Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने देश में जाति जनगणना को आवश्यक बताते हुए सरकार से एससी और एसटी के हित में पांच मांगे स्वीकार करने का आग्रह करते हुए इन वर्गों के लिए उप योजना को फिर से लागू करने की मांग की है।
श्री खरगे ने डॉ अम्बेडकर जयंती पर सोमवार को यहां जारी बयान में कहा “संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ आंबेडकर जी की जयंती आज है। आज के दिन मैं काँग्रेस पार्टी की तरफ़ से 5 बातें कहना चाहता हूँ। पहली बात मैं कहना चाहता हूँ कि जाति जनगणना जरूरी है। अभी केंद्र सरकार 2011 की जनगणना के आंकड़ों पर अपनी योजनाएँ बना रही है। साल 2021 में होनेवाली जनगणना का अभी तक पता नहीं। हम मांग करते हैं कि जनगणना के साथ-साथ ये भी जरूरी है कि जाति जनगणना कराया जाए। क्योंकि इतने वर्षों के बाद ये नहीं मालूम है कि आज समाज के अलग-अलग वर्गों की वास्तविक हालत कैसी है। सामाजिक न्याय के पैमाने पर - शिक्षा, नौकरी, मकान, जमीन का मालिकाना हक़ आदि पर उन्होंने कितनी तरक्की की है।”
उन्होंने कहा “श्रीमती इंदिरा गांधी ने 1976 में अनुसूचित जाति जन जाति सब प्लान लागू किया था ताकि इन समुदायों के साथ समुचित न्याय हो। दुर्भाग्य से 2015 में मोदी सरकार ने इसे ख़त्म कर दिया। हमारे कर्नाटक और तेलंगना राज्य सरकारों ने सब प्लान लागू करने का क़ानून बनाया है। हम भाजपा सरकार से माँग करते हैं कि अनुसूचित जाति जन जाति सब प्लान को केंद्र सरकार फिर से लागू करे। तमिलनाडु के सिवा कोई राज्य नहीं जहाँ आरक्षण सुरक्षित है। हम मांग करते हैं कि राज्यों के आरक्षण को नौवीं सूची में शामिल किया जाए जिससे 50 प्रतिशत की सीलिंग हटाकर राज्यों के आरक्षण को सुरक्षित किया जा सके।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा “साल 2006 में संशोधन हुआ अनुच्छेद 15 (5) में संविधान संशोधन कर एससी, एसटी, ओबीसी को निजी कालेजों में आरक्षण दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में यह क़ानून सही ठहराया। आज 55 प्रतिशत उच्च शिक्षण संस्थान निजी हाथों में है। हमारे बच्चे कैसे पढ़ेंगे। मोदी सरकार सो रही है। मैं माँग करता हूँ कि इसे क़ानूनी अधिकार बनाया जाय और इसे तत्काल लागू किया जाय। यही सबसे बड़ी श्रद्धांजलि बाबासाहेब को होगी।
दो साल पहले जब महिला आरक्षण पारित हुआ तब कांग्रेस पार्टी की माँग थी यह अधिनियम फ़ौरन लागू हो और इसके साथ-साथ ही इसके अंदर एक तिहाई आरक्षण एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए सुनिश्चित हो। कांग्रेस पार्टी इन 5 मांगों को संसद के अंदर और बाहर लेकर संघर्ष करेगी।