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भुवनेश्वर। भुवनेश्वर और राउरकेला में 13 जनवरी से 15वें हॉकी वर्ल्ड कप की शुरुआत होगी। 29 जनवरी तक खेले जाने वाले वर्ल्ड कप की मेजबानी भारत को चौथी बार मिली है। हॉकी में स्वर्णिम इतिहास के बावजूद भारत इस टूर्नामेंट में अब तक विशेष कामयाबी हासिल नहीं कर सका है।

ओलिंपिक में 8 बार गोल्ड मेडल जीतने वाला भारत सिर्फ 1975 में हॉकी का वर्ल्ड चैंपियन बन पाया। तब से 48 साल बीत चुके हैं और भारत को हॉकी वर्ल्ड कप में तीसरा स्थान तक नसीब नहीं हुआ है।

इस स्टोरी में हम जानेंगे कि वर्ल्ड कप में हमारा प्रदर्शन कमजोर क्यों रहा है। साथ ही यह भी देखेंगे कि इस टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे ज्यादा चार बार खिताब जीतने वाला पाकिस्तान इस बार हिस्सा क्यों नहीं ले रहा है?

जब हम खेल में कमजोर हो रहे थे तब यह टूर्नामेंट शुरू ही हुआ
वर्ल्ड कप में भारत के कमजोर प्रदर्शन के पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि जब इस टूर्नामेंट की शुरुआत हुई लगभग उसी समय हमारा खेल ढलान पर आने लगा था। भारत 1920 से लेकर 1960 के दशक तक हॉकी प्लेइंग कंट्रीज में सबसे मजबूत रहा था। लेकिन, 1970 के दशक से धीरे-धीरे भारतीय खेल के स्तर में गिरावट आने लगी थी। पहला हॉकी वर्ल्ड कप ही 1971 में आयोजित हुआ।

पहले एडिशन में भारत ने ब्रॉन्ज जीता था। दूसरे वर्ल्ड कप में हमें सिल्वर मिला और तीसरे एडिशन में हम चैंपियन बने। इसके बाद भारत के हाथ कुछ नहीं लगा।

कॉमनवेल्थ गेम्स में एक भी गोल्ड नहीं
1998 में पहली बार पुरुष हॉकी को कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल किया गया। तब से सातों गोल्ड मेडल ऑस्ट्रेलिया ने ही जीते। भारत ने 3 बार सिल्वर मेडल जीते और 2 बार चौथे स्थान पर रहा। इंग्लैंड ने सबसे ज्यादा 4 बार ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। हम इस बार के बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स का फाइनल मुकाबला भी हार गए थे।

टोक्यो ओलिंपिक से बदली है स्थिति
लंबे समय तक संघर्ष करने के बाद अब भारतीय टीम अब एस्ट्रो टर्फ की रफ्तार का मुकाबला करने में सक्षम होने लगी है। टोक्यो ओलिंपिक (2021) में भारत ने ब्रॉन्ज जीता। 41 साल बाद भारत ने ओलिंपिक में कोई मेडल जीता। अब उम्मीद की जा रही है कि वर्ल्ड कप में भी टीम बेहतर खेल दिखलाएगी।

इस बार पाकिस्तान नहीं कर सका क्वालिफाई
एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाइंग टूर्नामेंट होता है। इसमें टॉप-4 में रहने वाली टीमें वर्ल्ड कप का टिकट हासिल करती है। पाकिस्तान की टीम पिछले एशिया कप में टॉप-4 में नहीं पहुंच पाई, लिहाजा वह वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकी।