0 गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में प्रारंभ होगा विश्वविद्यालय का कौशल विकास केन्द्र
0 क्षेत्रीय वन उत्पाद की होगी ब्रांडिंग, स्वरोजगार के मिलेंगे अवसर
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के सर्किट हाउस में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के आजीविका व्यापार प्रशिक्षण केन्द्र एवं छत्तीसगढ़ शासन के बीच एमओयू हुआ। इसके अनुसार गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक सामुदायिक केन्द्र या कौशल विकास केन्द्र की स्थापना की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा जिले के ग्राम लालपुर में 3 हेक्टेयर भूमि आबंटित कर दी गई है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे प्रदेश के लिए एक बहुत अच्छा अवसर है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह एमओयू न सिर्फ विश्वविद्यालय के हित में कार्य करेगा, बल्कि यहां के स्थानीय युवाओं और जनजातीय क्षेत्रों के उन्नयन के लिए कार्य करेगा। इसके लिए राज्य शासन हर संभव मदद करेगा। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति प्रोफेसर श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि यह एमओयू मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र दुर्लभ औषधीय प्रजाति से समृद्ध है। साथ ही यहां के निवासी पेड़-पौधे और दुर्लभ जीव जंतुओं एवं औषधियों के जानकार है। उनका विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कार्य करने पर न ही सिर्फ इस क्षेत्र का विकास होगा, बल्कि पूरी मानव जाति का कल्याण होगा।
विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित केन्द्र द्वारा डिप्लोमा तथा डिग्री प्रोग्राम संचालित किए जाएंगे, जिसमें नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क के अनुकूल एवं गाइड लाईन के अनुसार विभिन्न रोजगार उन्मुख ई कौशल पाठयक्रम शामिल रहेंगे। साथ ही इस केन्द्र के सहयोग से स्वरोजगार स्थापित करने के इच्छुक अभ्यर्थियों को मार्केट लिंकेज तथा क्रेडिट लिंकेज की सेवा प्रदान की जाएगी।
इसका उद्देश्य जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्व सहायता समूह की महिलाओं, ग्रामीणों एवं युवाओं को कौशल विकास एवं रोजगारोन्मुखी, व्यवसायपरक शिक्षा प्रदान कर उन्हे आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न विधाओं में पारंगत कर जनजातीय उन्नयन की दिशा में कार्य करना है। लाइवलीहुड बिजनेस इन्क्यूबेशन (एलबीआई) के समेकित प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा क्षेत्रीय जनजातियों एवं किसानों को विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षित किया जायेगा।
केन्द्र के समेकित प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा जनजातीय समुदायों को व किसानों को विभिन्न टेªर्ड्स में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। केन्द्र द्वारा क्षेत्रीय उत्पाद कोदा,े कुटकी, शहद आदि से विभिन्न उत्पाद तैयार कर उनकी ब्रंाडिंग भी की जाएगी तथा किसानों को उचित मूल्य प्रदान किया जाएगा, जिससे क्षेत्र के किसान की आय में वृद्धि होगी और छत्तीसगढ़ के उत्पादों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। इस क्षेत्र के युवाओं को कौशल विकास में पारंगत होने से स्व रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, उच्च शिक्षा प्राप्त करने के भी अवसर मिलेंगे। साथ ही उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए बड़े शहर जाने से मुक्ति मिलेगी। इस एमओयू से इस केन्द्र में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को शोध करने का अवसर मिलेगा। क्षेत्रीय जनजातीय समुदाय को मुख्य धारा में जोड़ने, शैक्षणिक व आर्थिक रूप से समृद्ध व आत्मनिर्भर करने में सहायक सिद्ध होगा।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव सुब्रत साहू, जिले के प्रभारी सचिव अब्दुलहक केशर, बिलासपुर राजस्व संभाग के कमिश्नर डॉ. संजय अलंग, कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी, जिला पंचायत डीआरडी के परियोजना निदेशक आरके खुटे, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला मिशन प्रबंधक दुर्गाशंकर सोनी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलसचिव पी. सिलुवैनाथन, प्रोफेसर नवीन कुमार शर्मा, डॉ. आशीष माथुर, डॉ. प्रमाणिक, डॉ. दीक्षित एवं डॉ. आदित्य श्रीवास्तव उपस्थित थे।