0 नक्सली नेता ने कहा- सरकार रख रही शर्त, बस्तर का दोहन चाहती है
0 कल गृह मंत्री शर्मा ने कहा था- मुख्यधारा में लौटें नक्सली
जगदलपुर/रायपुर। बस्तर के अबूझमाड़ इलाके में गुरुवार को 8 नक्सलियों के एनकाउंटर के बाद माओवादियों ने सरकार से बातचीत करने की बात कही है। नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के सदस्य प्रताप ने मीडिया के माध्यम से सरकार को पत्र लिखा। इसमें लिखा है कि खून-खराबा रोकने हम बातचीत के लिए तैयार हैं। इस पत्र में उन्होंने सरकार के साथ वार्ता का जिक्र किया है।
नक्सली नेता प्रताप ने कहा कि बस्तर में हो रहे खून खराबा को रोकने के लिए हम वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन इससे पहले कुछ बातें हैं जिसे स्पष्ट करना है। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प दो बार वार्ता के लिए अपनी राय दे चुके हैं, लेकिन उस पर सरकार की ओर से ईमानदारी के साथ कुछ भी रिस्पांस नहीं आया है।
जनवादी माहौल में वार्ता चाहते हैं
अब ऐसे में यह कहा जा रहा है कि हम वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं। माहौल ऐसा बना है कि हमने कुछ शर्त रखी हैं, लेकिन यह गलत है। हम एक जनवादी माहौल में वार्ता चाहते हैं। शांतिपूर्ण माहौल को कायम रखने के लिए वार्ता चाहते हैं। खून खराबा को रोकने के लिए वार्ता को स्वीकारते हैं।
'प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिए हम लड़ रहे हैं
नक्सली ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने वार्ता के लिए पहले कुछ शर्तें रखी हैं। उन्होंने रोड निर्माण का काम बंद न करने की शर्त रखी है, लेकिन हर कोई जानता है कि अपने जल-जंगल-जमीन और प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिए हम लड़ रहे हैं। वहीं, विजय शर्मा संसाधनों का दोहन चाहते हैं।
सरकार ईमानदारी से और बिना शर्त वार्ता के लिए तैयार नहीं
नक्सली ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा वार्ता के लिए पहले कुछ शर्त रखे हैं। उन्होंने रोड काम बंद न करने की शर्त रखे हैं, लेकिन हर कोई जानता है कि अपने जल-जंगल-जमीन के लिए और अनमोल प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिए हम लड़ रहे हैं। वहीं विजय शर्मा संसाधनों का दोहन चाहते हैं। इसका मतलब है कि वार्ता के लिए शर्त माओवादी नहीं बल्कि सरकार रख रही है। इससे यह जाहिर होता है कि सरकार ईमानदारी से और बिना शर्त वार्ता के लिए कभी तैयार नहीं है। आप ने किसी माध्यम से हमसे प्रश्न किया था कि हिंसा के माहौल में वार्ता के लिए तैयार हैं? जिसका उत्तर है कि सरकार की चाल है कि नरसंहार बढ़ने से और दमन दहशत, हत्या, अत्याचार और खून खराबा के माहौल को बढ़ाने से माओवादियों पर प्रेशर बढ़ेगा। वे लोग वार्ता के लिए मजबूर हो जाएंगे।
कोई क्रांतिकारी घुटने टेककर वार्ता के लिए नहीं आएगा
नक्सली ने आगे लिखा है कि इसका मतलब यह होता है कि माओवादियों से आत्मसमर्पण करवाने के अलावा सरकार के विचारों में और कुछ नहीं है। यही बात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बार-बार दोहरा रहे हैं। वे कह रहे हैं कि नक्सली हथियार छोड़कर वार्ता के लिए आएं, सरकार उन लोगों से वार्ता करेगी। लेकिन यह संभव नहीं है। कोई क्रांतिकारी सरकार के सामने घुटने टेककर वार्ता के लिए नहीं आएगा। यदि सरकार ईमानदारी के साथ एक शांतिपूर्ण जनवादी माहौल बनाएगी तो वार्ता के लिए तैयार हैं। उसमें आदिवासी समाज की भूमिका रहेगी। हमारी लड़ाई आदिवासियों के हित के लिए है। सरकार यदि उनके हित में अहम भूमिका निभाती है तो हम प्रदेश सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हैं।
ऑपरेशन जहां आवश्यक है वहां करना होता है : विजय शर्मा
रायपुर। नारायणपुर में नक्सल मुठभेड़ में 8 नक्सलियों के मारे जाने के बाद गृह मंत्री विजय शर्मा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि नारायणपुर बीजापुर में जवानों ने 8 नक्सली मार गिराए। जवानों के शौर्य और भुजाओं का यह आधार है। उन्होंने नक्सलियों को संदेश देते हुए कहा कि नक्सली मुख्यधारा में जुड़ें, लक्ष्य निर्धारित करें, अगर उन्नति उनका रास्ता है तो एक रास्ता बन सकता है। वही, नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के लिखे हुए लेटर पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि ऑपरेशन जहां आवश्यक है, वहां करना होता है। सड़क भी बनानी होगी। इन सभी बातों के साथ कहना चाहता हूं कि चाणक्य की बात करते हैं, वही राग अलापते हैं। इसका कोई अर्थ नहीं होने वाला है। नक्सलियों से आग्रह है कि वार्तालाप करें। अगर लक्ष्य एक है, तो रास्ता एक हो सकता है। सेंट्रल कमेटी अगर बात करती है तो हर्ष का विषय है। यानी जो टॉप कैडर है वह आंध्र और तेलंगाना के हैं और छत्तीसगढ़ कैडर उसके नीचे है, इसलिए जो भी बात करना चाहे हम तैयार है।
वार्ता के लिए तैयार, पुनर्वास नीति में क्या बदलाव चाहते हैं वे ही बताएंः विजय शर्मा
छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने मीडिया के माध्यम से नक्सलियों से कहा कि वे ही बताएं कि पुनर्वास नीति में क्या बदलाव चाहते हैं? हम काम करेंगे। हमारी पूरी कोशिश है कि बस्तर से नक्सलवाद को खत्म किया जाए। जो लोग मुख्यधारा से भटक चुके हैं, हाथों में हथियार थाम लिए हैं वे मुख्यधारा में लौट आएं। उन्होंने कहा कि हम नई समर्पण नीति, पुनर्वास नीति के तहत काम करना चाहते हैं। चाहे वीडियो कॉल के माध्यम से हो या फिर चिट्ठी के माध्यम से, या अन्य किसी माध्यम से नक्सली वार्ता करना चाहते हैं तो हम तैयार हैं।
नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के सदस्य प्रताप ने मीडिया के माध्यम से सरकार को पत्र लिखा :-