0 प्रदेश में नक्सलवाद के खात्मे पर लेंगे बैठक
0 5 लेयर में सुरक्षा व्यवस्था, ड्रोन, दूरबीन से निगरानी
रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर रहेंगे। श्री शाह शुक्रवार रात करीब 10 बजे रायपुर पहुंचेंगे। बीएसएफ या वायु सेना के विशेष विमान से शाह आएंगे। रायपुर में केंद्रीय गृह मंत्री 3 दिन बिताएंगे। अमित शाह का ये दौरा इस वजह से भी अहम है, क्योंकि रायपुर में बैठकर वो देश से नक्सलवाद के खात्मे पर एक हाईप्रोफाइल बैठक लेंगे।
इसके अलावा रायपुर में अमित शाह नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के ऑफिस का उद्घाटन भी करेंगे। वो 25 अगस्त को दोपहर रायपुर से दिल्ली लौटेंगे। अमित शाह की सुरक्षा में माइंस प्रोटेक्टिव व्हीकल (एमपीवी) भी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा ड्रोन, दूरबीन के जरिए होटल के आस-पास कड़ी निगरानी की जा रही है।
3 दिन तक रायपुर में ही रहेंगे
अमित शाह के साथ गृह मंत्रालय के आला अफसर भी रायपुर पहुंच रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री तीन दिन तक रायपुर में ही रहेंगे। श्री शाह विभाग की हर छोटी-बड़ी अपडेट रायपुर से ही लेंगे। आस-पास के राज्यों में नक्सल मूवमेंट की रिपोर्ट भी अफसरों से गृह मंत्री लेने वाले हैं। छत्तीसगढ़ के डीजीपी भी इसे लेकर रिपोर्ट तैयार करके बैठे हैं, जिसका प्रेजेंटेशन अमित शाह की मीटिंग में होगा।
नक्सलियों की सरेंडर पॉलिसी की करेंगे समीक्षाः शर्मा
प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा ने शाह के दौरे पर कहा कि केंद्रीय केंद्रीय गृह मंत्री प्रदेश में नक्सलवाद के खिलाफ कार्रवाई और नक्सलियों के आत्म समर्पण के लिए उचित माहौल बनाने को लेकर किए जा रहे कामों की समीक्षा करेंगे। हम प्रदेश के विषयों को उनके समक्ष रखेंगे। उनका मार्गदर्शन और सहयोग हमें मिलता है। आज बस्तर में पीने के साफ पानी से लेकर राशन की सुविधा दूरस्थ अंचलों में दी जा रही है। डिप्टी सीएम श्री शर्मा ने बिलासपुर, सूरजपुर, रायगढ़ में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर कहा कि हर प्रकरण की गंभीरता से पुलिस जांच कर रही है। रायगढ़ के विषय में तुरंत गिरफ्तारी हुई, एक व्यक्ति मृत पाया गया है। इसकी जांच अब भी जारी है। ऐसे मामलों में सख्ती से निपटा जा रहा है।
इन राज्यों के पुलिस प्रमुख होंगे शामिल
अंतर-राज्यीय समन्वय बैठक में छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के अलावा केंद्र सरकार के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के भी शामिल होने की उम्मीद है। इन प्रदेशों के आपसी कोऑर्डिनेशन से नक्सलियों को खत्म करने, उन प्रदेशों में योजनाएं चलाने पर मीटिंग में बात होगी।
हिंसा प्रभावित जिलों में कमी
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं की संख्या 2004 से 2014 के दशक में 14,862 थी जो 2014 से 2023 के बीच घटकर 7,128 रह गई। वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में सुरक्षाबलों की मृत्यु की संख्या में 72 प्रतिशत की कमी आई है। 2004 से 2014 की अवधि में 1,750 सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी जो 2014 से 2023 के बीच घटकर 485 हो गई है। साल 2010 में हिंसा प्रभावित जिलों की संख्या 96 थी जिसमें 53 प्रतिशत कमी आई है और 2022 में यह घटकर 45 रह गए हैं।
छत्तीसगढ़ में मौजूदा स्थिति
प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा के मुताबिक प्रदेश के लॉ एंड ऑर्डर को लेकर बेहतर काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या नक्सलवाद है। उस पर 6 महीने में ही हमने जो काम किया है वो कांग्रेस सरकार के साल भर के आंकड़ों से ज्यादा है। 6 महीने में ही अलग-अलग मुठभेड़ में 150 के करीब नक्सली मारे गए। बड़ी संख्या में सरेंडर और गिरफ्तारियां हुई हैं।