
0 कांग्रेस ने ड्राफ्ट को संविधान विरोधी बताया
नई दिल्ली। एक देश-एक चुनाव के लिए संसद में पेश हुए 129वें संविधान संशोधन बिल पर बुधवार को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) की पहली बैठक हुई। मीटिंग में शामिल सांसदों को कानून मंत्रालय ने 18 हजार पन्नों की रिपोर्ट दी।
मीटिंग के बाद भाजपा सांसद संबित पात्रा, आप सांसद संजय सिंह सहित कई सांसद यह रिपोर्ट सूटकेस में ले जाते दिखे। बैठक में कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने प्रस्तावित कानूनों के प्रावधानों पर प्रेजेंटेशन दी। भाजपा ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि यह देशहित में है। वहीं, कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इसे संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ और लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया। जेपीसी को बजट सत्र के पहले हफ्ते के आखिरी दिन तक अपनी रिपोर्ट संसद में पेश करनी होगी।
भाजपा सांसद और जेपीसी अध्यक्ष पीपी चौधरी ने कहा कि हम सरकार के बिल की निष्पक्ष और खुले दिमाग से जांच करेंगे। हमारी कोशिश आम सहमति बनाने की होगी। मुझे विश्वास है कि हम देशहित में काम करेंगे और आम सहमति बना लेंगे।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हर फैसला देश के हित में होता है। लगातार चुनाव देश के विकास में बाधा हैं। हम हमेशा चुनाव की तैयारी करते रहते हैं। कांग्रेस की तरफ से जेपीसी के सदस्य सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि यह सरकार और पीएम मोदी की जिद का नतीजा है। वे बहुमत में हैं इसलिए जेपीसी में बातचीत कम होगी। बहुमत के बल पर अपने विचार देश पर थोपने की कोशिश की जा रही है।
संसद में बिल पेश करने के लिए वोटिंग कराई गई थी
कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने 17 दिसंबर को लोकसभा में एक देश-एक चुनाव को लेकर संविधान संशोधन बिल रखा था। विपक्षी सांसदों ने इसका विरोध किया था। इसके बाद बिल पेश करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कराई गई थी। कुछ सांसदों की आपत्ति के बाद वोट संशोधित करने के लिए पर्ची से दोबारा मतदान हुआ। इस वोटिंग में बिल पेश करने के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े। इसके बाद कानून मंत्री ने बिल दोबारा सदन में रखा।