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नई दिल्ली। सरकार ने 8 सीट तक वाली M1 कैटेगरी की कारों में 6 एयरबैग जरूरी करने के फैसले को एक साल के लिए टाल दिया है। यह फैसला 1 अक्टूबर 2022 से लागू होना था, लेकिन अब 1 अक्टूबर 2023 से लागू होगा। इसकी जानकारी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को दी। उन्होंने कहा कि ऑटो इंडस्ट्री फिलहाल ग्लोबल सप्लाई चेन से जुड़ी दिक्कतों का सामना कर रही है, इसी को ध्यान में रखते हुए इसे टाला गया है।

गडकरी ने कार में 6 एयरबैग्स देने की योजना पर पिछले साल से ही काम करना शुरू कर दिया था। इससे पहले मंत्रालय ने 1 जुलाई 2019 से ड्राइवर एयरबैग और 1 जनवरी 2022 से फ्रंट पैसेंजर एयरबैग को मैंडेटरी किया था। अभी किसी भी कार के बेस वैरिएंट में 2 एयरबैग्स मिलते हैं। इसमें एक ड्राइवर और दूसरा फ्रंट पैसेंजर के लिए होता है।

30,000 रुपए तक बढ़ जाएगी कार की कीमत
ऑटो एक्सपर्ट्स के मुताबिक एंट्री लेवल मॉडल में 6 एयरबैग से कार की कीमत करीब 30,000 रुपए बढ़ सकती है। पिछली सीट के पैसेंजर्स के लिए 4 एयरबैग्स जोड़ने में 8,000 से 9,000 रुपए का खर्च आ सकता है। एक एयरबैग की कीमत करीब 1,800 रुपए होती है। वहीं, स्ट्रक्चर में बदलाव करने में भी पैसे खर्च होंगे। डिवाइस और लेबर कॉस्ट भी बढ़ जाएगी।

कैसे काम करते हैं एयरबैग?
सामने से वाहन के टकराने पर एक सेकेंड से भी कम समय में एयरबैग खुलकर पैसेंजर के सिर और सीने को सुरक्षा देते हैं। इससे शरीर डैशबोर्ड से टकराने से बच जाता है। हां, एयरबैग आपको पूरी तरह सुरक्षा दे, इसके लिए सीट बेल्ट जरूर लगा होना चाहिए। यदि सीट बेल्ट नहीं लगाया है तो एयरबैग ही चोट पहुंचा देते हैं। गर्दन की हड्‌डी टूटने के साथ चेहरे पर चोट लगने की भी आशंका होती है।

लोगों की सिक्योरिटी सबसे अहम
गडकरी ने कहा कि मोटर वाहनों में सफर करने वाले सभी पैसेंजर्स की सुरक्षा सबसे अहम प्रायोरिटी। इस महीने की शुरुआत में गडकरी ने ई-कॉमर्स कंपनियों को कार सीट बेल्ट अलार्म को डिसेबल करने के लिए डिजाइन किए गए डिवाइस की बिक्री बंद करने का निर्देश दिया था। गडकरी ने कहा था, उनका मंत्रालय 2024 के आखिर तक रोड एक्सीडेंट से रिलेटेड मौतों को आधा करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।