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सहारनपुर/देवबंद। देवबंद में ईदगाह मैदान में जमीयत उलमा-ए-हिंद के तत्वाधान में दो दिवसीय कार्यक्रम सुबह 9 बजे से शुरू हो गया। इसमें देशभर के उलेमा और गवर्निंग बॉडी के सदस्य प्रमुख समस्याओं को लेकर मंथन कर रहे हैं। यहां अधिवेशन की शुरुआत करते हुए मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि आग से आग को नहीं बुझाया जा सकता है। प्यार से नफरत को हराया जा सकता है। 

इजलास का शुभारंभ जमीयत उलमा-ए-हिंद का झंडा लहरा कर किया गया है। तिलावत-ए-कुरान पाक दारूल उलूम के उस्ताद कारी अब्दुल रउफ ने की और नात-पाक कारी अहसान मोहसिन ने पेश की।

जमीयत प्रमुख मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में दारुल उलूम  के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम, जमीयत उलमा हिंद  पश्चिम बंगाल अध्यक्ष और ममता सरकार में मंत्री मौलाना सिद्दीकउल्ला चौधरी, सांसद मौलाना बदरूद्दीन अजमल और सभी प्रदेशों के अध्यक्षों सहित देशभर के उलमा शामिल हो रहे हैं।

इजलास में देश के मौजूदा हालात और ज्ञानवापी मस्जिद समेत देश में विभिन्न धार्मिक स्थलों को लेकर बढ़ रहे विवाद, कॉमन सिविल कोड, मुस्लिम वक्फ एवं मुस्लिमों की शिक्षा आदि मुद्दों पर चर्चा होगी। वहीं,  जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।

मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम ने कहा कि देश एक गुलदस्ते की मानिंद हैं, जिसमें हर धर्म और वर्ग के लोग प्यार-मोहब्बत के साथ रहते हैं। यही एकता और भाईचारा इस मुल्क को हिंदुस्तान बनाता है।

जमीयत उलमा-ए-हिंद पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष और ममता सरकार में मंत्री मौलाना सिद्दीकउल्ला चौधरी ने जमीयत के इतिहास और उसके उद्देश्य पर रोशनी डालते हुए कहा कि मुल्क को बचाने में  जमीयत ने बड़ी कुर्बानियां दी हैं। कहा कि जमीयत के साथ मिलकर हिंदुस्तान के संविधान को बचाने का काम करें। 

प्रसिद्ध शायर डाॅ. नवाज देवबंदी ने जमीयत उलमा-ए-हिंद के अधिवेशन के मंच से शायरी के जरिए सद्भाव का संदेश दिया।

मोहब्बत के चिरागों को जो आंधी से डराते हैं, उन्हें जाकर बता देना हम जुगनू बनाते हैं,
ये दुनिया दो किनारों को कभी मिलने नहीं देती, चलो दोनों किसी दरिया पे पुल बनाते हैं।

आग से आग नहीं बुझती: मदनी
अधिवेशन के मंच से बोलते हुए जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि आग से आग को नहीं बुझाया जा सकता है। प्यार से ही नफरत को हराया जा सकता है। कहा कि हमें उकसाया जा रहा है। हमारे ही देश में हमें ही अजनबी बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि बेइज्जत होकर खामोश रहना कोई मुसलमान से सीखे। कहा कि देश में नफरत का बाजार सजाया जा रहा है। ये सब्र का इम्तिहान है।