
0 कंपनी से बकाया राशि वसूलने अंतिम नोटिस
0 भुगतान नहीं करने पर संपत्ति की जाएगी जब्त
रायपुर। रायपुर यूनिपोल घोटाले मामले में नगर निगम ने ग्रेसफुल मीडिया का टेंडर रद्द कर दिया है। साथ ही, कंपनी पर बकाया विज्ञापन शुल्क का भुगतान न करने के कारण 30 मिनी यूनिपोल, अन्य यूनिपोल और कंपनी की संपूर्ण विज्ञापन संपत्ति (इन्वेंटरी) को राजसात करने का निर्णय लिया है।
साथ ही, निगम की ओर से कंपनी को तय समयसीमा के अंदर बकाया राशि जमा करने के लिए अंतिम नोटिस जारी किया गया है। निर्धारित समय सीमा में बकाया राशि जमा नहीं की गई तो निगम कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी।
27 करोड़ से अधिक का घोटाला
दरअसल, पूर्व मेयर एजाज ढेबर ने निगम में 27 करोड़ के यूनिपोल घोटाले का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि यूनिपोल लगाने वाली कंपनी ग्रेसफुल मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को नियम विरुद्ध तरीके से अनुमति दी गई और तय संख्या से ज्यादा यूनिपोल लगाने, जगह बदलने, कम रेट पर मंजूरी देने जैसी कई तरह की विसंगतियां शामिल थी। इस मामले में निगम और राज्य शासन ने एक समिति बनाई है। दोनों समितियां मामले से जुड़े तथ्यों की जांच कर रही हैं।
बकाया शुल्क वसूली के लिए प्रस्तावित कार्रवाई
0 नगर निगम ने राजस्व वसूली और वित्तीय अनुशासन लागू करने के लिए निम्नलिखित कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है। नगर निगम द्वारा एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा, जो एजेंसी से बकाया राशि वसूली की प्रक्रिया की निगरानी करेगी। यह समिति ग्रेसफुल मीडिया के आय का विश्लेषण कर प्रभावी वसूली उपायों की सिफारिश करेगी।
0 ग्रेसफुल मीडिया का विज्ञापन पंजीकरण (लाइसेंस) रद्द कर दिया जाएगा, जिससे वह नगर निगम क्षेत्र में कोई भी विज्ञापन गतिविधि संचालित नहीं कर सकेगी। एजेंसी को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा, जिससे वह भविष्य में निगम की किसी भी टेंडर में भाग नहीं ले सकेगी।
0 कंपनी समय पर भुगतान नहीं करेगी तो विज्ञापन संपत्ति पूर्ण राजसात किया जाएगा। इससे पहले निगम की ओर 30 मिनी यूनिपोल राजसात किए जा चुके हैं और अगले 10 दिनों में बची हुई सभी विज्ञापन संपत्तियों को भी राजसात किया जाएगा।
0 अधिकारियों ने बताया कि यदि एजेंसी ने निगम क्षेत्र में ग्रेसफुल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से बिजली कनेक्शन लिया है, और समय पर भुगतान नहीं किया जाएगा तो कंपनी सीएसपीडीसीएल (छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड) को पत्र भेजकर इन कनेक्शनों को तत्काल काटने के निर्देश दिए जाएंगे।
0 यदि एजेंसी निर्धारित समयसीमा में बकाया राशि जमा नहीं करती है, तो एजेंसी की बैंक खातों और संपत्तियों को जब्त करना। न्यायालय में वित्तीय वसूली का मुकदमा भी दायर किया जाएगा।