नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य आपदा मोचन कोष से केंद्रीय हिस्से के रूप में और राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष से अग्रिम राशि के रूप में 14 बाढ़ प्रभावित राज्यों को 5,858.60 करोड़ जारी किए हैं।
केन्द्र सरकार ने महाराष्ट्र को 1,492 करोड़, आंध्र प्रदेश को 1,036 करोड़, असम को 716 करोड़, बिहार को 655.60 करोड़, गुजरात को 600 करोड़, हिमाचल प्रदेश को 189.20 करोड़, केरल को 145.60 करोड़, मणिपुर को 50 करोड़, मिजोरम को 21.60 करोड़, नागालैंड को 19.20 करोड़, सिक्किम को 23.60 करोड़, तेलंगाना को 416.80 करोड़, त्रिपुरा को 25 करोड़ और पश्चिम बंगाल को 468 करोड़ रुपए जारी किए हैं। ये राज्य इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान अत्यधिक भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन के कारण प्रभावित हुए हैं।
मोदी सरकार प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित राज्यों के लोगों की मुश्किलें कम करने में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
बाढ़ प्रभावित राज्यों असम, मिजोरम, केरल, त्रिपुरा, नागालैंड, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मणिपुर में नुकसान का मौके पर आकलन करने के लिए अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दल भेजे गए थे।
इसके अलावा, बिहार और पश्चिम बंगाल में नुकसान का मौके पर आकलन करने के लिए जल्द ही टीमें भेजी जाएंगी। ये दोनों राज्य हाल ही में बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। स्थापित व्यवस्था के अनुसार टीम की आकलन रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आपदा प्रभावित राज्यों को राष्ट्रीय कोष से अतिरिक्त वित्तीय सहायता स्वीकृत की जाएगी।
इस वर्ष 21 राज्यों को 14,958 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि जारी की जा चुकी है। इसमें राज्य कोष से 21 राज्यों को 9,044.80 करोड़, राष्ट्रीय कोष से 15 राज्यों को 4,528.66 करोड़ और राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि से 11 राज्यों को 1,385.45 करोड़ रुपये शामिल हैं।
वित्तीय सहायता के अलावा, केन्द्र सरकार ने सभी बाढ़ प्रभावित राज्यों को जरूरत के अनुसार मोचन बल, थल सेना की टीमों की तैनाती और वायु सेना के सहयोग सहित सभी लॉजिस्टिक मदद भी प्रदान की है।
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