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रायपुर। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने रविवार को केरल में दस्तक दे दी है। इसके साथ ही देश में बरसात का मौसम शुरू हो गया है। अब मानसूनी बादल उत्तर की ओर बढ़ेंगे इसकी वजह से देश भर में बरसात होगी। अगर मानसून बहुत प्रबल नहीं हुआ तो 10 जून तक ही छत्तीसगढ़ पहुंचेगा। मौसम विभाग का अनुमान है कि मानसून सामान्य स्पीड से बढ़ता हुआ 10 जून तक बस्तर सीमा से छत्तीसगढ़ में पहुंचेगा। पिछले साल यानी 2021 में 9-10 जून की रात तक मानसून रायपुर पहुंच चुका था।

मौसम विभाग के मुताबिक मानसून 29 मई को केरल में सेट हो चुका है। वहां इसके आगमन की सामान्य सामान्य तिथि एक जून है। इसका मतलब है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून समय से दो दिन पहले ही केरल में आ गया है। मौसम विज्ञान विभाग ने शुरुआत में अनुमान लगाया था कि मानसून 27 मई को ही केरल तट पर पहुंच जाएगा। लेकिन स्थानीय परिस्थितियों की वजह से इसमें दो दिन की देर हुई है।

बताया जा रहा है कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर और केरल के आसपास के क्षेत्रों में बादल छा गए है। पिछले 24 घंटों के दौरान केरल में भारी बरसात हो रही है। वहां के 14 वर्षा निगरानी स्टेशनों में से 10 स्टेशनों में 2.5 मिमी या उससे अधिक की वर्षा दर्ज हाे चुकी है। मौसम विभाग इन्हीं मापदंडों के आधार पर मानसून की घोषणा करता है।

21 जून तक पूरे छत्तीसगढ़ में मानसून प्रभावी हो जाएगा
रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी एच.पी. चंद्रा ने बताया, सामान्य तौर पर छत्तीसगढ़ में मानसूनी बरसात 10 जून से शुरू होती है। शुरुआत बस्तर संभाग से ही होती है। 15 जून तक इसका प्रभाव रायपुर तक पहुंच जाता है। वहीं 21 जून तक अंबिकापुर और उसके आसपास के क्षेत्रों के ऊपर मानसून प्रभावी हो जाता है। इसके सक्रिय होने के साथ प्रदेश में बरसात की झड़ी लग जाती है। अगर मानसून बहुत प्रबल नहीं हुआ तो 10 जून तक ही छत्तीसगढ़ पहुंचेगा।

सामान्य तौर पर 10-12 जून को छत्तीसगढ़ पहुंचता है मानसून
सामान्य तौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून 10-12 जून को छत्तीसगढ़ पहुंचता है। पिछले पांच-छह सालों में केवल एक बार यह सामान्य समय पर पहुंचा है। 2021 में मानसून 9-10 जून की रात ही रायपुर तक पहुंच गया था। इससे पहले 2020 में 20 जून, 2019 में 22 जून, 2018 में 26 जून और 2017 में 21 जून को मानसून की दस्तक हुई थी।

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