बरेली। बरेली जिले में बड़ा बाईपास पर अचानक टायर फटने से कार डिवाइडर पार कर दूसरी लेन में सामने से आ रहे ट्रक से जा टकराई। इस भीषण हादसे में कार में सवार रामनगर (उत्तराखंड) के पांच दोस्तों की मौके पर ही मौत हो गई। ये लोग रामनगर से हरदोई के बिलग्राम में दरगाह पर हाजिरी देने जा रहे थे।
सोमवार रात करीब साढ़े तीन बजे यह हादसा अहलादपुर के लालपुर चौराहे के पास हुआ। रामनगर निवासी याकूब के मुताबिक सोमवार रात 11 बजे उनके समेत दस दोस्त दो कारों से हरदोई के बिलग्राम में हजरत मीर सय्यद अब्दुल वहीद बिलग्रामी की दरगाह शरीफ पर हाजिरी देने के लिए रामनगर से निकले थे।
रामपुर होते हुए रात करीब तीन बजे उन्होंने बरेली की सीमा में प्रवेश करने के बाद फतेहगंज पश्चिमी में रुककर चाय पी और फिर बड़ा बाईपास होते हुए हरदोई जाने के लिए बढ़े।
करीब साढ़े तीन बजे लालपुर चौराहे से गुजरते वक्त आगे चल रही कार अचानक पिछला टायर फटने से बेकाबू होने के बाद डिवाइडर पार करते हुए दूसरी लेन में जाकर सामने से आ रहे दूध के ट्रक से जा टकराई। दोनों वाहन काफी रफ्तार में थे लिहाजा हादसा भी काफी भीषण हुआ।
कार में बैठे रामनगर के भवानी गड्ढा निवासी सगीर अहमद (37), छप्पर वाली गली निवासी मुजम्मिल (36), भवानी आबकारी निवासी मोहम्मद ताहिर (40), रेलवे पड़ाव कॉलोनी निवासी इमरान (38) और इंद्रानगर निवासी मोहम्मद फरीद (36) की मौके पर ही मौत हो गई।
याकूब ने बताया कि उनकी कार करीब डेढ़ किलोमीटर पीछे चल रही थी। इसमें उनके साथ आसिफ, सईद, शाहिद और चांद सवार थे। जब घटनास्थल पर उन्होंने अपने साथियों की दुर्घटनाग्रस्त कार देखी तो पुलिस और परिवार के लोगों को सूचना दी।
कुछ देर बाद इज्जतनगर पुलिस पहुंची तो शवों को बाहर निकालकर जिला अस्पताल की मोर्चरी भिजवाया गया। दो शव कार में बुरी तरह फंस गए थे। उन्हें कार को कटवाकर निकालना पड़ा।
लंबे सफर पर निकले दोस्तों ने सिर्फ दस मिनट पहले साथ बैठकर चाय पी थी। ऐसा मौका काफी समय बाद मिला था, लिहाजा सभी खूब चहक रहे थे लेकिन कुछ ही पल बाद पांच दोस्तों ने हमेशा के लिए विदाई ले ली। पीछे कार में आ रहे दोस्तों ने जब दुर्घटनाग्रस्त कार देखी तो होश उड़ गए। ।
कुछ पल के लिए तो उनकी जुबान से कोई शब्द ही नहीं निकला। रूंधे गले से याकूब ने बताया कि हादसे से पहले उन सबने फतेहगंज टोल प्लाजा के पास रुककर एक साथ चाय पी थी।
वहां करीब आधा घंटे रुके, इस दौरान सभी आपस में हंसी-मजाक कर रहे थे। वहां से चलने पर सगीर और उनके साथ बैठे दोस्तों की कार आगे निकल गई।
वे लोग करीब डेढ़ किलोमीटर पीछे रह गए। कार न दिखने पर उन्होंने सगीर को फोन किया तो उन्होंने बताया कि ज्यादा दूर नहीं हैं, रास्ते में मिल जाएंगे। यह बात होने के कुछ ही मिनट बाद लालपुर चौराहे पर उन्होंने भीड़ देखी तो चौंक गए।
अंधेरा होनेे से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था, इस बात कोई अंदेशा भी नहीं था कि उन्हीं के दोस्तों की कार दुर्घटनाग्रस्त हुई होगी। लेकिन नजदीक पहुंचे तो सभी दोस्तों के होश उड़ गए।
दुर्घटनाग्रस्त कार दोस्तों की ही थी। अपनी कार से उतरकर देखा तो पता चला कि पांचों दोस्त उन्हें हमेशा के लिए छोड़कर जा चुके हैं। काफी देर सदमे में रहने के बाद कांपते हाथों से उन्होंने अजीज दोस्तों की लाशों को बाहर निकाला। याकूब यह पूरा मंजर बताते हुए भी पूरे समय कांपते रहे