नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने 2002 के गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तत्कालीन मुख्यमंत्री) को दी गई 'क्लीन चिट' को मंजूरी देने के अपने फैसले के अगले दिन जालसाजी और आपराधिक साजिश के आरोप में गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार से कई सवाल पूछे और मौखिक रूप से कहा कि ऐसे मामलों में जमानत देने पर कोई रोक नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित और न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट्ट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने राज्य सरकार का पक्ष रख रहे सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता और तीस्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की दलीलें सुनने के बाद उच्च न्यायालय द्वारा तीस्ता की जमानत याचिका पर अगली सुनवाई की तारीख छह सप्ताह बाद देने पर सवाल करते हुए कहा कि वह इस मामले पर शुक्रवार को अगली सुनवाई करेगी।