0 लॉन्च करके वापस लाया जाएगा, समुद्र में होगी लैंडिंग
बेंगलुरु। चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग के बाद इसरो अब गगनयान प्रोजेक्ट में जुट गई है। इस प्रोजेक्ट में तीन लोगों को तीन दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाना है। उन्हें 400 किमी की कक्षा में लॉन्च करके वापस लाया जाएगा और समुद्र में लैंडिंग कराई जाएगी। इसरो ने बुधवार को तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (SMPS) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
गगनयान का सर्विस मॉड्यूल एक बाई प्रोपेलेंट बेस्ड प्रोपल्शन सिस्टम है। जो अंतरिक्ष में जाने के दौरान ऑर्बिटल मॉड्यूल की जरूरतों को पूरा करता है। इसमें ऑर्बिट इंजेक्शन, सर्कुलराइजेशन, ऑन-ऑर्बिट कंट्रोल, डी-बूस्ट पैंतरेबाज़ी और एबोर्ट शामिल हैं। इसरो ने कहा कि हॉट टेस्टिंग 250 सेकंड तक चली। इसमें परीक्षण प्रोफाइल का पालन करते हुए आरसीएस थ्रस्टर्स के साथ-साथ एलएएम इंजनों को कंटीन्यूड मोड में फायर किया गया।
गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम को लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) ने डिजाइन और विकसित किया गया है। इसरो ने पहले पांच हॉट टेस्ट थे, जो कुल 2,750 सेकंड के थे।
अगस्त में लॉन्च होगा पहला गगनयान मिशन
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने पिछले महीने कहा था कि भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान अगस्त के अंत में लॉन्च किया जाएगा, जबकि मानव रहित मिशन अगले साल लॉन्च होगा। भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (PRL) में एक कार्यक्रम के मौके पर सोमनाथ ने कहा था कि गगनयान मिशन के लिए हमने एक नया रॉकेट बनाया है जो श्रीहरिकोटा में तैयार है। क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम को जोड़ने का काम शुरू हो गया है। इस महीने के अंत तक यह काम पूरा हो जाएगा और सभी परीक्षण कर लिए जाएंगे। परियोजना के हिस्से के रूप में ‘कक्षा में मानव रहित मिशन’ अगले साल की शुरुआत में होगा। 2024 की शुरुआत में, हमारे पास कक्षा में मानवरहित मिशन होगा और वहां से इसे सुरक्षित वापस लाना है, जो तीसरा मिशन होगा। वर्तमान में हमने इन तीन मिशनों को निर्धारित किया है। सोमनाथ ने कहा था, गगनयान के क्रू सदस्यों की सुरक्षा सबसे अहम है। इसके लिए हम कोशिश कर रहे हैं