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0 वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने विधानसभा में पेश किया बजट
0 इस साल बजट को दिया 'गति' का थीम 
0 1 लाख 65 हजार100 करोड़ का बजट पेश
0 राजकोषीय घाटा 18 हजार 900 करोड़ रुपए का अनुमान
0 गांव से लेकर शहरों के लिए कई घोषणाएं की गई
0 बजट में 10 नई योजनाओं का ऐलान
0 संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नालाजी (निफ्ट) खोलने की घोषणा 
0 कोई नया टैक्स नहीं, 10 हजार नौकरियों का ऐलान 
0 रायपुर से दुर्ग तक मेट्रो ट्रेन के सर्वे के लिए बजट में प्रावधान 
0 स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) बनाने की घोषणा
0 पेट्रोल 1 रुपए सस्ता
0 कर्मचारियों के डीए में बढ़ोतरी का ऐलान 
रायपुर। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सोमवार को विधानसभा में साय सरकार का दूसरा वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने इस साल कुल 1 लाख 65 हजार 100 करोड़ का बजट पेश किया, जो पिछले साल के मुकाबले 12 फीसदी अधिक है। इस साल बजट में राजकोषीय घाटा 18 हजार 900 करोड़ रुपए का अनुमान है। श्री चौधरी ने इस साल के बजट को गति 'गतिÓ का थीम दिया। यानी बजट गुड गवर्नेंस, ऐक्सलरेटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रीयल ग्रोथ पर फोकस्ड रहा। पिछले साल की तरह इस साल भी कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है। बजट में 10 नई योजनाओं का ऐलान किया गया। साथ ही गांव से लेकर शहरों के लिए कई घोषणाएं की गई। राष्ट्रीय स्तर की नई शिक्षण संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नालाजी (निफ्ट) को खोलने की घोषणा की गई। रायपुर से दुर्ग तक मेट्रो ट्रेन के सर्वे के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। साथ ही दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) बनाने की घोषणा की गई। पेट्रोल की कीमत में 1 रुपए प्रति लीटर की कमी की गई है। वहीं कर्मचारियों के डीए में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी का ऐलान किया। 
वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि 'गति' के माध्यम से छत्तीसगढ़ का विकास होगा। हमारे पास साल 2000 में सिर्फ 21 हजार करोड़ की जीडीपी थी, जो अब 5 लाख 67 हजार करोड़ के पार जा चुकी है। श्री चौधरी बजट के 100 पेज हाथों से लिखकर लाए थे, जिसे करीब 1 घंटा 45 मिनट में पढ़ा। बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पर्यटन, धार्मिक स्थलों, कृषि और कारोबार का ध्यान रखा गया है। वहीं बजट में सबसे ज्यादा स्कूल शिक्षा को 22 हजार 356 करोड़ और पंचायत विभाग को 18 हजार 461 करोड़ दिया गया है। वहीं सबसे कम जल संसाधन, राजस्व और वन विभाग को 2' पैसा मिला। इसके अलावा करीब 10 हजार नौकरियों का ऐलान किया गया। दूसरे बजट में कुल प्राप्तियों में राज्य की राजस्व प्राप्तियां 76 हजार करोड़, केन्द्र से प्राप्तियां 65 हजार करोड़ एवं पूंजीगत प्राप्तियां 24 हजार एक सौ करोड़ अनुमानित है। राज्य की राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व 54 हजार करोड़ एवं करेत्तर राजस्व 22 हजार करोड़ अनुमानित है।
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा राजस्व संग्रहण के लिये आधुनिक तकनीकों का उपयोग तथा प्रशासन को सरल और पारदर्शी बनाने के उपाय किए जा रहे हैं। इससे बिना कोई नया कर अधिरोपित किए राज्य के स्वयं के राजस्व में 11 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान है।
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि सुशासन से तीब्र आर्थिक विकास को 10 आधारभूत रणनीतिक स्तंभों में से एक के रूप में पिछले बजट में उल्लेख किया था। ताकि हम पीएम नरेंद्र मोदी के सुशासन के सूत्र वाक्य 'मैक्सीमम गवेर्नेंस, मिनिमम गवर्मेंटÓ की ओर अग्रसर हो सके। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने सुशासन एवं अभिशरण विभाग का गठन किया है। लालफीताशाही को खत्म करने के लिए हमने 'ई-आफिसÓ प्रणाली अपना रहे हैं। सरकारी सुविधाओं और योजनाओं की आसान और सुनिश्चित डिलीवरी के लिए हमने 'डिजिटल गवर्नेंसÓ का उपयोग कर रहे हैं। सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन पर सतत नजर रखने के लिए हमने 'अटल मॉनिटरिंग पोर्टलÓ आरंभ किया है। इस बजट में इसके लिए 10 करोड़ का प्रावधान किया है। सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार रोकने के लिए हमने 'जेम पोर्टलÓ से खरीदी को अनिवार्य कर दिया है। पंजीयन के 20 मैदानी कार्यालयों को 'आदर्श उपपंजीयक कार्यालयÓ बनाने के लिए बजट में 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सरकारी विभागों की कार्यकुशलता बढ़ाने, डाटा प्रबंधन को सशक्त बनाने डिजिटल नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य के उच्च तकनीकी शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर 'सीएम सुशासन फेलोशिप योजनाÓ आरंभ की जा रही है। इसके लिए बजट में 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है। लोक सेवकों द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने पर पीएस एक्सीलेंस अवार्ड की तर्ज पर प्रदेश में सीएम एक्सीलेंस अवार्ड प्रदान किया जाएगा। इसके लिए 1 करोड़ का प्रावधान किया गया है। 
श्री चौधरी ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश में सड़कों के सुदृढ़ नेटवर्क के लिए 'रोड-प्लान 2030Ó तैयार किया है। इसका मुख्य उद्देश्य राजधानी से जिला, जिला से जिला, जिला से विकासखंड एवं विकासखंड से विकासखंड स्तर तक चौड़ी और उन्नत सड़कों का जाल बिछाना है। इसकों ध्यान में रखते हुए 'मुख्यमंत्री रिंग रोड योजनाÓ शुरू की जा रही है। इसके लिए बजट में 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है। लोक निर्माण विभाग के लिए इस बार 9500 करोड़ का प्रावधान है। नेशनल हाइवे व राजमार्गों के रखरखाव के लिए ओपीआरएमसी योजना के तहत 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है। पीएमजीएसवाय के लिए 845 करोड़ पीवीटीजीएस बसाहटों को पक्की सड़कों से जोडऩे के लिए पीएम जनमन योजना के तहत 500 करोड़ तथा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 119 करोड़ का प्रावधान किया गया है। 
नगर निगमों में सुनियोजित विकास के लिए 'मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजनाÓ प्रारंभ की जाएगी। रायपुर व आसपास के क्षेत्रों को शामिल कर दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर 'स्टेट कैपिटल रीजनÓ (एससीआर) विकसित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए बजट में एससीआर कार्यालय बनाने के लिए 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है। 
पेयजल व्यवस्था के लिए जल जीवन मिशन योजना के तहत 4500 करोड़ का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के सुदूर वनांचल क्षेत्रों में दूरसंचार सुविधा के लिए 'मुख्यमंत्री मोबाइल टॉवर योजनाÓ का प्रथम चरण लागू किया जाएगा। इसी तरह स्टेट डेटा सेंटर की स्थापना के लिए 40 करोड़, स्वान के लिए संचालन के लिए 18 करोड़ तथा डिजिटल गवर्नेंस के लिए 9 करोड़ का प्रावधान किया गया। 
नई औद्योगिक नीति को आकर्षक बनाने एवं इसके सफल क्रियान्वयन के लिए पूंजी अनुदान 700 करोड़, ब्याज अनुदान 200 करोड़, प्रतिपूर्ति 100 करोड़ प्रावधान है। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में फूड पार्कों की स्थापना के लिए 17 करोड़, पीएम सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के लिए 46 करोड़ व नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए 23 करोड़ का प्रावधान किया गया है। 
नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ चेंबर आफ कामर्स को कार्यालय के लिए रियायती दर पर भूमि आवंटन का प्रावधान किया गया है। जिला उद्योग कार्यालय राजनांदगांव, जगदलपुर, कोंडागांव, बालोद, महासमुंद एवं बिलासपुर के भवनों के निर्माण किए जाएंगे। नवा रायपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नालाजी (निफ्ट) की स्थापना के लिए 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है। 12 नवीन नर्सिंग कालेज (बलरामपुर, दंतेवाड़ा, जांजगीर-चांपा, बीजापुर, कुरूद, जशपुर, नवा रायपुर, बैकुंठपुर, पुसौर, कांकेर, कोरबा व महासमुंद) की स्थापना की जाएगी। इसके लिए 34 करोड़ का प्रावधान किया गया है। साथ 7 नए शासकीय फिजियोथैरेपी कालेज (बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर, जशपुर, रायगढ़ और मनेंद्रगढ़) में स्थापित किया जाएगा। इसके लिए 6 करोड़ का प्रावधान किया गया है। आईटीआई और पालिटेक्निक कालेजों को वर्तमान जरूरतों के अनुरूप बनाने के लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है। 

व्यय
वहीं व्यय की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2024-25 के लिये कुल व्यय 1 लाख 65 हजार करोड़ अनुमानित है, जिसमें राजस्व व्यय 1 लाख 38 हजार 196 करोड़ एवं पूंजी गत व्यय 26 हजार 341 करोड़ अनुमानित है। वर्ष 2024-25 में पूंजीगत व्यय का प्रावधान 22 हजार 300 करोड़ था। वर्ष 2025-26 में 26 हजार 341 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 18' अधिक है।

राजस्व एवं राजकोषीय घाटा
राज्य की कुल राजस्व प्राप्तियां 1 लाख 41 हजार करोड़ एवं कुल राजस्व व्यय 1 लाख 38 हजार 196 करोड़ अनुमानित है। अत: वर्ष 2025-26 में कुल 2 हजार 804 करोड़ का राजस्व आधिक्य अनुमानित है। वर्ष 2025-26 में राज्य का सकल वित्तीय घाटा 22 हजार 900 करोड़ अनुमानित है, जिसमें केन्द्र से पूंजीगत व्यय हेतु विशेष सहायता ऋण एससीए 4 हजार करोड़ शामिल है। इसे कम करने पर राज्य का शुद्ध वित्तीय घाटा 18 हजार 900 करोड़ होगा, जो राज्य के जीडीपी सकल घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है। यह आरबीआई के एफआरबीएम सीमा अर्थात् जीडीपी के 3' के भीतर है।

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10 नवीन योजनाओं की घोषणा
0 मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना 
0 मुख्यमंत्री मोबाइल टावर योजना 
0 मुख्यमंत्री परिवहन योजना 
0 मुख्यमंत्री बाय पास एवं रिंग रोड निर्माण योजना 
0 मुख्यमंत्री गृह प्रवेश सम्मान योजना 
0 मुख्यमंत्री गवर्नेंस फेलोशिप 
0 सियान केयर योजना 
0 पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना 
0 अटल सिचाई योजना 
0 एसएसआईपी (छात्र स्टार्टअप और नवाचार नीति) का कार्यान्वयन
0 राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के साथ छात्र कौशल कार्यक्रम और वित्तीय निवेश  प्रशिक्षण योजना 

बजट के चार स्तंभ (गति)
1.    सुशासन (गुड गवर्नें) : शासन में सुधार, बेहतर सेवा वितरण की सुविधा और नागरिक सहभागिता को बढ़ाना। नवाचार को बढ़ावा देकर और नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण बनाए रखते हुए, एक अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और समावेशी शासन के ढांचे का निर्माण करना। 
2.    अधोसंरचना विकास में तेजी लाना (एक्सेलरेटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर) : आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सड़कों, पुलों, सार्वजनिक परिवहन सहित अधोसंरचना विकास की परियोजनाओं में निवेश बढ़ाना। 
3.    प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजी): शासन की प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, पारदर्शिता में सुधार करने और नागरिकों को सेवा वितरण बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को लागू करना। 
4.    औद्योगिक विकास (इंडस्ट्रियल ग्रोथ): निरंतर निवेश और अनुकूल सरकारी नीतियों को सुनिश्चित करना, निरंतर औद्योगिक विकास और समृद्धि के लिए इस्पात, बिजली उत्पादन और सीमेंट जैसे प्रमुख क्षेत्रों में और प्रगति प्राप्त करना और राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना। नीतिगत सुधारों, प्रोत्साहनों और व्यापार को और सुगम बनाने के प्रयासों के माध्यम से निजी क्षेत्र के निवेश के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाना। साथ ही, वस्त्र उद्योग  जैसी अधिक रोजगार देने वाले उद्योगों को आकर्षित करना।

 

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