नई दिल्ली। फिल्म 'द लेडी ऑफ हेवेन' (The Lady Of Heaven) को लेकर ब्रिटेन में विवाद शुरू हो गया है। फिल्म पर ईशनिंदा का आरोप लग रहा है। ब्रिटेन में फिल्म पर रोक लगाने की मांग हो रही है। हालांकि, सरकार ने इससे इंकार किया है। विरोध प्रदर्शन करने वालों ब्रिटेन सरकार में सलाहकार लीड्स स्थित मक्का मस्जिद के मुखिया इमाम कारी मुहम्मद असीम भी शामिल हैं। विरोध के बाद इमाम को सलाहकार के पद से हटा दिया गया है।
आइए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्या है इस फिल्म में जिसका विरोध हो रहा है? विरोध करने वालों का क्या कहना है? सरकार का इस विवाद पर क्या रुख है? इस फिल्म में क्या है?
पहले जानिए क्या है पूरा मामला?
हाल ही में ब्रिटेन में 'द लेडी ऑफ हेवेन' नाम की फिल्म रिलीज हुई। कहा जा रहा है कि फिल्म में पैगंबर मुहम्मद की बेटी फातिमा की कहानी दिखाई गई है। इसी को लेकर इसका विरोध शुरू हो गया। कई शहरों में फिल्म की स्क्रीनिंग के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए।
विरोध प्रदर्शन में लीड्स स्थित मक्का मस्जिद के मुखिया इमाम कारी मुहम्मद असीम भी शामिल हुए। असीम को ब्रिटेन सरकार में सलाहकार और 'एंटी मुस्लिम हेट्रेड वर्किंग ग्रुप (मुस्लिम विरोधी घृणा कार्यकारी समूह)' के अध्यक्ष थे। अब ब्रिटेन सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया है। इमाम ने इस फिल्म को इस्लाम को नीचा दिखाने वाला बताया था।
विरोध करने वालों का क्या कहना है?
फिल्म का विरोध करने वालों का कहना है कि पैगम्बर मोहम्मद और उनके परिवार के किसी सदस्य पर फिल्म बनाना धार्मिक भावजनाओं को नुकसान पहुंचाना है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं, दूसरी ओर फिल्म के एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर मलिक शिबाक को सोशल मीडिया पर जान से मार डालने की धमकियां मिल रहीं हैं। उनका कहना है कि वो इन सबसे डरने वाले नहीं हैं।
इस फिल्म के निर्माता मौलवी यासर अल-हबीब हैं, जो शिया मुस्लिम हैं। आरोप है कि यासर अल-हबीब ने सुन्नियों के कुछ शुरुआती प्रमुख श्रद्धेय शख्सियतों को गलत तरीके से चित्रित किया है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में सुन्नी मुसलमान इसका विरोध कर रहे हैं।
सरकार का क्या रुख है?
ब्रिटेन सरकार ने एक पत्र जारी करके कहा है, 'फिल्म के विरोध में चल रहे अभियान से सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ है। इमाम ने इस अभियान को समर्थन देकर फ्री स्पीच के विरुद्ध काम किया है। इसलिए, सांप्रदायिक अमन-चैन कायम करने के सरकार के प्रयासों में उसका कोई रोल न बताते हुए उसे हटा दिया गया है।'
सरकार ने आगे कहा, 'कई सिनेमाघरों के बाहर जो दृश्य हैं, उन्हें आपने देखा-सुना होगा। इसमें मजहबी नारों के साथ शिया मुसलमानों के साथ घृणा फैलाई जा रही है। इसका हमें विरोध करना चाहिए।'
फिल्म में क्या है?
द लेडी ऑफ हेवेन के डायरेक्टर मलिक श्लिबक ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, 'यह फिल्म लेडी फातिमा के जीवन, उनके संघर्ष और जिस यात्रा से वह गुजरी हैं उसकी कहानी कहती है।' मलिक ने आगे कहा, "जैसा कि मुझे लगता है कि लेडी फातिमा हमारे इतिहास में सबसे अच्छी शख्सियत हैं, जिनसे हम सीख सकते हैं। हम उनसे सीख सकते हैं कि कैसे चरमपंथ, कट्टरता और भ्रष्टाचार जैसी चीजों से निपटा जाए। और हमें लगा कि इस कहानी को दुनिया के सामने कहना बेहद जरूरी है।"