0 शीर्ष अदालत ने ईडी से 5 सवाल पूछे, 3 मई को अगली सुनवाई
नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति केस में गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाए।
बेंच ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील एएसजी एसवी राजू से पूछा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही क्यों गिरफ्तार किया गया। स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है, आप इससे इनकार नहीं कर सकते। कोर्ट ने 5 सवालों के जवाब के साथ 3 मई को सुनवाई की तारीख रखी।
इससे पहले बेंच ने 29 अप्रैल की सुनवाई में कोर्ट ने केजरीवाल से पूछा था कि आपको ईडी ने जो नोटिस भेजे, आपने उन्हें नजरअंदाज क्यों किया। आप गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ यहां आए, आपने जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट क्यों नहीं गए।
इस पर केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि गिरफ्तारी अवैध है इसलिए। ईडी के वकील एसवी राजू ने कहा कि इन्होंने पिछली कस्टडी का भी विरोध नहीं किया था।
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था- गिरफ्तारी सही
ईडी ने 24 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नौ बार समन मिलने के बावजूद केजरीवाल पूछताछ से बच रहे थे। उनके इसी रवैए से जांच अधिकारी को गिरफ्तारी की वजह मिली है। साथ ही जांच अधिकारी के पास मौजूद चीजों ने भी यह साबित करने में मदद की है कि वे दोषी हैं। केजरीवाल से 21 मार्च को तलाशी के दौरान उनके मोबाइल फोन का पासवर्ड मांगा गया। ईडी की हिरासत के दौरान भी यही पूछा गया। उन्होंने इसे शेयर करने से इनकार कर दिया।
हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को सही बताया था
9 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही बताया था। साथ ही कहा था कि ईडी के पास गिरफ्तारी के पर्याप्त सबूत हैं। इसके बाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 10 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। 15 अप्रैल को सुनवाई करते हुए शीर्ष कोर्ट ने 29 अप्रैल की तारीख दी थी। कल सिंघवी ने एक घंटे तक दलीलें रखी थीं।
सिसोदिया इसी मामले में जेल में, संजय सिंह जमानत पर
केजरीवाल से पहले शराब नीति केस में आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की भी गिरफ्तारी हुई थी। सिसोदिया 26 फरवरी 2023 से जेल में बंद हैं। संजय सिंह को ईडी ने 4 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था। इसी महीने 2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। तिहाड़ में 6 महीने रहने के बाद 3 अप्रैल को वो बाहर आए थे।