बर्मिंघम। भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज की शुरुआत शुक्रवार से हो रही है, लेकिन एजबेस्टन के मैदान पर भारतीय टीम के खराब आंकड़े चिंता बढ़ा रहे हैं। टीम इंडिया इस मैदान में अब तक कोई टेस्ट मैच नहीं जीत पाई है। एजबेस्टन में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1986 में आया था, जब टीम इंडिया यहां मैच ड्रॉ कराने में कामयाब रही थी। इसके अलावा जब भी भारत इस मैदान पर टेस्ट मैच खेला है, उसे हार का सामना करना पड़ा है। अगर भारत को यह सीरीज जीतनी है तो 36 साल पुराना इतिहास दोहराना होगा या नया इतिहास रचते हुए जीत हासिल करनी होगी।
आखिरी बार भारतीय टीम ने 2018 में यहां टेस्ट मैच खेला था और इस मैच में भारत को 31 रन के करीबी अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, उससे पहले 2011 में टीम इंडिया इस मैदान पर पारी और 242 रन के भारी अंतर से हारी थी।
सात मैच खेले, छह में हार, एक ड्रॉ
एजबेस्टन में भारतीय टीम 1967 से लेकर 2018 के बीच कुल सात टेस्ट मैच खेल चुकी है। इनमें से छह मैच में भारत को हार का सामना करना पड़ा है। वहीं, 1986 में एक मैच ड्रॉ हुआ था। छह में से तीन बार तो भारत को पारी से हार का सामना करना पड़ा है, जबकि बाकी तीन हार 132 रन, आठ विकेट और 31 रन के अंतर से हुई हैं। 2018 में मिली हार ही एकमात्र ऐसी हार थी, जहां भारत के पास जीत का मौका था। इसके अलावा बाकी मैचों में इंग्लैंड पूरी तरह भारत पर हावी रहा है।
इतिहास में बदलने में माहिर है नई टीम इंडिया
भारत की मौजूदा टेस्ट टीम इतिहास बदलने में माहिर है। विराट की अगुआई में इसी टीम ने कुछ साल पहले ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराकर टेस्ट सीरीज जीती थी। विराट पहले एशियाई कप्तान बने थे, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती थी। इसके बाद अजिंक्य रहाणे की अगुवाई में भी भारत ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती। अब इंग्लैंड में भी पांच मैचों की सीरीज में भारत 2-1 से आगे है। ऐसे में पूरी उम्मीद है कि टीम इंडिया एजबेस्टन का इतिहास बदलकर पांचवें टेस्ट में जीत हासिल करेगी और सीरीज अपने नाम करेगी।
इंग्लैंड की टीम शानदार लय में है और हाल ही में न्यूजीलैंड को तीन मैच की सीरीज में क्लीन स्वीप किया था। ऐसे में भारत को सतर्क रहने की जरूरत होगी। हालांकि, भारत के खिलाड़ी 15 दिन से इंग्लैंड में हैं और अभ्यास कर रहे हैं। ऐसे में टीम इंडिया की तैयारी पूरी कही जा सकती है।