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नई दिल्ली। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच टी20 सीरीज का तीसरा मैच विशाखापट्ट्नम में होना है। सीरीज में बने रहने के लिए भारत को हर हाल में यह मैच जीतना होगा। यह मैच हारते ही भारत सीरीज भी गंवा देगा और अफ्रीका से पहली बार अपने घर में टी20 सीरीज जीतने का मौका गंवा देगा। भारत की टीम पिछले दो मैचों में एकतरफा अंदाज में हारी है। 

दोनों मैच के नतीजे देखें तो ऐसा महसूस होता है कि भारत के खिलाड़ी बहुत ही खराब प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं है। टीम इंडिया के सभी खिलाड़ियों का प्रदर्शन देखें तो कई खिलाड़ियों ने शानदार खेल दिखाया है, लेकिन भारत को दोनों मैच में हार नसीब हुई है। यहां हम यही समझने की कोशिश कर रहे हैं कि खिलाड़ियों का व्यक्तिगत प्रदर्शन अच्छा होने के बावजूद भारत मैच क्यों हार रहा है। 

भारत के खिलाड़ी एकजुट होकर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। सभी खिलाड़ी टुकड़े में अच्छा खेल दिखा रहे हैं। इस वजह से भारतीय टीम मैच हार रही है। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच दूसरे टी20 मुकाबले में भी ऐसा ही हुआ। भुवनेश्वर कुमार ने शानदार गेंदबाजी की, लेकिन उन्हें किसी दूसरे खिलाड़ी का साथ नहीं मिला। 

अगर बल्ले से कोई कमाल करता और भारत 150 से ज्यादा रन बनाता या पावरप्ले में भुवनेश्वर के तीन विकेट लेने के बाद बाकी गेंदबाज अगले पांच ओवर में दो विकेट भी लेते तो 10 ओवर तक दक्षिण अफ्रीका की आधी टीम पवेलियन लौट जाती और भारत की जीत बहुत आसान होती। 

पहले टी20 में भी गेंदबाजों ने किया निराश
दूसरे टी20 में भुवनेश्वर ने अकेले किला लड़ाया था तो पहले मैच में सभी बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन गेंदबाज निराश कर गए थे। पहले टी20 में भारत ने 211 रन का बड़ा स्कोर बनाया था। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 में यह भारत का सबसे बड़ा स्कोर था। दक्षिण अफ्रीका ने अपने टी20 इतिहास में कभी इतने बड़े लक्ष्य का पीछा नहीं किया था। भारत के खिलाफ भी कोई टीम टी20 में इतने बड़े लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाई थी। ऐसे में भारत की जीत तय दिख रही थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। भारतीय गेंदबाज इस मैच में पूरी तरह बेअसर रहे और बल्लेबाजों की मेहनत पर पानी फेर दिया। 

टीम में क्यों है एकजुटता की कमी?
क्रिकेट मैच में 11 खिलाड़ी खेलते हैं और सभी मिलकर अच्छा प्रदर्शन करना होता है। इसके लिए जरूरी है कि सभी खिलाड़ी एक दूसरे को जानते हों और उन्हें एक दूसरे का खेल भली-भांति पता हो। भारतीय टीम में खिलाड़ी लगातार बदल रहे हैं। खिलाड़ियों का वर्कलोड कम करने के लिए बीसीसीआई मैचों की संख्या कम करने की बजाय खिलाड़ियों को आराम दे रहा है। इस वजह से हर सीरीज में नई टीम खेल रही है और खिलाड़ियों के बीच आपसी तालमेल की कमी है। इसी वजह से अच्छे खिलाड़ी होने के बावजूद भारत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। 

जोड़ियां जिताती हैं मैच मौजूदा टीम में कोई नहीं
क्रिकेट में दो खिलाड़ियों की जोड़ी अक्सर मैच जिता देती है। लक्ष्य का पीछा करने में धोनी-कोहली की जोड़ी हो या पारी की शुरुआत करने में रोहित-धवन की जोड़ी। गेंदबाजी में कुलदीप यादव और युजवेन्द्र चहल की जोड़ी भी कई बार मैच जिताऊ प्रदर्शन कर चुकी है, लेकिन अब वर्कलोड की वजह से ये खिलाड़ी लगातार साथ में खेल नहीं पा रहे हैं। बाकी खिलाड़ियों के साथी भी बदल रहे हैं। इसी वजह से नई जोड़ियां भी नहीं बन पा रही हैं और भारत मैच हार रहा है। पहले टी20 में मिलर-डुसेन की जोड़ी ने भारत से मैच छीना था, लेकिन भारत के पास ऐसी कोई जोड़ी नहीं है, जो लगातार मैच जिताऊ प्रदर्शन कर सके।