0 घटनास्थल के पास से 3 ऑटोमैटिक हथियार व अन्य सामान बरामद
0 मुठभेड़ के बाद हथियारों के साथ नाचे जवान
सुकमा। सीमावर्ती सुकमा जिले में सुरक्षा बलों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया है। इसमें 3 महिला और 7 पुरुष शामिल हैं। सभी मारे गए नक्सलियों के शव और 3 ऑटोमैटिक हथियार बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ में एक जवान भी घायल हुआ है, जिसे उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। मुठभेड़ के बाद जवान जश्न मनाते भी दिखे। जवानों ने हथियारों के साथ डांस भी किया।इस साल 1 जनवरी से 22 नवंबर तक 207 नक्सली मारे गए हैं।
भेज्जी के दंतेसपुरम, कोराजुगुड़ा, नागाराम के जंगल में यह मुठभेड़ हुई है। डीआरजी और सीआरपीएफ जवानों की कोंटा और किस्टाराम एरिया कमेटी के नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई। गुरुवार को ओडिशा के रास्ते बड़ी संख्या में नक्सलियों के छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश करने की सूचना मिली थी, जिसके बाद डीआरजी और सीआरपीएफ की टीम नक्सलियों के घेराबंदी के लिए रवाना हुई थी। शुक्रवार को सुबह-सुबह कोंटा के भेज्जी इलाके में नक्सलियों की मुठभेड़ डीआरजी-सीआरपीएफ के जवानों के साथ हुई, जिसमें जवानों ने 10 नक्सलियों को ढेर कर दिया। इलाके में फिलहाल सर्चिंग अभियान जारी है।
नक्सलवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रहीः सीएम साय
वहीं सुरक्षाबलों को मिली कामयाबी पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जवानों को बधाई दी है। सीएम साय ने सुरक्षाबलों की इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार नक्सलवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बस्तर में विकास, शांति और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बस्तर में शांति, विकास और प्रगति का दौर लौट आया है। उन्होंने सुरक्षाबलों को उनके अदम्य साहस और समर्पण के लिए बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ से नक्सलियों का सफाया निश्चित है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलियों के सफाये के लक्ष्य रखा है, जिसकी पूर्ति की दिशा में हम सुनियोजित तरीक़े से आगे बढ़ रहे हैं।
बीते पांच सालों में नक्सल एनकाउंटर का रिकॉर्ड
जानकारी के मुताबिक 2020 में 41 नक्सली मारे गए थे। 2021 में 46 नक्सली, 2022 में 30 नक्सली और 2023 में 22 नक्सली ही मारे गए थे, जबकि विष्णु देव साय की 11 माह की सरकार और विजय प्रहार से अब तक 213 नक्सलियों का खात्मा हो चुका है।