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नई दिल्ली। ब्रह्मांड में धरती के अलावा क्या दूसरे किसी ग्रह पर जीवन है? वैज्ञानिक सालों से इस चीज की तलाश कर रहे हैं। इसके साथ ही उनको उम्मीद है कि ब्रह्मांड में धरती के अलावा किसी न किसी जगह जीवन जरूर होगा, लेकिन अभी यह सवाल है कि क्या धरती के अलावा भी किसी दूसरे ग्रह पर जीवन है? इन सवालों का जवाब वैज्ञानिक सालों से तलाश रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिली है। लेकिन इतिहास के पन्नों में ऐसी कई घटनाएं दर्ज हैं जिन्होंने एलियंस जीवन को लेकर खूब सुर्खियां बटोरी हैं। 

वाओ सिग्नल (wow) भी उन्हीं में शामिल है। कहा जाता है कि एलियंस ने इसके जरिए धरती के लोगों से संपर्क करने की कोशिश की थी। 15 अगस्त 1977 को रात करीब 11.16 मिनट पर अंतरिक्ष से रेडियो टेलीस्कोप में एक संदेश आया था जिसने सभी को हैरत में डाल दिया। रेडियो टेलीस्कोप पर लगभग 1 मिनट 12 सेकंड तक एक अजीबोगरीब संदेश चला था। इस संदेश ने ब्रह्मांड में एलियन होने की संभावना को मजबूत कर दिया था। यह अजीब सिग्नल बिग ईयर रेडियो टेलीस्कोप को मिला था।
वैज्ञानिकों ने सुलझाया एलियन सिग्नल का रहस्य!

इस सिग्नल के बारे में वैज्ञानिक सालों से रिसर्च कर रहे थे। अब इस रहस्य का खुलासा हुआ है कि एलियन ने wow नहीं कहा था। इस रहस्यमयी सिग्नल को देखने के बाद खगोलविद जेरी एहमन ने डेटा के प्रिंटआउट पर wow लिख दिया था। सिग्नल मिलने के बाद वैज्ञानिक बेहद खुश थे, क्योंकि यह दूसरे सिग्नल से 20 गुना ज्यादा मजबूत था।

माना जाता है कि द सर्च फॉर एक्स्ट्रा टेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस( SETI) द्वारा रिकाॅर्ड किया गया यह सिग्नल अब तक सबसे बेहतर है। एलियंस की तलाश करने वाले वैज्ञानिकों का मानना है कि हो सकता है यह पहली बार एलियंस ने धरती से संपर्क करने की कोशिश की हो। 

45 साल वैज्ञानिकों ने पता लगाया सोर्स 
खगोलशास्त्रियों का मानना है कि अब 45 साल बाद उन्होंने सिग्नल के स्त्रोत को खोज लिया है। उन्होंने एक सूरज के आकार के तारे को अलग किया है जिसका नाम 2MASS 19281982-2640123 है।

वैज्ञानिक मानते हैं कि यह रहस्यमयी सिग्नल सूरज के आकार वाले तारे से ही आया था। साल 1977 में रेडियो टेलीस्कोप पर 72 सेकंड तक यह सिग्नल आया था। अब 45 साल बाद वैज्ञानिकों ने इसके स्त्रोत की खोज की है। ऐसा इसिएल हुआ, क्योंकि कभी और ऐसा सिग्नल नहीं आया। 

खगोलविद अल्बर्ट कैबलेरो ने कहा कि इंसानों ने दूसरे ग्रह की सभ्यता से संपर्क करने के लिए कई बार रेडियो सिग्नल भेजे हैं, लेकिन उसके जवाब में पहली बार साल 1977 में 72 सेकंड का मैसेज आया था। इसलिए ब्रह्मांड में अलौकिक सभ्यता के होने की संभावना है। खगोलशास्त्री ने रहस्यमयी सिग्नल की जांच के दौरान कुछ 550 तारों को ट्रैक किया है। वैज्ञानिकों ने जिस तारे से इस सिग्नल के आने की बात कही है वह धरती से 1800 प्रकाश वर्ष दूर है।