Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

पंजाब। आईपीएल का रोमांच चरम पर है। इस बार पंजाब के कई खिलाड़ी अलग-अलग टीमों से मैदान में हैं। जिन्हें मौका मिला है, वे इसे खूब भुना रहे हैं। आज कामयाबी के जिस शिखर पर ये खिलाड़ी हैं, वहां तक पहुंचने के लिए दिन रात कड़ी मेहनत, लगन और समर्पण की जरूरत है। इनके परिजनों ने बताया कि कैसे क्रिकेट के प्रति इनका प्यार जुनून बन गया। किसी ने अपने घर की छत पर नेट लगाकर अभ्यास किया तो किसी ने कड़ी धूप की परवाह किए बिना मैदान में पसीना बहाया। जानिए पंजाब के आईपीएल सितारों के बारे में...

अमृतसर के अभिषेक शर्मा को क्रिकेट की बारीकियां उनके पिता राजकुमार ने ही सिखाईं। बैंक में कार्यरत पिता क्रिकेट की कोचिंग देते थे। छह-सात साल की उम्र में अभिषेक घर में ही मां और बहनों के साथ टेनिस की गेंद से खेलते थे। एक दिन पिता उन्हें ग्राउंड में ले गए। उनका खेल देखकर दूसरे कोच और चयनकर्ता बोले-राजकुमार बच्चे को आगे बढ़ाओ। अच्छा खेलता है। पिता ने अभिषेक को भी तराशना शुरू कर दिया। इसका नतीजा भी सामने आया। पहले जिला स्तर पर अंडर-14 में खेले। पंजाब अंडर-16 टीम का हिस्सा बनकर पंजाब को जीत दिलाई। 

अंडर 19 नार्थ जोन के कप्तान बन चैंपियनशिप जीती
इसके बाद अभिषेक नेशनल क्रिकेट अकादमी बंगलूरू में राहुल द्रविड़ के पास पहुंच गए, जहां बेस्ट प्लेयर ऑफ इंडिया का अवार्ड मिला। चैलेंजर ट्रॉफी में इंडिया रेड अंडर 19 के कप्तान बनकर इंडिया रेड चैंपियनशिप जीती और मैन ऑफ सीरीज का अवार्ड मिला। अंडर 19 इंडिया का कप्तान बने और एशिया कप की टीम घोषित हुई तो श्रीलंका में हुई चैंपियनशिप में 5 मैचों में से 4 में भारत को जीत दिलाई। 

मैन ऑफ द सीरीज का खिताब जीता। वर्ल्ड कप न्यूजीलैंड में खेलते हुए चैंपियनशिप जीती और सेमीफाइनल मैच में बंगलादेश के खिलाफ मैन आफ द मैच बने। इसके बाद रणजी ट्रॉफी में चयन हुआ और आईपीएल दिल्ली की टीम का हिस्सा बन गए। यहां एक मैच में 19 गेंदों पर 46 स्कोर बना चर्चा में आ गए। दो साल तक दिल्ली की ओर से आईपीएल खेले और फिर हैदराबाद की टीम में चले गए। अब अभिषेक शर्मा हैदराबाद की टीम के लिए खेल रहे हैं। 

राजकुमार ने बेटे के लिए छोड़ दिया क्रिकेट प्रेम
राजकुमार शर्मा बैंक में जॉब करते हैं। पत्नी मंजू शर्मा हाउस वाइफ हैं। बड़ी बेटी शादीशुदा है जबकि छोटी बेटी डॉक्टर है। राजकुमार पंजाब क्रिकेट टीम के कोच, जूनियर क्रिकेटर टीम के चयनकर्ता, मैच ऑब्जर्वर और रेफरी रह चुके हैं। उन्होंने जैसे ही बेटे अभिषेक का जुनून देखा तो सभी पदों से इस्तीफा देकर उसे तराशने में जुट गए। 

मुझसे बोलिंग, बहनों से दिनभर कराता था फील्डिंग: मंजू शर्मा
मंजू शर्मा बताती हैं कि बचपन से ही उसमें क्रिकेट के प्रति गजब का जुनून था। स्कूल से आते ही टेनिस की गेंद मेरे हाथ में थमा देता और बॉलिंग कराता। खुद बल्लेबाजी करता और दोनों बहनों से फील्डिंग कराता। कभी वह थकता ही नहीं था। आज उसे देखकर सुकून मिलता है कि वह अपने सपने को जी रहा है। 

जालंधर के मनदीप सिंह में गजब का जुनून
जालंधर के दिलबाग नगर में रहने वाले मनदीप सिंह के पिता हरदेव सिंह एथलेटिक्स कोच थे। क्रिकेट के प्रति जुनून बचपन से ही था। 2005 में सचिन और महेंद्र सिंह धोनी से प्रेरित होकर इंडियन टीम में शामिल होने का सपना देखा। पिता ने उन्हें खेलने से मना भी किया लेकिन वह चोरी छुपे खेलते रहे। 2007 में भारत टी-20 में चैंपियन बना तो मनदीप के सपनों को पंख लग गए। 

उन पर क्रिकेट का भूत सवार हो गया। बल्टर्न पार्क मैदान में दिन रात अभ्यास में जुटे रहते। कोच राकेश शर्मा ने उन्हें क्रिकेट की बारीकियां सिखानी शुरू कर दीं। कई जिला स्तरीय टूर्नामेंट में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। इन्हीं की बदौलत उनका चयन अंडर-19 में हो गया। बस यहीं से उनकी जिंदगी नई दिशा में दौड़ पड़ी। 

पिता की मौत का सदमा दिल में लिए उतरे थे मैदान में
आईपीएल लीग 2020 संस्करण दुबई में चल रहा था। मनदीप प्लेइंग इलेवन में थे और मयंक अग्रवाल के चोटिल होने के बाद उन्हें ओपनिंग करनी थी। शाम को खबर मिली कि पिता नहीं रहे। वह एक हफ्ते से बीमार चल रहे थे। दिल में पिता की मौत का सदमा लिए मनदीप मैदान पर उतरे और टीम को मजबूत शुरुआत दिलाई। पूरी टीम काला रिबन बांधकर मैदान में उतरी थी। मनदीप के इस जज्बे की सभी ने खूब तारीफ की।
 
संदीप शर्मा गली-मोहल्ले में बच्चों संग खेलते पैदा हुई दिलचस्पी
किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से इस बार आईपीएल में खेल रहे पटियाला के तेज गेंदबाज 28 साल के संदीप शर्मा को पूरी उम्मीद है कि भले ही आईपीएल में अब तक खेले मैचों में वह विकेट हासिल न कर सके हों, लेकिन उनका इकोनामी रेट बढ़िया रहा है। इसलिए अपनी मेहनत के बल पर उन्हें उम्मीद है कि वह आने वाले मैचों में मौका मिलने पर धमाकेदार वापसी करेंगे। 

अपनी टीम को सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई कराने में पूरा दम लगा देंगे। अमर उजाला से खास बातचीत में संदीप शर्मा ने कहा कि वह अपने क्रिकेट कॅरिअर की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धियों में इंडिया टी-ट्वंटी टीम के लिए खेलना और साल 2012 में आस्ट्रेलिया में हुए अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए सर्वाधिक 12 विकेट लेकर भारतीय टीम को जीत दिलाने को मानते हैं।

बीए पास संदीप बताते हैं कि उनके परिवार से कोई भी प्रोफेशनल क्रिकेट में नहीं था। जैसे सभी बच्चे अपने गली-मोहल्ले में क्रिकेट खेलते हैं। वैसे ही वह भी अपने दोस्तों व भाईयों के साथ क्रिकेट खेलते थे। इसी दौरान क्रिकेट के खेल के प्रति उनमें जुनून पैदा हो गया। पटियाला के मल्टीपपर्स स्कूल (लड़के) पासी रोड में आठवीं क्लास के दौरान शिक्षक कंवलजीत सिंह ने उन्हें क्रिकेट के खेल में आगे बढ़ने को प्रोत्साहित किया। उनकी कोच मनीष बाली से ट्रेनिंग शुरू कराई। 

इसमें पिता बलविंदर शर्मा और माता मीना ने भी सहयोग दिया। संदीप आगे कहते हैं कि फिलहाल पूरा ध्यान आईपीएल है। लेकिन इसके बाद वह भारतीय टीम में वापसी के लिए अपनी गेम पर और फोकस देना और प्रैक्टिस करना शुरू करेंगे। इस मौके उन्होंने पंजाब के नौजवानों को नशे की बुरी लत से दूर रहने के अलावा हर समय फोन, आईपैड व आनलाइन गेम्स में व्यस्त रहने के बजाय किसी न किसी गेम में भाग लेने का संदेश दिया। इस मौके पिता बलविंदर शर्मा व मां मीना ने कहा कि पूरी उम्मीद है कि मौका मिलने पर बेटा आने वाले आईपीएल मैचों में अच्छा प्रदर्शन करेगा।
 
अनमोलप्रीत सिंह
खेल को और बेहतर बनाने के लिए पूरा फोकस कर रहे हैं अनमोलप्रीत सिंह
आईपीएल में मुंबई इंडियंस की तरफ से खेल रहे पटियाला के 24 साल के बल्लेबाज अनमोलप्रीत सिंह ने महज 19 साल की उम्र में ही रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया था। वह पहली बार भारत के लिए 2015 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में खेले थे। सेमिफाइनल में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 72 रन की शानदार पारी खेल टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। 

महंगी गाड़ियों के शौकीन अनमोलप्रीत सिंह एक स्टाइलिश क्रिकेटर माने जाते हैं। वह डेनिम के कपड़े पहनना पसंद करते हैं। उन्होंने चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ आईपीएल 2021 में अपना पहला मैच खेला था। इस मैच में अनमोलप्रीत सिंह मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में खेल रहे थे। अनमोलप्रीत सिंह कहते हैं कि आईपीएल के आगे के मैचों में मौका मिलने पर वह अपना पूरा 100 फीसदी देने की कोशिश करेंगे। वह अपनी गेम को और बेहतर बनाने के लिए पूरा फोकस कर रहे हैं।

हैंडबॉल के नेशनल खिलाड़ी रहे अनमोलप्रीत सिंह के पिता सतविंदर सिंह कहते हैं कि उनकी इच्छा थी कि उनके दोनों बेटे अनमोलप्रीत सिंह व तेजप्रीत सिंह और भतीजा प्रभसिमरन सिंह भी इसी खेल को अपनाएं। लेकिन किस्मत में कुछ और ही लिखा था। उन्हें अपने तीनों बच्चों पर गर्व है। हालांकि खेल के तौर पर उन्हें क्रिकेट कभी अच्छा नहीं लगा। सतविंदर सिंह बताते हैं कि घर के आंगन में हैंडबॉल के कई गोलपोस्ट लगे थे। लेकिन बाद में इनकी जगह क्रिकेट के नेट ने ले ली थी। वह खुद अपने बच्चों को गेंदबाजी करते थे।
 
मयंक
माता-पिता के समझाने के बावजूद मयंक बारिश में ही ग्राउंड चले गए थे 
मुंबई इंडियंस की तरफ से खेल रहे पटियाला के स्पिनर (24) मयंक मार्कंडेय ने अपने पहले ही सीजन में धमाल मचा दिया था। साल 2018 में मुंबई इंडियंस की जर्सी में आईपीएल डेब्यू करने वाले मयंक ने 14 मैच खेले थे और 15 विकेट अपने नाम किए थे। घर पर बने पंजाबी खाने के शौकीन मयंक काफी खुशमिजाज हैं। उनका बचपन से पसंदीदा विषय गणित रहा है। मयंक के पिता विक्रम शर्मा भी नेशनल स्तर के एथलीट रह चुके हैं, जबकि मां संदीप शर्मा बुटीक चलाती हैं।

माता-पिता के मुताबिक मयंक को क्रिकेट का बचपन से बहुत शौक था। सातवीं क्लास में पढ़ाई के दौरान एक बार काफी तेज बारिश के बावजूद मयंक ने क्रिकेट की प्रैक्टिस के लिए ग्राउंड जाने की जिद की। उसे काफी समझाया कि बारिश में प्रैक्टिस नहीं हो सकेगी। वहां न कोच और न ही अन्य स्टूडेंट्स आएंगे। लेकिन वह नहीं माना, जिसके चलते उसे ग्राउंड लेकर जाना पड़ा।

वहां पहुंचने पर ग्राउंड में पानी भरा देखकर मयंक को बहुत दुख हुआ कि उस दिन की प्रैक्टिस छूट गई। मयंक कहते हैं कि आईपीएल में आने वाले मैचों में मौका मिलने पर वह अच्छा प्रदर्शन करने की पूरी कोशिश करेंगे। जिससे वह अपने शहरवासियों व माता-पिता का नाम रोशन कर सकें।