नई दिल्ली। भारतीय पुरुष कंपाउंड तीरंदाजी टीम ने शनिवार को दक्षिण कोरिया के ग्वांग्जू में हुए फाइनल में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए फ्रांस को दो अंक से पछाड़कर विश्व कप चरण में लगातार स्वर्ण पदक जीता। यह विश्व कप के पहले चरण के फाइनल का दोहराव रहा।
अभिषेक वर्मा, अमन सैनी और रजत चौहान की तिकड़ी पहले दो दौर में छठी वरीयता प्राप्त प्रतिद्वंद्वी से पिछड़ रही थी। तीसरे दौर में भारतीय तिकड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फ्रांस के एड्रियन गोंटियर, जीन फिलिप बलूच और केंटिन बराएर को 232-230 से शिकस्त देकर विश्व कप के दूसरे चरण में स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाला।
अप्रैल में अंताल्या में हुए पिछले विश्व कप फाइनल में इसी भारतीय तिकड़ी ने फ्रांस को एक अंक से पराजित किया था। ओलंपिक स्पर्धा रिकर्व में केवल महिला टीम स्पर्धा में कांस्य पदक मिला था लेकिन कंपाउंड में विश्व कप चरण-2 में भारत ने एक स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक जीते। अभिषेक वर्मा ने मिश्रित टीम स्पर्धा में अवनीत कौर के साथ तुर्की की जोड़ी को 156-155 से हराकर कांस्य पदक जीता। कौर का यह दूसरा कांस्य रहा। इससे पहले उन्होंने टीम स्पर्धा में पदक जीता था।
मोहन ने रजत जीता, विश्व चैंपियन को भी हराया
कंपाउंड व्यक्तिगत वर्ग में मोहन भारद्वाज ने विश्व कप में रजत पदक जीता। इस दौरान उन्होंने गत विश्व चैंपियन निको विनर को भी हराया। दुनिया में 223 नंबर के मोहन ने पिछले महीने विश्व कप में पदार्पण किया और अपने कॅरिअर का सबसे बड़ा उलटफेर करते हुए सेमीफाइनल में दुनिया के सातवें नंबर के आस्ट्रियन को 143-141 से हराया।
उत्तराखंड के 32 साल के तीरंदाज को फाइनल में दुनिया के नंबर एक नीदरलैंड के माइक स्कोलेसर से 141-149 से मात मिली। यह रजत उनका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहला व्यक्तिगत पदक है। उन्होंने 2019 में बैंकॉक एशियन चैंपियनशिप में टीम रजत जीता था। प्री क्वार्टर में भारद्वाज ने दुनिया के 12वें नंबर के स्लोवेकियाई जोजेफ को भी हराया था। फिर कोरिया के येंग जेइवोन को 147-140 से हराकर अंतिम चार में जगह बनाई थी।