
0 भाजपा विधायक भावना बोहरा ने ध्यानाकर्षण में उठाया मुद्दा
0 स्पीकर डॉ. सिंह ने समय पर पेमेंट के साथ दिए जांच के निर्देश
रायपुर। विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन गुरुवार को पंडरिया विधानसभा स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाने की माली हालत पर विधायक भावना बोहरा ने ध्यानाकर्षण में सवाल उठाया। विधायक श्रीमती बोहरा ने बताया कि किसानों को 2023-24 का गन्ने का पेमेंट नहीं मिला है। न समर्थन मूल्य का भुगतान हो रहा है, और न ही बोनस का। इस पर स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने समयबद्ध पेमेंट के साथ सारे बिंदुओं पर जांच के निर्देश दिए।
भाजपा विधायक भावना बोहरा ने ध्यानाकर्षण में सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि क्षेत्र में शक्कर कारखाने की स्थापना से रोजगार के अवसर बढ़े हैं। 8 हजार किसान गन्ना बेचते हैं। हर किसान के परिवार मे 5-6 लोग हैं. किसानों को अब तक 2023-24 का गन्ना का पेमेंट नहीं मिला है। न समर्थन मूल्य का भुगतान हो रहा और न ही बोनस का।
विधायक ने बताया कि शुगर फैक्टरी पर 81 करोड़ का लोन था, जिसके एवज में ब्याज समेत 121.47 करोड़ ब्याज सहित पटाया जा चुका है एवं बकाया मूलधान ऋण राशि 16 करोड़ रुपए है। पेराई सत्र 2024-25 के लिए क्रय किए गए गन्ने की राशि का भुगतान भी शेष है। एसी स्थिति में कारखाना द्वारा शेष मूलधन ऋण राशि का पूर्ण भुगतान कर पाना संभव नहीं हो पाएगा। यदि लिए गए ऋण एवं ब्याज में रियायत मिलती है तो इसका संचालन सुचारू रूप से किया जा सकता है। उन्होंने मांग की कि ब्याज की दर को घटाया जाएं। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा 350 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गन्ने की खरीदी की जाती है। साथ ही इसके भुगतान में भी देरी होती है, जबकि प्राइवेट कंपनी द्वारा 450 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गन्ने की खरीदी की जा रही है। साथ उन्हें अग्रिम भुगतान भी किया जाता है। इस वजह से किसान कारखाने की जगह स्थानीय फैक्ट्रियों में अपनी फसल बेचने के लिए बाध्य हो रहे हैं। कम दर पर भुगतान व अधिक समय के कारण क्षेत्र के किसान निजी गुड़ फैक्ट्रियों को अपनी फसल बेचने को बाध्य रहे हैं। इससे शक्कर कारखाने को जल्दी की बंद करना पड़ सकता है। मार्केट दर पर किसानों को भुगतान नहीं किए जाने के कारण शासन-प्रशासन के प्रति किसानों में रोष व्याप्त है। उन्होंने मांग की कि शक्कर कारखाना को सहकारिता विभाग से कम दर पर अतिरिक्त ऋण दिया जाए, ताकि उसका आर्थिक संकट दूर हो सके।
इस पर सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि सरकार इस पर गंभीर है। आर्थिक संकट दूर करने विशेषज्ञों का सलाह लेकर कार्रवाई की जाएगी। इस पर विधायक श्रीमती बोहरा ने कहा कि कुप्रबंधन का भार किसानों पर पड़ रहा है। इस बीच बीजेपी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि नेता वहां जाकर अपने लोगों को काम देने का दबाव डालते हैं। एक हाईपावर कमेटी भेजकर उसकी समीक्षा कर शक्कर कारखाने के बेहतरी के लिए काम करें।
इसके जवाब में मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि जल्द ही किसानों की भुगतान की व्यवस्था करेंगे। साथ ही कमेटी बनाकर व्यवस्था को दुरुस्त करेंगे। विधायक अजय चंद्राकर ने समय अवधि निर्धारण करने की मांग की। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हाई पावर कमेटी भेजकर तत्काल व्यवस्था कीजिए। इस पर मंत्री ने कहा कि जल्द से जल्द कार्यवाही करेंगे।
नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा कि अध्यक्ष महोदय आपके क्षेत्र में आपके सपनों को साकार करने बना है। एशिया के सबसे बेस्ट कारखाने में से एक है। सहकारिता एक बेहतर दुनिया की निर्माण कर सकती है। इस कारखाने को कुप्रबंधन से बचाते हुए इसे नहीं बेचने का आश्वासन दीजिए। इस पर मंत्री ने कहा कि 2006 में यह कारखाना बना था। कुछ कुप्रबंधन की वजह से यह स्थिति बनी है। इसे बेहतर करने का काम करेंगे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने समयबद्ध पेमेंट कराने का निर्देश देते हुए कहा कि इसके सारे बिंदु पर जांच हो जाए।