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नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने देशभर में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं उपलब्ध कराने का आश्वासन देते हुए कहा है कि प्रत्येक जिले में एक सौ करोड़ रुपए की लागत से एक अत्याधुनिक अस्पताल बनाया जाएगा।

श्री मांडविया ने राज्यसभा में राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा के निजी विधेयक स्वास्थ्य का अधिकार 2021 पर चली पांच घंटे की चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने की व्यापक संभावना है। अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में अगले पांच साल के दौरान कम से कम एक और अस्पताल बनाया जाएगा। जिसमें सभी तरह की सुविधाएं मौजूद होंगी और इन अस्पतालों में 130 प्रकार की जांच सुविधाएं उपलब्ध होंगी। ये अस्पताल निगरानी केंद्र के तौर पर काम करेंगे जिससे भविष्य में होने वाली बीमारियों पर नजर रखी जा सके। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रत्येक अस्पताल पर एक सौ करोड़ रुपए खर्च करेगी। विधेयक पर चली चर्चा में 15 सदस्यों ने भाग लिया।

श्री मांडविया ने कहा कि सरकार मानती है कि स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा किफायती और सुलभ होनी चाहिए। इसके लिए समग्र परिदृश्य में स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र को देखा गया है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ समाज की समृद्ध राष्ट्र का निर्माण करेगा। सरकार इसे मानती है और इस दिशा में बढ़ आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि गरीबी उन्मूलन योजना से स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि सरकार ने गरीबी उन्मूलन योजना के अंतर्गत आवास, रसोई, ईंधन, बिजली उपलब्धता, पोषण , स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता आदि संबंधी योजना चलाई है जो समग्र स्वास्थ्य की दिशा में कदम हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य देखभाल सेवा का बजट 33000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 83000 करोड़ रुपए कर दिया है। इसे भविष्य में और भी बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र उद्योग नहीं बल्कि सेवा क्षेत्र है। इसी कारण कोरोना महामारी के दौरान दवाइयों की कमी नहीं हुई। पूरी दुनिया को दवाइयां भेजी गई। दुनिया के 150 देशों में कोरोना इलाज की दवाइयां भेजी गई थी।

उन्होंने कहा कि देश में आयुष्मान भारत के अंतर्गत 150000 आरोग्य केंद्र बनाए जा रहे हैं। यह केंद्र प्राथमिक शिक्षा केंद्र के रूप में काम करेंगे। इन केंद्रों से टेलीमेडिसिन सेवाएं दी जा रही है। देश में 800 व्यक्तियों पर एक डॉक्टर उपलब्ध है। देश में 13 लाख से अधिक एलोपैथिक डॉक्टर और साढ़े पांच लाख से अधिक आयुष डॉक्टर उपलब्ध है।
श्री मांडविया ने कहा कि सरकार ने गरीब लोगों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के प्रयास किए हैं। नए चिकित्सालय और चिकित्सा कॉलेज खोले जा रहे हैं। इससे जनसंख्या के अनुरूप चिकित्सक उपलब्ध हो सकेंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार स्वच्छता अभियान चला रही है जो एक स्वस्थ समाज के लिए आवश्यक है। जहां जहां शौचालय बनाए गए हैं वहां समाज के स्वास्थ्य में गुणात्मक सुधार हुआ है। खेलो इंडिया से युवा पीढ़ी स्वस्थ हो रही है। राज्यों में एम्स अस्पताल खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने बच्चों और गर्भवती महिला पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए अभियान चलाया है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं की लागत लगातार निगरानी की जाती है, जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार होता है। जन औषधि के जरिए आम जनता को स्वास्थ्य की गारंटी दी गई है।

उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में काम करने के लिए एक स्वस्थ शरीर आवश्यक है। स्वास्थ्य का अधिकार वास्तविकता की धरातल पर खरा नहीं उतरता। भारत विकासशील देश है। इसे समझा जाना चाहिए। देश में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतरी की ओर हैं और सरकार लगातार प्रयास कर रहे हैं। समस्या और खामियों को पहचाना जा रहा है तथा उसका निराकरण किया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने निजी विधेयक वापस लेने का अनुरोध करते हुए कहा कि सरकार विधेयक के उद्देश्यों के अनुरूप काम कर रही है और आगे भी इसी के दिशा में काम करने का आश्वासन देती है।