
0 नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत उठाया मुद्दा
रायपुर। विधानसभा बजट सत्र में गुरुवार को प्रश्नकाल में इन्वेस्ट छत्तीसगढ़ सम्मेलन में हुए एमओयू का मुद्दा सदन में गूंजा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इन्वेस्ट छत्तीसगढ़ सम्मेलन के आयोजनों, उसमें हो रहे खर्च और एमओयू की स्थिति पर उद्योग मंत्री लखन देवांगन को घेरा। डॉ. महंत ने इस सम्मेलन को बिना दूल्हे की बारात की संज्ञा दी।
प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्षा डॉ. महंत ने सरकार से पूछा कि क्या छत्तीसगढ़ में बिना दूल्हे के बारात की परंपरा है? यह सवाल उन्होंने इसलिए उठाया, क्योंकि जनवरी 2024 से जनवरी 2025 तक उद्योगों की स्थापना के लिए कोई एमओयू (समझौता ज्ञापन) नहीं हुआ है।
उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली और मुंबई में इन्वेस्ट सम्मेलन आयोजित किए गए, जिसमें 47 हजार करोड़ के 31 कंपनियों ने निवेश में रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि अब तक 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक निवेश का प्रस्ताव मिल चुका है। उद्योग स्थापना की प्रक्रिया चल रही है। इस पर डॉ. महंत ने कहा कि जी को जितना सिखाया उन्होंने बता दिया। मेरा आशय उद्योग के लिए स्थल, भूमि का चयन हुआ नहीं है, उद्योग लगाना चाहते हैं या नहीं यह तय नहीं हुआ और आयोजन कर रहे।
इस पर महंत ने यह भी सवाल किया कि अब तक जमीन का चयन क्यों नहीं हुआ? इस पर मंत्री ने कहा कि निवेशकों की मांग के अनुसार भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने विपक्ष को अगली बार इन्वेस्ट सम्मेलन में आमंत्रित करने की भी बात कही। इस पर डॉ. महंत ने कहा कि 31 निवेश के प्रस्ताव नहीं है, इनविटेशन टू इनवेस्ट लेटर है। ये आए नहीं है पत्र लिख लिखकर बुलाए हैं। मंत्री जी इतनी जल्दी मत करिए। पहले जमीन, पानी, बिजली कहा कैसे देंगे तय कर लें तब आमंत्रण दें।
इस पर मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि भूमि, निवेशकों की मांग पर सरकार के लैंड बैंक या निजी जमीन भी देते हैं। 31 निवेशकों में से 4 ने जमीन चिन्हित कर ली है। इन्हें नवा रायपुर, पथरिया में जमीन दी जा रही है।
इसके बाद महंत ने दिल्ली और मुंबई में हुए इन्वेस्ट सम्मेलन पर खर्च का सवाल उठाते हुए पूछा कि दिल्ली में 1.3 करोड़ और मुंबई में 1.61 करोड़ रुपए खर्च हुए। क्या यह पैसा खाने-पीने की व्यवस्था पर खर्च हुआ?
इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि उद्योगपतियों को बुलाने, होटल, किराया और अन्य खर्चों में यह राशि लगी। इस पर भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर इन्वेस्ट हो रहा है, तो खिलाने-पिलाने में क्या दिक्कत है ?
सरकार की ओर से लिखित जानकारी में बताया गया कि जनवरी 2024 से जनवरी 2025 तक कोई एमओयू साइन नहीं हुआ है। हालांकि 31 इकाइयों को निवेश प्रस्ताव भेजे गए हैं और 22,557 लोगों के रोजगार की संभावना है।