0 लता उसेंडी ओडिशा की सह प्रभारी बनाई गईं
0 ओम माथुर ने दिल्ली में डाला डेरा
रायपुर। छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश प्रभारी बदल दिए गए हैं। अब नितिन नबीन को जिम्मेदारी सौंपी गई है। नितिन इससे पहले प्रदेश के सह प्रभारी रह चुके हैं। वहीं कोंडागांव से विधायक लता उसेंडी को ओडिशा का सह प्रभारी बनाया गया है। इसे लेकर शुक्रवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नियुक्ति आदेश जारी कर दिए हैं।
अभी तक छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी ओम माथुर के पास थी, लेकिन वह विधानसभा चुनाव के बाद से ही एक्टिव नहीं थे। लोकसभा चुनाव में भी सारी कमान नितिन नबीन ने अपने हाथ में ले रखी थी। पार्टी ने उन्हें प्रदेश में चुनाव प्रभारी बनाया था। बताया जा रहा है कि ओम माथुर फिलहाल दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं।
लता उसेंडी को भी दी गई नई जिम्मेदारी
वहीं कोंडागांव की विधायक लता उसेंडी को लेकर भी शुक्रवार को आदेश जारी हुआ है। उन्होंने ओडिशा का सहप्रभारी बनाया गया है। कोंडागांव में लता उसेंडी ने पिछले विधानसभा चुनाव में मोहन मरकाम को 18572 वोटों से हराया। छत्तीसगढ़ की कोंडागांव सीट से आदिवासी नेता मोहन मरकाम दो बार कांग्रेस से जीत हासिल कर रहे थे। वह जून 2019 से जुलाई 2023 तक छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे और भूपेश सरकार में मंत्री भी थे।
कौन हैं नितिन नबीन, जिन्हें मिली कमान
नितिन नबीन बिहार सरकार में मंत्री हैं और भाजपा के दिग्गज नेता नबीन किशोर सिन्हा के बेटे हैं। नितिन चार बार बांकीपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा को बड़े अंतर से हराया था। वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं। साल 2023 में उन्हें पहली बार छत्तीसगढ़ भाजपा का सह प्रभारी बनाया गया था। तब ओम माथुर प्रभारी थे। नितिन नबीन की हालिया उपलब्धि विधानसभा और फिर लोकसभा में छत्तीसगढ़ में भाजपा को जीत दिलाना रही है। भूपेश बघेल और कांग्रेस के दोबारा चुनाव जीतने के सपने को चूर-चूर करने में नबीन की रणनीति ने अहम योगदान दिया।
जब हुआ था नबीन पर हमला
नितिन नबीन पर एक बड़ा हमला हुआ था। पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी को लेकर नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे थे। तब नबीन रांची में थे और किसी पारिवारिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे। किसी तरह उन्होंने अपनी जान बचाई थी। उनकी गाड़ी पर प्रदर्शनकारियों ने ईंट-पत्थर और रॉड से हमला किया था।
राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में माथुर
माथुर के चुपचाप छत्तीसगढ़ छोड़ जाने के पीछे एक और वजह की चर्चा है। वो यह है कि माथुर भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की जुगत में हैं। यही वजह है वो दिल्ली नहीं छोड़ रहे। लगातार उनकी संघ के लोगों से चर्चा जारी है। माथुर को यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़ से लेकर कई राज्यों में पार्टी की सरकारें बनवाने का क्रेडिट मिल चुका है। हालांकि, राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की राह में माथुर की 72 साल की उम्र रोड़ा है।