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मुंबई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के नए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की फाइनल लिस्ट से पूर्व टेस्ट उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे और तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा का पत्ता कट सकता है। 21 दिसंबर को बीसीसीआई की शीर्ष परिषद की बैठक होनी है और इस बैठक में सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट को लेकर बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। इसके अलावा सूर्यकुमार यादव और शुभमन गिल को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में प्रमोशन मिल सकता है।

फ्यूचर के टी20 कप्तान के रूप में पेश किए जा रहे हार्दिक पांड्या को ग्रुप सी से ग्रुप बी में प्रमोट किए जाने की संभावना है। इस बैठक के एजेंडे में 12 मुद्दे शामिल हैं। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित की जाएगी। भारतीय टीम का टी20 वर्ल्ड कप और बांग्लादेश वनडे में प्रदर्शन की समीक्षा एजेंडे का हिस्सा नहीं है, लेकिन अगर अध्यक्ष जरूरी समझें तो चर्चा के लिए गैर-सूचीबद्ध मुद्दों पर विचार किया जा सकता है।

इस बैठक में शीर्ष परिषद वी जयदेवन के लिए एकमुश्त भुगतान की भी पुष्टि करेगी। जयदेवन की तैयार की गई प्रणाली (वीजेडी) का इस्तेमाल बारिश से प्रभावित घरेलू सीमित ओवरों के मैचों में होता है। जिसका वर्षा-नियम सूत्र एक दशक से अधिक समय से घरेलू सफेद गेंद के खेल में उपयोग किया जा रहा है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी डकवर्थ-लुईस-स्टर्न पद्धति (डीएलएस) का उपयोग करता है जबकि वीजेडी का उपयोग मुश्ताक अली टी-20, विजय हजारे ट्रॉफी और पूर्ववर्ती देवधर ट्रॉफी और चैलेंजर ट्रॉफी के लिए किया जाता है।

इस बैठक का मुख्य मुद्दा सीनियर पुरुष और महिला टीमों के लिए 'रीटेनरशिप अनुबंध' पर चर्चा करना है।भारतीय टीम में जगह बनाने की दौड़ से लगभग बाहर हो चुके पूर्व उप-कप्तान रहाणे और तेज गेंदबाज ईशांत का लिस्ट से बाहर होना लगभग तय है। विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा को भी लिस्ट से बाहर कर दिया जाएगा क्योंकि उन्हें साल की शुरुआत में बता दिया गया था कि उन्हें फिर से भारत के लिए नहीं चुना जाएगा।

बीसीसीआई चार वर्गों में खिलाड़ियों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट देता है जिसमें ए प्लस (सात करोड़ रुपये सालाना), ग्रुप ए (पांच करोड़ रुपये सालाना) ग्रुप बी (तीन करोड़ रुपये सालाना), और ग्रुप सी (एक करोड़ रुपये सालाना) शामिल है। बीसीसीआई खिलाड़ियों के इंटरनेशनल प्रदर्शन के अलावा कई और मानकों को देखते हुए इस कॉन्ट्रैक्ट में शामिल करता है। इसमें राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के परामर्श करना भी शामिल है। ए प्लस और ए ऐसी कैटेगरी हैं जहां खिलाड़ी या तो सभी फॉर्मेट में नियमित तौर पर खेलते है या कम से कम टेस्ट टीम में उनकी जगह सुनिश्चित हो।

ग्रुप बी में जगह पाने के लिए एक क्रिकेटर को कम से कम दो फॉर्मेट खेलने होते हैं, जबकि ग्रुप सी मुख्य रूप से एक फॉर्मेट में खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए होता है। इस लिस्ट में जगह बनाने के लिए विशिष्ट संख्या में अंतरराष्ट्रीय मैचों (प्रति फॉर्मेट) में खेलने की जरूरत होती है। प्रमोशन हालांकि प्रदर्शन-आधारित होता है और इसमें आईसीसी रैंकिंग को भी ध्यान में रखा जाता है।