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0 कहा- वहां काम चालू है; यूएई बेस्ड कंपनी की मांग- अडाणी का टेंडर रद्द हो

नई दिल्ली/मुंबई। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को धारावी रिडेवलेपमेंट प्रोजेक्ट (डीआरपी) के लिए चल रहे निर्माण कार्य पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट के अडाणी ग्रुप के पक्ष में दिए फैसले को पलटने से भी इनकार कर दिया।

यूएई बेस्ड सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि प्रोजेक्ट पर काम पहले ही शुरू हो चुका है, जिसमें कुछ रेलवे क्वार्टरों को ध्वस्त करना भी शामिल है। सेकलिंक ने महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें सेकलिंक की पिछली बोली को रद्द करने के बाद धारावी प्रोजेक्ट को अडाणी प्रॉपर्टीज लिमिटेड को देने का फैसला किया गया था।

कंपनी ने कहा- बोली में 20 प्रतिशत का इजाफा करने को तैयार
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच ने कहा- बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला उचित था, क्योंकि रेलवे लाइन को भी विकसित किया जाएगा और प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और अडाणी प्रॉपर्टीज को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 25 मई को होगी। धारावी प्रोजेक्ट के लिए मूल रूप से 7,200 करोड़ रुपये की बोली लगाने वाली सेकलिंक टेक्नोलॉजीज ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह अपनी बोली में 20 प्रतिशत का इजाफा करने को तैयार है। बेंच ने सेकलिंक को अपनी संशोधित बोली की डिटेल देते हुए हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

धारावी में पार्क, हॉस्पिटल बनेंगे, हर फ्लैट में इंडिपेंडेंट किचन होंगे
जुलाई, 2023 में महाराष्ट्र सरकार ने धारावी स्लम रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए अडाणी ग्रुप की बोली को मंजूरी दी थी। कंपनी के मुताबिक, यहां फ्लैट्स के अलावा स्कूल, कम्युनिटी हॉल, पार्क, हॉस्पिटल और बच्चों के लिए डे केयर सेंटर बनाए जाएंगे। रीडेवलपमेंट प्लान में इंडस्ट्रियल बिजनेस जोन भी होगा। इसमें एक कॉमन फैसिलिटी सेंटर बनाया जाएगा। धारावी के स्लम एरिया को अलग-अलग फेज में डेवलप किया जाना है। इससे पहले यहां रहने वाले लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। इसके बाद नए घर बनाए जाएंगे।

राज्य सरकार ने केंद्र से साल्ट पैन वाली जमीन मांगी
धारावी में लोगों को 350 स्क्वायर फीट में बने फ्लैट मिलेंगे। फ्लैट का साइज करीब 17% बढ़ाया जाएगा। प्रोजेक्ट के लिए महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से मुंबई की साल्ट पैन की जगह मांगी है। इसके लिए राज्य सरकार ने गारंटी पत्र के साथ साल्ट पैन की जमीन ट्रांसफर करने का प्रपोजल पेश करने की मंजूरी दी है। साल्ट पैन की करीब 283.4 एकड़ जमीन का मालिकाना हक केंद्र सरकार के पास है। महाराष्ट्र सरकार इसे 99 साल की लीज पर लेना चाहती है। केंद्र सरकार से जमीन मिलने के बाद मार्केट रेट के हिसाब से इसकी कीमत चुकाई जाएगी। धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत 1 जनवरी, 2000 से पहले धारावी में बसे लोगों को फ्री में पक्का घर मिलेगा। 2000 से 2011 के बीच आकर बसे लोगों को भी घर मिलेगा, लेकिन उन्हें इसके लिए कीमत देनी होगी। पात्र लोगों को धारावी में ही घर दिया जाएगा। वहीं, अपात्र लोगों को धारावी से बाहर बसाया जाएगा।

जानिए क्या है पूरा मामला
0 दरअसल मुंबई के धारावी को रिडेवलेप करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 2019 में टेंडर जारी किया था। सेकलिंक ने 7,200 करोड़ रुपये की बोली लगाकर प्रोजेक्ट अपने पास रखा।
0 इसके बाद राज्य सरकार ने 2019 और 2022 के बीच आर्थिक स्थितियों में हुए बदलावों का हवाला देते हुए टेंडर रद्द कर दिया। सेकलिंक की 2019 की बोली भी कैंसिल कर दी गई।
0 2022 में एक नया टेंडर जारी हुआ, इस बार प्रोजेक्ट अडाणी ग्रुप को मिला। सेकलिंक ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की।
0 दिसंबर 2024 में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने सेकलिंक की 2019 की बोली को रद्द करने और 2022 में एक नया टेंडर जारी करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा।

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