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नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में फर्जी तरीके से वोटर्स जोड़े जाने का आरोप लगाया है। राहुल ने दिल्ली में शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत और एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ी हुई है। वोटर लिस्ट में नए मतदाता जोड़े गए, ताकि भाजपा की जीत हो सके। राहुल ने इलेक्शन कमीशन से वोटर्स का डेटा मांगा है।
राहुल ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के लिए पांच साल में महाराष्ट्र में 32 लाख वोटर्स जोड़े गए, जबकि इसके पांच महीने बाद विधानसभा चुनाव के लिए 39 लाख वोटर्स को जोड़ा गया। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि पांच महीने में पांच साल से ज्यादा वोटर्स कैसे जोड़े गए? विधानसभा चुनाव में राज्य की कुल वयस्क आबादी से ज्यादा रजिस्टर्ड वोटर्स कैसे थे?
राहुल ने कहा कि इसका एक उदाहरण कामठी विधानसभा है, जहां भाजपा की जीत का अंतर लगभग उतना ही है जितने नए वोटर्स जोड़े गए। इलेक्शन कमीशन को इन सवालों का जवाब देना होगा और हमें हमें महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के वोटर्स का डेटा मुहैया कराना चाहिए।
हमने चुनाव आयोग से वोटर्स के नाम-पते, तस्वीरें मांगीं
राहुल ने कहा कि लोकसभा से पहले 32 लाख और विधानसभा से पहले 39 लाख वोट जोड़े गए। 5 महीने के भीतर 7 लाख नए मतदाता जोड़े गए हैं। हमने इलेक्शन कमीशन से कहा कि इसकी जांच करें। हमने वोटर लिस्ट, नाम-पते मांगे हैं। हम चाहते हैं कि उनके फोटोग्राफ भी दिए जाए। लोकसभा और विधानसभा की वोटर लिस्ट हम चाहते हैं। कई मतदाताओं के नाम काटे भी गए हैं। ये दलित, अल्पसंख्यक वोट हैं। मैं कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं, लेकिन क्या कुछ गड़बड़ी है। राहुल ने कहा कि मैंने संसद में दिए अपने भाषण में भी यही बात उठाई थी। कहा था कि 5 साल में जितने वोटर जुड़े, उससे ज्यादा वोटर्स 5 महीने में जुड़ गए। हिमाचल की पॉपुलेशन वोटर लिस्ट में एड कर दी। एडल्ट पॉपुलेशन 9.54 करोड़ है। इलेक्शन कमीशन के मुताबिक, 9.7 करोड़ मतदाता हैं।
तथ्यों के साथ लिखित जवाब देंगेः चुनाव आयोग
इसे लेकर चुनाव आयोग ने एक्स पोस्ट में कहा कि ईसीआई के लिए मतदाता सबसे पहले आते हैं, इसके बाद सभी पॉलिटिकल पार्टियां चुनाव की प्रमुख स्टेकहोल्डर हैं। इलेक्शन कमीशन पार्टियों के विचारों, सुझावों और सवालों को गहराई से महत्व देता है। कमीशन पूरे देश में समान रूप से अपनाई गई चुनावी प्रक्रियाओं की जानकारी लिखित रूप में पूरे तथ्यों के साथ देगा।
