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नई दिल्ली। हार्दिक पांड्या को आयरलैंड के खिलाफ दो टी20 मैचों की सीरीज के लिए टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया है। हार्दिक टी-20 में भारत के नौवें कप्तान होंगे। उनसे पहले वीरेंद्र सहवाग, एमएस धोनी, सुरेश रैना, अजिंक्य रहाणे, विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन और ऋषभ पंत कप्तानी कर चुके हैं। 145 दिन पहले हार्दिक की आलोचना हो रही थी। वह टीम इंडिया के सदस्य नहीं थे। अब उन्हें कप्तान बनाया गया है।

हार्दिक की कहानी दिलचस्प है। जनवरी 2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाले इस खिलाड़ी के बारे में हमेशा कहा गया कि यह खेल को गंभीरता से नहीं लेता है और मौज-मस्ती में मशगूल रहता है। उनकी तुलना वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों से होती थी। वहां के क्रिकेटर पार्टी करने के लिए मशहूर हैं। आलोचकों को हार्दिक कभी पसंद नहीं रहे। 'जेंटलमैन क्रिकेट' के प्रशंसक हार्दिक की हमेशा आलोचना करते थे।

2018 में शुरू हुआ बुरा दौर
हार्दिक ने शुरू में शानदार प्रदर्शन किया और अपने आप को एक ऑलराउंडर के रूप में स्थापित किया। उनके लिए बुरा दौर एशिया कप 2018 से शुरू हुआ। पाकिस्तान के खिलाफ पीठ में चोट लगी थी। उससे ठीक हुए और कुछ मैच खेले। फिर 'कॉफी विद करण' विवाद में फंस गए। बीसीसीआई ने कार्रवाई की और बाद में टीम इंडिया में वापसी हुई। वापसी करने के बाद हार्दिक फिर चोटिल हो गए।

वर्ल्ड कप के बाद टीम से किए गए बाहर
पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप में उनके चुने जाने पर टीम इंडिया की आलोचना हुई। हार्दिक का प्रदर्शन भी वैसा ही था। बल्ले से कुछ खास कर नहीं सके और गेंदबाजी में योगदान नहीं दे पाए। पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ करारी हार के बाद टीम इंडिया वर्ल्ड कप से बाहर हो गई। हार्दिक आलोचकों के निशाने पर थे और फिटनेस भी उनका साथ नहीं दे रही थी, इसलिए उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।

घरेलू क्रिकेट में नहीं लिया हिस्सा
हार्दिक टी20 वर्ल्ड कप के बाद फिटनेस पर ध्यान दे रहे थे। इस दौरान विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में हिस्सा नहीं लिया। फिटनेस को लेकर कभी सही जानकारी सामने नहीं आई। इसी बीच, आईपीएल में दो नई टीमों की घोषणा हुई। गुजरात टाइटंस और लखनऊ सुपर जाएंट्स की एंट्री आईपीएल में हुई। दोनों टीमों को नए कप्तान की आवश्यकता थी। उन्हें ड्राफ्ट के जरिए तीन खिलाड़ियों को चुनने के लिए कहा गया था।

21 जनवरी को गुजरात के कप्तान बने
हार्दिक की किस्मत उनके साथ नहीं थी। जिस मुंबई इंडियंस के साथ चार बार हार्दिक चैंपियन बने और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया, उसी ने उन्हें रिटेन नहीं किया। नई टीमों के पास हार्दिक को चुनने का मौका था। किसी ने नहीं सोचा था कि हार्दिक कप्तान बनने योग्य हैं, लेकिन गुजरात टाइटंस ने 21 जनवरी को उन्हें कप्तान बना दिया। आशीष नेहरा टीम के मुख्य कोच थे।

15 मार्च को बीसीसीआई ने जारी किया था एक फरमान
इसके बाद खिलाड़ियों की नीलामी हुई और क्रिकेट पंडितों गुजरात को सबसे कमजोर बताया। इसी बीच नीलामी के बाद 15 मार्च को एक खबर आई कि हार्दिक अगर फिटनेस टेस्ट पास नहीं करते हैं तो आईपीएल में नहीं खेल पाए। दरअसल, हार्दिक के पास बीसीसीआई का सलाना कांट्रेक्ट है। उन्होंने आईपीएल से पहले फिटनेस टेस्ट दिया और उसमें पास हुए।

आईपीएल जीतकर कप्तानी के लिए ठोका दावा
हार्दिक और नेहरा ने टीम को एकजुट किया और 29 मई को पहली बार में ही चैंपियन बन गए। हार्दिक कप्तान के तौर पर मैदान में शांत दिखे। सही समय पर सही फैसले लेते थे और भाग्य भी उनके साथ था। हार्दिक की तुलना महेंद्र सिंह धोनी से होने लगी। फिर उनकी टीम इंडिया में वापसी हुई और तीन मैच खेलने के बाद ही 15 जून को उन्हें अगली सीरीज के लिए कप्तान बना दिया गया।

क्या रोहित शर्मा की लेंगे जगह?
आयरलैंड के खिलाफ चुनी गई टीम में दिनेश कार्तिक और भुवनेश्वर कुमार के पास ज्यादा अनुभव है। कार्तिक आईपीएल में कप्तानी कर चुके हैं। भुवनेश्वर के पास भी अनुभव है, लेकिन बीसीसीआई भविष्य के बारे में सोच रही है। हार्दिक ने आईपीएल में गुजरात टाइटंस के लिए पहले ही सीजन में ट्रॉफी जीतकर खुद को साबित भी किया। इन्हीं कारणों से बोर्ड ने उन्हें कप्तान बनाया। 

हार्दिक के लिए अभी सफर बहुत लंबा है। रोहित शर्मा अगले दो साल तक कम से कम टीम इंडिया के नियमित कप्तान रहेंगे। उनकी जगह लेने के लिए हार्दिक का मुकाबला कई धुरंधर खिलाड़ियों से है। इनमें दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत, कोलकाता नाइटराइडर्स के कप्तान श्रेयस अय्यर और लखनऊ सुपर जाएंट्स के कप्तान केएल राहुल प्रमुख हैं। 

राहुल और पंत टीम इंडिया की कप्तानी कर चुके हैं और बोर्ड के सदस्य अभी इनदोनों को पसंद भी करते हैं। ऐसे में हार्दिक के लिए राह आसान नहीं है। उन्हें आयरलैंड के खिलाफ अपनी कप्तानी का नमूना दिखाना होगा। इसके बाद उनके रास्ते बन सकते हैं। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने हाल ही में कहा है कि टीम इंडिया भविष्य में एक साथ दो सीरीज खेल सकती है। 

एक तरफ टेस्ट टीम मैदान में होगी तो दूसरी ओर सीमित ओवर के मैच खेले जाएंगे। ऐसे में हार्दिक सीमित ओवरों में कप्तान बनाए जा सकते हैं।