
0 राज्य सरकार ने 37 करोड़ रुपए मंजूर किए
0 12 जगहों पर एस्केलेटर लगाए जाएंगे
रायपुर। रायपुर का बहुचर्चित, विवादित और अधूरा प्रोजेक्ट स्काई वॉक का काम जल्द ही शुरू होगा। करीब 8 साल से अधूरे खड़े इसके ढांचे को पूरा करने के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने टेंडर प्रक्रिया जारी की थी। इस अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 37.75 करोड़ रुपए की मंजूरी मिल गई है।
लोक निर्माण विभाग मंत्रालय से जारी आदेश के मुताबिक पीएसएस कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. रायपुर को यह काम सौंपा गया है। यह प्रोजेक्ट पहले की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अधूरा रह गया था। लंबे समय से इसे लेकर विवाद और राजनीतिक तकरार बनी हुई थी।
करीब डेढ़ किमी के स्काई वॉक में 12 जगह उतरने और चढ़ने के लिए ऐस्कलेटर लगेंगे। इसी के पास सीढ़ियां भी बनाई जाएंगी। इसके अलावा दो जगहों में अलग से सीढ़ियां बनेंगी।
इन जगहों पर लगेंगे 12 एस्केलेटर
कलेक्ट्रेट टाउन हॉल वाले हिस्से में, घड़ी चौक के पास, रेरा ऑफिस के पास, डीकेएस के सामने, तहसील ऑफिस के सामने, शहीद स्मारक के पास, मल्टी-लेवल पार्किंग, जिला न्यायालय परिसर, पुराने जेल मुख्यालय भवन के पास, डेंटल कॉलेज की ओर, अंबेडकर अस्पताल के पास व सेंट्रल जेल के सामने।
भाजपा सरकार की नई पहल
अब भाजपा सरकार ने इसे दोबारा शुरू करने की घोषणा के साथ बजट स्वीकृत कर दिया है। प्रोजेक्ट की कुल लागत 37,75,70,682 रुपए बताई गई है, जो पिछले अनुमानित लागत का 20.17% अधिक है। इस बार कार्य की गुणवत्ता, डिजाइन और पर्यावरणीय मानकों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी विभाग को दिए गए हैं। साथ ही प्रशासनिक स्वीकृति के तहत कार्य शीघ्र शुरू करने को कहा गया है।
कांग्रेस सरकार में प्रोजेक्ट को रोक दिया गया था
गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार में इस प्रोजेक्ट को “अनावश्यक” खर्च बताकर रोक दिया गया था। जबकि बीजेपी सरकार अब इसे शहर की ज़रूरत और विकास से जोड़ रही है।
कब शुरू हुआ था स्काईवॉक प्रोजेक्ट?
यह बहुप्रतीक्षित स्काईवॉक प्रोजेक्ट 2017 में शुरू हुआ था। उद्देश्य था कि रेलवे स्टेशन, शास्त्री चौक और जय स्तंभ चौक जैसे व्यस्त क्षेत्रों में पैदल यात्रियों को ट्रैफिक से राहत मिले और शहर को एक मॉडर्न लुक दिया जा सके। लेकिन निर्माण के दौरान कई तकनीकी और प्रशासनिक अड़चनों के चलते यह प्रोजेक्ट रुक गया।
स्काई वॉक से क्या फायदा होगा
अंबेडकर अस्पताल के मरीज स्काई वॉक से ट्रैफिक में फंसे बिना डीकेएस अस्पताल पहुंच सकेंगे। इसके लिए दोनों अस्पतालों को जोड़ने वाली जगह पर लिफ्ट लगाई जाएगी। स्काई वॉक का एक हिस्सा डीकेएस अस्पताल परिसर में उतरता है। स्काईवॉक में शास्त्री चौक वाले हिस्से पर रोटरी बनेगी। पूरे चौक पर किसी भी हिस्से में लोग चढ़- उतर सकेंगे। कई हिस्से में गर्डर तक काम हो चुका है। इसके ऊपर फ्लोरिंग कर आरसीसी स्लैब डाला जाएगा। स्लैब के ऊपर टाइल्स और दोनों किनारों पर स्टील की रेलिंग लगाई जाएगी।बारिश और धूप से बचाने के लिए ऊपरी हिस्से में पॉली-कार्बोनेट शीट लगाई जाएगी। आस-पास सरकारी दफ्तरों में आने-जाने वालों को राहत मिलेगी। सात साल पहले कराए गए एक सर्वे में ये बताया गया था कि शास्त्री चौक के चारों ओर रोज औसतन 40 हजार से ज्यादा लोग पैदल सफर करते हैं।