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0 61 हजार वोट की सबसे बड़ी जीत, सपा प्रत्याशी अपने बूथ पर हारे
अयोध्या। अयोध्या हार का बदला भाजपा ने मिल्कीपुर जीत कर ले लिया। 8 साल बाद सपा से मिल्कीपुर विधानसभा छीन ली। भाजपा ने मिल्कीपुर में इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। भाजपा प्रत्याशी चंदभानु पासवान ने सपा के अजीत प्रसाद को 61 हजार 636 वोट से हराया।

इससे पहले सपा से अवधेश प्रसाद साल 2012 में 39,237 वोट से जीते थे। उपचुनाव में चंद्रभानु पासवान को 1 लाख 46 हजार 291 और अजीत प्रसाद को 84 हजार 655 वोट मिले। बाकी सभी 8 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई।

अयोध्या सांसद के बेटे होने के बावजूद अजीत प्रसाद अपने ही बूथ से हार गए। लोकसभा चुनाव में मिल्कीपुर विधानसभा में भाजपा को सपा से 7 हजार वोट कम मिले थे। 8 महीने में ही भाजपा ने बाजी पलट दी।

तीसरे नंबर पर आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी सूरज चौधरी रहे। उन्हें 5 हजार 457 वोट मिले। मिल्कीपुर में भाजपा पहले राउंड से ही बढ़त बनाए हुए थी। वह आखिर तक जारी रही। एक बार भी सपा आगे नहीं निकल पाई।

अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर रिजल्ट पर कहा कि ये भाजपा की झूठी जीत है। जिसका जश्न भाजपाई आंखों-में-आंखें डालकर नहीं मना पाएंगे। जिन अफसरों ने घपलेबाजी की, वो सजा पाएंगे। न कुदरत उन्हें बख्शेगी, न कानून। वहीं, अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद और उनके बेटे अजीत प्रसाद घर से नहीं निकले। घर पर ही न्यूज एजेंसी से बातचीत में अवधेश प्रसाद ने कहा कि भाजपा ने बेईमानी का रिकॉर्ड तोड़ दिया। उनके गुंडों ने बूथ कैप्चरिंग की।
चुनाव जीतने के बाद भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान ने भाजपा कार्यालय पर लोगों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
 
मिल्कीपुर से अवधेश प्रसाद सपा विधायक थे। 2024 लोकसभा चुनाव में सपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव लड़वाया। वह अयोध्या (फैजाबाद) से सांसद बन गए। तब से यह सीट खाली थी। यहां उपचुनाव नवंबर में होने थे, लेकिन भाजपा नेता गोरखनाथ ने अवधेश प्रसाद के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी थी। इसमें उनका नामांकन रद्द करने की मांग की थी। हालांकि, बाद में बाबा गोरखनाथ ने याचिका वापस ले ली थी।