0 ठाकरे गुट को फ्लोर टेस्ट में शामिल होना था; गवर्नर गलत होते, तो हम कुछ करते
नई दिल्ली। शिवसेना पार्टी और चुनाव चिह्न के मामले में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने गुरुवार को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया। मामले में 5 जजों की बेंच के सामने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट ने 9 दिन तक अपनी दलीलें दी।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल का विश्वास मत बुलाने का फैसला गलत था, लेकिन उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे दिया था इसलिए हम उनकी सरकार को बहाल नहीं कर सकते।
फ्लोर टेस्ट दिया होता तो बात अलग होतीः कोर्ट
उद्धव ठाकरे की शिवसेना का पक्ष रख रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से उद्धव सरकार को बहाल करने की मांग की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उद्धव ने फ्लोर टेस्ट में शामिल होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। इसका मतलब उन्होंने खुद ही हार स्वीकार कर ली। सीजेआई ने कहा कि अगर उद्धव गुट फ्लोर टेस्ट में शामिल हुआ होता तो राज्यपाल के फैसले को असंवैधानिक पाए जाने पर हम कुछ कर सकते थे। तब हम फ्लोर टेस्ट को गलत ठहरा सकते थे। अब अगर हम आपकी सरकार को दोबारा बहाल कर दें तो संवैधानिक परेशानियां पैदा हो जाएंगी।
सीजेआई की ऑनलाइन ट्रोलिंग हो रही है: कांग्रेस
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को भाजपा और शिंदे समर्थक ऑनलाइन ट्रोल कर रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रपति से ट्रोल्स पर तुंरत एक्शन लेने की मांग की है।
विवेक तन्खा ने कहा कि सीजेआई महाराष्ट्र मामले की सुनवाई कर रहे हैं इसलिए उन्हें ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी ट्रोलिंग तभी संभव है जब ट्रोलों को सत्ताधारी पार्टी का समर्थन मिल रहा हो।