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0 रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ में शामिल हुए

अयोध्या। अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ मनाई जा रही है। रामलला की विशेष पूजा शुरू हो गई। पुजारियों ने रामलला का पंचामृत अभिषेक किया। पहले दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अभिषेक किया, फिर गंगाजल से नहलाया।

इसके बाद रामलला का श्रृंगार किया गया। उन्हें पीतांबर वस्त्र पहनाए गए। इसमें सोने के तारों से बुनाई की गई है। उनके मुकुट में हीरा जड़ा है। सीएम योगी ने भी अयोध्या पहुंचकर रामलला की पूजा की।

सीएम योगी ने कहा कि किन कारणों से हमारे पूज्य आराध्य देव स्थल अपमानित हो रहे थे। अगर हम जाति के नाम पर विभाजित रहेंगे तो इस तरह की अपमानजनक स्थितियों का सामना करना पड़ेगा। हम कमजोर होंगे तो इसका खामियाजा हमारे पूज्य धर्म स्थलों को भुगतना होगा। बहन-बेटियों को भुगतना होगा।

दिल्ली, हिमाचल समेत 10 राज्यों से लोग रामलला के दर्शन करने पहुंचे हैं। राम मंदिर को विदेशी फूलों से सजाया गया है। मंदिर ट्रस्ट ने अंगद टीला पर जर्मन हैंगर टेंट लगवाए हैं। यहां पर 5 हजार श्रद्धालु रामकथा सुनेंगे।

पीएम ने कहा था राम हैं तो राष्ट्र है
सीएम योगी ने कहा- प्रतिष्ठा द्वादशी हम सबको राष्ट्रीय एकात्मता को मजबूती प्रदान करने का आह्वान कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने आज से एक साल पहले आह्वान किया था कि राम हैं तो राष्ट्र है और राष्ट्र है तो राम हैं। इसे अलग करके नहीं देखा जा सकता है।

हम कमजोर होंगे तो अंजाम धर्म स्थल भुगतेंगे
सीएम ने कहा- अगर हमारा देश किन्हीं कारणों से विभाजित होकर कमजोर होगा, जाति की खाइयां चौड़ी होंगी। क्षेत्र और भाषा के आधार पर विभाजित होंगे, तो इसका खामियाजा हमारे पूज्य धर्म स्थलों को भुगतना होगा। बहन-बेटियों को भुगतना होगा। वैसी स्थिति हमारे सामने दोबारा न आए।

किन कारणों से हमारे आराध्य अपमानित हो रहे थे
सीएम योगी ने कहा- हमें देखना होगा कि किन कारणों से समाज बंटा हुआ था और हमारे पूज्य आराध्य देव स्थल अपमानित हो रहे थे। अगर हम जाति के नाम पर और तमाम अन्य वाद के आधार पर विभाजित रहेंगे तो इस तरह की अपमानजनक स्थितियों का सामना निरंतर करना पड़ सकता है। इसलिए आज की आवश्यकता वह है जो हमारे वर्तमान के साथ भविष्य को भी सुरक्षित रख सके। एकता के सूत्र के साथ एकात्मता को मजबूत करना होगा। इससे सनातन धर्म भी मजबूत होगा, देश और हम सब भी मजबूत होंगे।

हम बंटे तो अंजाम भुगतना होगा
सीएम योगी ने कहा, हमे ध्यान रखना होगा कि किन कारणों से हम बटे हुए थे। आवश्यकता इस बात की है कि हम विभाजित न हों। ऐसा हुआ तो उसकी कहानियां हमारे धर्मस्थलों, बेटियों को भुगताना पड़ेगा।

अयोध्या अब त्रेता युग का एहसास करा रही
सीएम योगी ने कहा- आज हम यह एहसास कर रहे हैं कि रामजन्मभूमि के लिए जो आंदोलन चला था, आज वो एक सार्थक लक्ष्य के रूप में आगे बढ़ रहा है। अब कोई भी व्यक्ति दुनिया से आता है तो कहता है कि वाह! अयोध्या तो अब त्रेता युग का अहसास करा रही है। एक-दो साल देखें, जब राम जन्मभूमि का पूरा परिसर अपने भव्य रूप में आएगा तो दुनिया का सुंदरतम नगर के रूप में सबसे आध्यात्मिक, धार्मिक और सबसे वैभवशाली धाम के रूप में विकसित होने जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने पिछले 4 वर्ष के दौरान न दिन देखा न रात देखी। केवल एक ध्येय के साथ रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़ने के साथ परिसर को भव्य रूप देने में कार्य कर रहा है।

हमारी तीन-तीन पीढ़ी संघर्ष में लगी रहीं 
सीएम योगी ने कहा- राम मंदिर निर्माण के बारे में सचमुच बोलने के लिए कुछ शब्द नहीं है। हम सब का मन भावुक हो जाता है। जब हम पूरे इतिहास को देखते हैं। हमारी तो तीन-तीन पीढ़ी लगी रहीं।

अयोध्या की सड़कें त्रेतायुग का स्मरण करा रहीं
योगी ने कहा- अयोध्या की सड़कें त्रेता युग का स्मरण करा रही हैं। आज फोर लेन और सिक्स लेन की सड़कें हैं। सरयू मइया के घाट पूरे देश को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी
सीएम योगी ने कहा- आज हमारी अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी बन गई है। सूर्यवंश की राजधानी है। यहां जो बिजली जलती है वो किसी थर्मल पावर स्टेशन से नहीं बल्कि सूर्य की रोशनी से चलती है। ये नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है तो ये उत्तर प्रदेश की नई अयोध्या है।

सीएम ने रामजन्मभूमि आंदोलन को याद किया
सीएम योगी ने कहा कि रामजन्मभूमि देश का ऐसा आंदोलन हैं। जब 500 वर्षों में 1528 से लेकर 6 दिसंबर 1992 तक का इतिहास उठाकर देखेंगे तो हर 15 से 20 वर्ष के अंतराल में हिन्दू समाज फिर से अपने प्रभु की जन्मभूमि को प्राप्त करने के लिए निरंतर संघर्ष करता रहा। जिस भाषा में शासन तंत्र समझता था, उसी भाषा में समझाने के लिए संघर्ष करता रहा। उन्होंने कहा कि ये क्या एक दिन में हो गया। नहीं। इसके लिए एक लंबे संघर्ष को आगे बढ़ाया गया। दर्जनों पीढ़ियों चली गईं। एक ही कामना थी कि अयोध्या में रामलला को विराजमान देख सकें। पूज्यसंतों का चला जाना। लेकिन उनका संकल्प इसे पूरा करने के लिए दृढ़ था। हम सौभाग्यशाली हैं कि इन तिथियों को अपनी आंखों से देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

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