0 गैंगस्टर को झारखंड से 40 पुलिसकर्मी लेकर पहुंचे थे रायपुर
0 कारोबारी पर करवाई थी फायरिंग
रायपुर। लॉरेंस बिश्नोई के करीबी गैंगस्टर अमन साव को रायपुर कोर्ट ने 19 अक्टूबर तक 5 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है। पुलिस अब उससे कारोबारी प्रह्लाद राय अग्रवाल पर फायरिंग मामले में पूछताछ करेगी। मामले की सुनवाई जस्टिस भूपेश कुमार बसंत की कोर्ट में हुई।
अमन साव को पुलिस ने एक दिन पहले ही झारखंड से गिरफ्तार किया था। इसके बाद प्रोडक्शन वारंट पर 40 पुलिसकर्मियों की टीम सोमवार तड़के उसे रायपुर लेकर पहुंची थी। अमन साव कारोबारी प्रह्लाद राय अग्रवाल पर गोली चलवाने का मुख्य आरोपी है।
प्रह्लाद राय का तेलीबांधा क्षेत्र में पीआरए कंस्ट्रक्शन के नाम से ऑफिस है। यहां 13 जुलाई को अमन साव के गुर्गों ने गोली चलाई थी। इस गोलीकांड में अमन साव के अलावा लॉरेंस बिश्नोई का नाम भी सामने आया था।
पांचवीं बार में मिली सफलता
अमन साव को रायपुर प्रोटेक्शन वारंट में लाने पर रायपुर पुलिस को पांचवीं बार में सफलता मिली। इससे पहले चार बार रायपुर पुलिस के अधिकारी प्रोटेक्शन वारंट पर रायपुर लाने की मांग कर चुके थे, लेकिन हर बार उनकी मांग को नकार दिया जाता था।
शनिवार को दोनों प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के बीच चर्चा हुई और उसके बाद प्रोटेक्शन वारंट पर रायपुर लाने की मंजूरी मिली और रविवार की शाम को अमन साव को रायपुर के लिए रवाना किया गया था।
कारोबारी पर गोली चलाने के आरोप में अब तक 6 गिरफ्तार
कारोबारी प्रहलाद राय अग्रवाल पर गोली चलाने के आरोप में रायपुर पुलिस ने अब तक छह आरोपियों को पकड़ा है। इन आरोपियों की गिरफ्तारी झारखंड और हरियाणा से हुई है। कारोबारी पर हमले का प्लान बनाने वाला भी इन आरोपियों में शामिल है।
फायरिंग से पहले हमलावरों ने रेकी की थी
कारोबारी प्रहलाद राय अग्रवाल पर गोली चलाने से पहले दोनों शूटरों ने उनके ऑफिस के बाहर रेकी की थी। इस बात का खुलासा आरोपियों ने पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद किया था। आरोपियों ने पुलिस अधिकारियों को बताया था, कि नेशनल हाईवे पर महावीर नगर चौक में कारोबारी के ऑफिस के बाहर रेकी कर रहे थे। वो बाइक से काफी देर से प्रह्लाद अग्रवाल के ऑफिस आने का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही कारोबारी कार से पहुंचे, दोनों तेजी से कार के करीब आए, फिर गोली चला दी।
छत्तीसगढ़ में साव गैंग की ये दूसरी घटना
कारोबारी प्रहलाद राय अग्रवाल को टारगेट करना प्रदेश में साव गैंग की ये दूसरी घटना है। इससे पहले भी गैंग के सदस्य राजस्थान के अपराधी सुनील मीणा के माध्यम से छत्तीसगढ़ के कारोबारी सुशील सिंघल के ऑफिस पर भी गोली चलवा चुके हैं। सुशील सिंघल आरकेटीसी कंपनी के मालिक हैं और झारखंड में कोल ट्रांसपोर्ट का काम करते हैं। उनके कोरबा कार्यालय में भी गोली अमन साव के कहने पर सुनील मीणा ने चलवाई थी। इस मामले में पुलिस ने 6 जनवरी 2023 को दो आरोपियों को पकड़ा था।
आधुनिक हथियारों से लैस है टीम
पुलिस सूत्रों के अनुसार अमन साव को रायपुर लाने के लिए 10 सदस्यों की टीम पहुंची थी। इस टीम को लीड एसीसीयू प्रभारी कर रहे हैं। टीम के अलावा अमन साव को रायपुर तक पहुंचाने के लिए झारखंड पुलिस की तरफ से 30 सदस्यों की टीम मिली है। ये टीम हाईटेक हथियारों से लैस है। अमन साव काे रायपुर लाने के बाद कोर्ट में पेश किया जाएगा और वहां से उसकी रिमांड रायपुर पुलिस मांगेगी। रिमांड में लेने के बाद आरोपी से पूछताछ की जाएगी।
कौन है अमन साव
रिपोर्ट्स के अनुसार, गैंगस्टर अमन साव पहली बार 2019 में गिरफ्तार हुआ था। लेकिन 29 सितंबर 2019 को ही वह फरार हो गया। पुलिस ने उसे 3 साल बाद जुलाई 2022 में दोबारा गिरफ्तार किया। साव अभी झारखंड के गिरिडीह जेल में बंद है। बताया जाता है कि अमन साहू के गिरोह के पास एडवांस हथियार हैं जिसके दम पर वह अपने खौफनाक मंसूबों को अंजाम देते हैं।
झारखंड के कई जिलों में फैला है साव गैंग का नेटवर्क
अमन साव का नेटवर्क धनबाद, रांची, रामगढ़, चतरा, हजारीबाग, पलामू, लातेहार, बोकारो जैसे झारखंड के तमाम जिलों में फैला हुआ है। साव के रडार पर कोल माइनिंग कंपनियां, कोयला व्यवसायी और ट्रांसपोर्ट फील्ड के बिजनेसमैन रहते हैं। साव इनको अपना टारगेट बनाकर इनसे रंगदारी की मांग करता है और जो उसकी बात नहीं मानता उसके गुर्गे उस पर गोली चलाकर अपनी बात मनवाते हैं।
50 से अधिक मुकदमे हैं दर्ज
अमन साव ने मात्र 17 साल की उम्र में ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था। गैंगस्टर साव के ऊपर लगभग 50 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। 9 मई 2023 को एनटीपीसी कोल परियोजना की आउटसोर्स कंपनी ‘ऋत्विक’ के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर शरद कुमार की हत्या भी अमन साव ने करवाई थी। स्थानीय मीडिया के अनुसार, शरद कुमार से 60 करोड़ की रंगदारी की मांग की गई थी और मांग पूरी नहीं करने पर उनकी हत्या कर दी गई। इसके अलावा गिरिडीह जेल के जेलर पर फायरिंग के आरोप भी अमन साव पर लगे थे।
ढाई साल में साव को नौ बार जेल से शिफ्ट किया गया
पुलिस सूत्रों के अनुसार अमन साव बीते ढाई साल से झारखंड की जेल में बंद है। लेकिन वो जेल से ही पूरे गैंग को ऑपरेट कर रहा है। झारखंड पुलिस गैंगस्टर अमन साव पर प्रतिबंध लगाने में असफल साबित हो रही है। यही वजह है कि पुलिस उसे बार-बार राज्य के अलग-अलग जेलों में ट्रांसफर कर रही है। गैंगस्टर अमन साहू को बीते ढाई साल में नौ बार अलग-अलग जेलों में रखा गया है।
लेवी-रंगदारी के लिए कुख्यात, बिश्नोई से संबंध खुद कबूला
अमन साव गिरोह के कई सदस्य कोयला कारोबारियों, बिल्डरों, ट्रांसपोर्टरों और कारोबारियों से रंगदारी वसूल रहा है। अमन खुद भी खुलासा कर चुका है कि उसका लॉरेंस बिश्नोई से संबंध है। सोशल मीडिया पर अक्सर बातें होती हैं। उसका संबंध लॉरेंस के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई के साथ भी है। झारखंड और रायपुर पुलिस के अलावा अमन साव गिरोह के खिलाफ एनआईए जांच भी कर रही है। बताया जाता है कि अमन साव के नाम पर कॉल करने वाला मयंक सिंह ही अमन और लॉरेंस के बीच की कड़ी है।
साव गैंग में 145 गुर्गे, 250 से अधिक हथियार
6 महीने पहले सीआईडी ने एटीएस को जो रिपोर्ट सौंपी थी उसके अनुसार अमन साव के गिरोह में 145 गुर्गे हैं। इनमें 99 जेल से बाहर हैं। इस गैंग के पास 5 एके-47 सहित 250 से ज्यादा हथियार हैं। जेल जाने के बाद अमन साव की गैंग को अमन के गाइडेंस पर मयंक सिंह चला रहा है। अमन पर अलग-अलग थानों में 124 से ज्यादा केस दर्ज हैं। मयंक मूल रूप से यूपी के देवरिया का रहने वाला है। अमन साव गिरोह के पास 250 से अधिक हथियार हैं। जिसमें 9 कार्बाइन, 70 देसी कट्टा और 166 पिस्टल हैं।