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0 गृह मंत्री ने कहा-माओवादी बताएं अपनी पुनर्वास नीति में वह क्या चाहते हैं 

0 नक्सलियों से वार्ता की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है 
0 शर्मा ने पुनर्वास नीति सुझाव के लिये मेल आईडी, गूगल फॉर्म जारी किया

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद खत्म करने के लिए राज्य सरकार नई सरेंडर पॉलिसी (समर्पण नीति) ला सकती है। इसके लिए सरकार ने हर वर्ग से सुझाव मांगा है। इसके लिए बाकायदा गूगल फॉर्म जारी किया गया है। इसके अलावा नक्सली वीडियो कॉल या चिठ्‌ठी के माध्यम से भी अपनी बात रख सकते हैं। डिप्टी सीएम व गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों से वार्ता की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ते हुए पुनर्वास नीति सुझाव के लिए ईमेल आईडी और गूगल फॉर्म जारी कर माओवादियों से आग्रह किया है की वे स्वयं बताएं कि उनके पुनर्वास नीति क्या होनी चाहिए।

डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने बुधवार को जगदलपुर में कहा कि वे (नक्सली) ही बताएं कि पुनर्वास नीति में क्या बदलाव चाहते हैं? हम काम करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि बस्तर से नक्सलवाद को खत्म किया जाए। उन्होंने कहां कि मैं हमेशा कहता हूं की वार्ता के सारे रास्ते खुले हैं और इसके लिए हमारी भाजपा की विष्णुदेव सरकार ने  नियद नेल्ला नार नाम से योजना लाकर गांव में सड़क ,स्वास्थ्य, पानी, सुविधा प्रारम्भ कर समानता और विकास का एक वातावरण तैयार कर दिया हैं और यह बात भटके हुए युवा समझ रहे हैं इसीलिए हम उन्हीं से पूछ रहे हैं कि उनके पुनर्वास नीति क्या होनी चाहिए। ताकि मुख्य धारा में जुड़कर प्रदेश और देश की विकास में भागीदारी कर सके।

 पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आप और समाज समर्थ है नक्सलवाद की इस समस्या के हल के लिए। सरकार स्वयं मानती है की आपरेशन मुख्य विषय नही है और यह तो सरकार के प्रयास का बहुत छोटा सा हिस्सा है सरकार का मुख्य प्रयास प्रभावित क्षेत्र में विकास करना, आदिवासी क्षेत्र की सामाजिक , सांस्कृतिक और आर्थिक विकास के कार्य करना है। साथ ही साथ जो युवा नक्सलवादी विचारधारा छोड़कर पुनर्वासित हुए है  उनके लिए कार्य कर रही है और उनके सर्वांगीण  विकास की योजना आगे बढ़ा रही है।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने युवाओं को भड़काने वाले नक्सली नेताओं से पूछा है कि चीन जैसे देशों में भी माओवाद है लेकिन वहां सामाजिक धार्मिक आर्थिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता शून्य है क्या वे ऐसा राज्य चाहते हैं। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा जी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पुनर्वास नीति बहुत ही अच्छी है लेकिन उसे बेहतर बनाने के लिए किसी भी राज्य में जाकर अध्ययन करने को तैयार है परंतु मुख्य विषय यह है की ना अधिकारियों को समर्पण करना है ,ना पत्रकारों को, ना शासन में बैठे लोगों को और ना आमजनों को, समर्पण माओवादियों को करना है औऱ यह पहल उन्हीं के लिए है कि वह स्वयं बताएं कि उनके पुनर्वास नीति क्या होनी चाहिए। बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिहदेव, बस्तर जिला अध्यक्ष रूप सिह मंडावी, चित्रकूट विधायक विनायक गोयल, सुभाउ कश्यप उपस्थित थे।

जो भटक गए, वो मुख्य धारा में लौट आएं
गृहमंत्री शर्मा ने कहा कि जो लोग (नक्सली) मुख्य धारा से भटक चुके हैं। हाथों में हथियार थाम लिया है, वे मुख्यधारा में लौट आएं। उन्होंने कहा कि हम नई समर्पण नीति, पुनर्वास नीति के तहत काम करना चाहते हैं।

2 क्यूआर कोड वाला फॉर्म बनाया
विजय शर्मा ने कहा कि, नक्सलियों की पुनर्वास नीति के सुझाव के लिए हमने हमने एक गूगल फॉर्म तैयार किया है। जिसमें 2 क्यूआर कोड हैं। एक ईमेल आईडी का है और दूसरा गूगल फॉर्म का है। समर्पण नीति को लेकर यदि सुझाव देना चाहते हैं तो इन दोनों कोड में स्कैन कर दे सकते हैं। सरकार विचार कर बेहतर काम करने की कोशिश करेगी।

पड़ोसी राज्य की नीति का करेंगे अध्ययन
जब पत्रकारों ने उनसे कहा कि यहां के नक्सली पड़ोसी राज्य में जाकर जाकर सरेंडर कर रहे हैं। हो सकता है वहां की नीति बेहतर हो। सरकार को वहां की पुनर्वास नीति को भी समझना चाहिए। जिसका जवाब देते हुए विजय शर्मा ने कहा कि जरूर, मैं खुद जाऊंगा और जाकर इस मामले को लेकर अध्ययन करूंगा। कोशिश रहेगी कि हम नक्सल उन्मूलन के लिए बेहतर काम कर सकें।

सरेंडर नक्सली से की थी वीडियो कॉल पर बात
गृहमंत्री शर्मा ने 3 दिन पहले वीडियो कॉल पर सरेंडर करने वाले नक्सली दंपती से बात की थी। दंपती ने 10वीं की परीक्षा पास की थी। इस दौरान शर्मा ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि, ठीक है बहन, घर आऊंगा तो खाना खिलाओगी न...भाजी बनाना। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि रायपुर आओ तो मिलना। सरेंडर नक्सली दिवाकर पर 14 लाख का इनाम था।