0 अफस्पा हटाने की मांग, खड़गे बोले- मणिपुर ना एक, ना सेफ
इंफाल/आइजोल। मणिपुर में 3 महिला और 3 बच्चों के शव मिलने के बाद हिंसक प्रदर्शन जारी हैं। इस बीच राज्य की भाजपा सरकार में शामिल नेशनल पीपुल्स पार्टी ने समर्थन वापसी का ऐलान किया है। 60 सदस्यों वाली मणिपुर विधानसभा में एनपीपी के 7 सदस्य हैं, जो भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे थे। भाजपा के पास 32 सदस्य हैं, जबकि बहुमत का आंकड़ा 31 हैं। ऐसे में सरकार को फिलहाल खतरा नहीं है।
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह नागपुर की चार रैलियां रद्द कर दिल्ली लौट आए हैं। वे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मीटिंग करेंगे। वहीं, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) प्रमुख अनीश दयाल को हालात का जायजा लेने के लिए भेजा जा रहा है।
इसी बीच राज्य सरकार ने केंद्र से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) वापस लेने को कहा है। हिंसा के कारण केंद्र सरकार ने 14 नवंबर को इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, जिरीबाम, कांगपोकपी और बिश्नुपुर जिलों के सेकमाई, लामसांग, लामलाई, जिरीबाम, लीमाखोंग और मोइरांग पुलिस थाना इलाकों में अफस्पा लगाया था।
16 नवंबर को सीएम एन बीरेन सिंह और 10 विधायकों के घरों पर हमले हुए। हालात बिगड़ते देख 5 जिलों में कर्फ्यू और 7 जिलों में इंटरनेट सर्विस बंद है।
इस बीच, कुछ मंत्रियों सहित भाजपा के 19 विधायकों ने बीरेन सिंह को हटाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पत्र लिखा है। सूत्रों के अनुसार अगले दो-तीन दिन में हालात और बिगड़े तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग सकता है। 16 नवंबर को जिरिबाम में बराक नदी के तट से दो महिलाओं और एक बच्चे का शव मिला था। शक है कि इन्हें 11 नवंबर को कुकी उग्रवादियों ने जिरीबाम से अपहृत किया था। 11 नवंबर को ही सुरक्षाबलों ने 10 बंदूकधारी उग्रवादियों को मार डाला था। जबकि कुकी-जो संगठन ने इन 10 लोगों को विलेज गार्ड बताया था। 15 नवंबर की रात भी एक महिला और दो बच्चों के शव मिले थे।
खड़गे बोले- मणिपुर में डबल इंजन की सरकार
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मणिपुर में आपकी (भाजपा की) डबल इंजन सरकार है। ना मणिपुर एक है, ना मणिपुर सेफ है। मई 2023 से यह अकल्पनीय दर्द, विभाजन और बढ़ती हिंसा से गुजर रहा है, जिसने इसके लोगों का भविष्य नष्ट कर दिया है।