिस्थितियों पर पूरी निगाह बनाएं रखें। किसी भी गाड़ी के ज्यादा नजदीक जाने की कोशिश न करें।
ओवरटेक न करें
कई बार अंधे मोड़ पर काफी दुर्घटनाएं होती हैं। कभी भी सामने चल रही गाड़ी को जल्दबाजी में ओवरटेक न करें। उस पर भी जब किसी बड़े वाहनों से आगे निकलना हो, तो अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
सीट बेल्ट जरूर पहनें
कार चलाते समय सीट बेल्ट जरूर पहनें और अपने साथ वाले को भी सीट बेल्ट पहनने के लिए कहें। ऐसा सिर्फ कानूनी कार्रवाई से बचने की मानसिकता के साथ करने की बजाए, अपनी सुरक्षा के लिए किया जाना चाहिए। ज्यादातर सड़क दुर्घटनाओं में देखा गया है कि 56 फीसदी युवा सीट बेल्ट नहीं लगाए हुए थे।
नजरें सिर्फ सड़क पर
कार चलाते समय चालक की निगाहें सिर्फ सड़क पर होनी चाहिए। यानी ड्राइविंग करते समय फोन पर बात नहीं करना चाहिए, न ही अपने फोन पर मैसेज टाइप करना चाहिए। इसके अलावा गाड़ी चलाते वक्त कुछ खाना भी नहीं चाहिए। कुल मिलाकर चालक का ध्यान सिर्फ गाड़ी चलाने पर होना चाहिए। इसके लिए आपको कार में बैठे लोगों के संग बातचीत करने से भी बचना चाहिए। अगर बातचीत की वजह से आपका ध्यान बंट गया तो संतुलन खो सकता है और सड़क पर चल रही अन्य गाड़ी संग दुर्घटना का शिकार हो सकती है।
मिरर का इस्तेमाल जरूरी
कार चलाने से पहले अपनी सीट को सही तरह से एडजस्ट कर लेना चाहिए। रियर व्यू मिरर और विंग मिरर (साइड मिरर) का ठीक ढंग से इस्तेमाल किया जाना जरूरी है। इसके लिए सभी मिरर सही से दिखाई देने चाहिए, जिससे दाएं, बांए या फिर पीछे से आ रही गाड़ी पर स्पष्ट निगाह बनी रहे। कार को रिवर्स करते समय पीछे देखने या कार के बाहर सिर बाहर निकालने से बचना चाहिए। अब ज्यादातर कारें पार्किंग कैमरे के साथ आती हैं। इससे कार ड्राइविंग और पार्किंग करने में काफी आसानी होती है।
कार सर्विसिंग होनी चाहिए
कार की सर्विसिंग नियमित रूप से होनी चाहिए। इसके लिए कार की ऑइल चेंज, टायर प्रेशर की जांच, टायर को नियमित रूप से रोटेट करते रहना, ब्रेक फ्लुइड और कूलेंट लेवल की जांच करते रहना बेहद जरूरी है। ऐसा करने से आप कई सारी समस्याओं से बचा सकते हैं। कार में जरूरी कागजात और इमरजेंसी किट हमेशा मौजूद रहनी चाहिए। किसी दुर्घटना, ब्रेकडाउन या आपात स्थिति में यह काम आते हैं।
सुरक्षा ही बचाव
बारिश का मौसम, तेज हवा से भी ड्राइविंग करना मुश्किलों भरा हो सकता है। इसलिए बारिश के दौरान कार धीरे चलाएं। सबसे अहम बात यह है कि अगर मौसम खराब है तो ड्राइविंग करने से बचना चाहिए। इसके साथ ही ड्राइविंग के दौरान कभी भी नशा नहीं करना चाहिए। नशे की हालत में कार चलाना कानूनी जुर्म तो है ही साथ ही अपनी और सड़क के दूसरे राहगीरों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ है।
ब्रेकडाउन
अगर किस्मत बुरी है और आपका वाहन खराब हो गया है, तो ऐसी स्थिति में अपना आपा नहीं खोना चाहिए, शांत रहना चाहिए और इन स्टेप्स का पालन करें। वाहन को धीरे-धीरे धीमा करें और हाईवे के साइड की ओर बढ़ना शुरू करें। बिल्कुल साइड में पहुंचने पर कार को सावधानी से रोकें और कार की हैजार्ड लाइटें ऑन करें। अन्य वाहन चालकों को अलर्ट करने के लिए हैजार्ड ट्राएंगल को कार के पीछे लगभग 10 से 15 फीट की दूरी पर रखें। कार में हुई खराब की जांच करें और उसके अनुसार एसिस्टेंस के लिए कॉल करें। इसके अलावा, हाईवे असिस्टेंस के नंबरों को नोट करें और आपातकालीन कॉल बॉक्स भी खोजें। वे पूरे हाईवे पर एक निर्धारित दूरी पर उपलब्ध होते हैं। अगर रात का समय है, तो वाहन की मौजूदगी को दिखाने के लिए कार की सभी इंटीरियर लाइट्स को ऑन कर दें। कोशिश करते रहें और मदद आने तक वाहन के अंदर ही रहें।