नई दिल्ली। जमीन लेकर रेलवे की नौकरी देने के अभियोग का सामना कर रहे पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके बेटों तेजस्वी तथा तेज प्रताप यादव की जमानत की अर्जी को यहां धन शोधन मामलों की सुनवाई करने वाली राउज एवेन्यू स्थित अदालत ने सोमवार को कुछ शर्तों के आधार पर स्वीकार कर लिया।
मामले में आरोपियों की अर्जी की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपियों को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर यह राहत दी।
अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दाखिल अनुपूरक चार्ज शीट पर पूर्व रेल मंत्री और उनके इन परिजनों को समन जारी किए थे। यह मामला श्री यादव के (2004 से 2009 के दौरान) रेल मंत्री के पद पर रहने के दौरान का है।
उनके खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से मामला दर्ज किए जाने के बाद ईडी ने धन शोधन का मामला दर्ज किया था।
आरोप है कि मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी की नियुक्तियों के बदले पूर्व केंद्रीय मंत्री के परिवार या सहयोगियों के नाम जमीन के टुकड़े उपहार में दिए गए या हस्तांतरित किए गए थे।