0 कुछ ही देर में बाहर होगा बच्चा
जांजगीर। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में फंसे हुए राहुल के मामले में बड़ी खबर सामने आ रही है। जांजगीर के कलेक्टर जीतेंद्र शुक्ला ने कहा है कि टीम 60 फीट नीचे फंसे राहुल तक टनल के जरिए पहुंच गई है। रेस्क्यू टीम को राहुल दिख रहा है और जल्दी ही उसे बाहर लाया जाएगा। उसको बचाने का प्रयास अभी तक सेना के निर्देश पर एनडीआरएफ कर रही थी, लेकिन अब जवानों ने कमान अपने हाथ में ले ली है।
एनडीआरएफ को वहां से हटाकर अब सेना के जवान टनल में उतरे हैं। उनके साथ फोल्डेबल स्ट्रेचर, ऑक्सीजन सिलेंडर समेत कुछ और आपातकालीन उपकरण हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जल्दी ही राहुल बाहर आ सकता है। जांजगीर कलेक्टर जीतेंद्र शुक्ला ने भास्कर को बताया कि राहुल की स्थिति ठीक है। उसका मूवमेंट कम है, लेकिन वह इशारे कर रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया ट्विट
इस पूरे अभियान पर पहले घंटे से नजर रख रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल के दिखते ही ट्विट किया है। उन्होंने कहा कि राहुल के रेस्क्यू ऑपरेशन के खत्म होने का समय आ गया है। जांजगीर से सूचना आ रही है कि चट्टानों को हटाने के बाद अब बचाव दल बोरवेल तक पहुंच गया है और राहुल नजर आने लगा है।
अपोलो अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर
राहुल को बोरवेल से निकालते ही एंबुलेंस से बिलासपुर के अपोलो अस्पताल ले जाया जाएगा। उसके गांव से बिलासपुर की दूरी करीब 112 किलोमीटर है। वैसे तो इस दूरी को तय करने में करीब तीन घंटे लगते, लेकिन प्रशासन ने इस रास्ते को ग्रीन कॉरीडोर में बदल दिया है, लिहाजा माना जा रहा है कि राहुल को डेढ़-पौने दो घंटे के समय में अपोलो अस्पताल पहुंचा दिया जाएगा। उसका इलाज रास्ते में एंबुलेंस में ही विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम करने लगेगी।
ऐसे पहुंची टीम
सेना की ओर से बताया गया है कि एनडीआरएफ जवानों को आराम देने के लिए जवानों ने कमान संभाली थी। यह एक ज्वाइंट ऑपरेशन है और इसमें ऐसा ही किया जाता है। सवाल यहां बच्चे की जिंदगी का था, ऐसे में चट्टान तोड़ने के लिए सख्त रुख नहीं अपना सकते थे। राहुल की लोकेशन का अंदाजा लगाकर अब चट्टान तोड़ने के बाद सेना के जवान हाथों से मिट्टी निकाल रहे थे और कोहनी के सहारे आगे बढ़ रहे थे। धीरे-धीरे मिट्टी हटाते-हटाते आखिरकार वह क्षण आ ही गया जब बनाई गयी टनल बोरवेल से मिल गई। वहां पहली बार अंदर चट्टान के हिस्से पर सोए राहुल की पहली झलक सेना के जवानों को मिली। वहां से बाहर जानकारी दी गई और बाहर जमा भीड़ भारतमाता की जय के नारे लगाने लगी।
इससे पहले उसके मूवमेंट का एक नया वीडियो अभी सामने आया था। इसमें राहुल सिर उठाता हुआ और रिस्पॉन्स देता दिखाई दे रहा था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से भी ट्वीट कर कहा गया था कि सबकी दुआएं मासूम राहुल के साथ हैं। अभी इशारों में राहुल ने कुछ खाने की मांग की थी। रेस्क्यू अभियान जारी है। चट्टानों से भी मज़बूत इस मासूम बालक के साहस को सलाम है।
कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि वह एक बहुत बड़ी सी चट्टान है। उसी पर राहुल बैठा हुआ है। हम उसी चट्टान को साइड से काटने का प्रयास कर रहे थे। वह चट्टान बहुत मजबूत है। राहुल को खाने को दे रहे हैं, लेकिन वह ले नहीं रहा। कल की तरह एक्टिव नहीं है, इसलिए प्रयास है कि साइड से कहीं जगह बनाकर उसके लिए खाने-पीने का इंतजाम पहले कर सकें।
कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि सर्जन का कहना है कि राहुल की सांस की गति सामान्य है।वहीं उसकी सेहत और सलामती के लिए प्रदेश भर में पूजा-अर्चना का दौर जारी है। बलौदा बाजार में राहुल के लिए गायत्री परिवार की ओर से हवन-पूजन किया जा रहा है। साथ ही दीर्घायु होने की कामना के लिए महामृत्युंजय जाप भी चल रहा है।
बताया गया कि राहुल और जवानों के बीच में बड़े पत्थर हैं। ऐसे में राहुल से दूरी महज 8 इंच है, उसे साइड से निकालने के चलते दूरी डेढ़ फीट बढ़ गई है। टनल के अंदर लाइम स्टोन होने के कारण समय लग रहा था। उसे तोड़कर आगे बढ़े तो फिर एक चट्टान ने रास्ता रोक लिया है।
राहुल की जान को फिलहाल खतरा नहीं
सोमवार की देर रात कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने बताया था कि राहुल शाम से बेहतर हालत में है। उसकी सांसें भी ठीक चल रही हैं। बच्चे की जान को खतरा नहीं है। अब हम कह सकते हैं कि अंतिम पड़ाव में पहुंच चुके हैं। अगर कोई बड़ी चट्टान नहीं आई और अंदर ठीक रहा तो एक घंटे में बच्चे को निकाल लेंगे। हालांकि, मंगलवार सुबह से उसकी सेहत को लेकर कोई अपडेट नहीं है।
मंदिर में राहुल की सलामती के लिए पूजा
दूसरी ओर राहुल की सलामती को लेकर पूरा प्रदेश प्रार्थना और दुआएं कर रहा है। प्रदेश में जगह-जगह राहुल के लिए पूजा और हवन किए जा रहे हैं। पुलिस और प्रशासन जहां एक ओर बच्चे को रेस्क्यू करने के प्रयास में चार दिन से जुटे हुए हैं। वहीं दूसरी ओर कोरबा पुलिस की ओर से सर्वमंगला मंदिर में राहुल की सकुशल वापसी के लिए अखंड महामृत्युंजय पाठ का आयोजन किया गया है।
NDRF अफसर चोटिल
इस दौरान राहुल तक पहुंचने के लिए टनल बनाने के काम में लगे NDRF के कमांड इन चीफ वर्धमान मिश्रा चोटिल हो गए हैं। डॉक्टर ने मौके पर उनका उपचार किया और वे फिर से काम में लग गए हैं। वर्धमान मिश्रा के ऊपर ही ऑपरेशन की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि काम किसी हालत में रुकना नहीं चाहिए। वहीं दूसरी ओर राहुल के नजदीक अब NDRF की टीम पहुंचती जा रही है। महज 2 से ढाई फीट की दूरी रह गई है। उसे बाहर निकालने के लिए खुदाई का एंगल थोड़ा बदला गया है। जिससे उसे चोट न लगे। बल्ली ले जाकर एक स्ट्रक्चर खड़ा किया जा रहा है। इसके साथ ही वाइब्रेटर से राहुल के नीचे के पत्थर को चिकना बनाया जा रहा है। जिससे उसको बाहर निकालने के दौरान चोट न लगे।
10 जून को बोरवेल में गिरा था राहुल
राहुल साहू (10) का शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बाद से कुछ पता नहीं चला। जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए तो राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्ढा 80 फीट गहरा है। ये भी बताया गया है कि बच्चा मूक-बधिर है, मानसिक रूप से काफी कमजोर है, जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। घर पर ही रहता था। पूरे गांव के लोग भी 2 दिन से उसी जगह पर टिके हुए हैं, जहां पर बच्चा गिरा है। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है। उसका छोटा भाई 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन की दुकान है।