
0 प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य राजेश मूणत ने उठाया मुद्दा
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले दिन सोमवार को प्रश्नकाल में राजस्व निरीक्षक भर्ती में गड़बड़ी मामले में सत्ता पक्ष के सदस्य राजेश मूणत ने राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को घेरा। उनके साथ विधायक अजय चंद्राकर व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी राजस्व मंत्री को घेरा। मंत्री के जवाब पर सदन में विपक्षी विधायकों का हंगामा करते हुए नारेबाजी की। इस बीच सत्तापक्ष की नोक-झोंक से नाराज विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
प्रश्नकाल शुरू होते ही भाजपा विधायक राजेश मूणत ने राजस्व निरीक्षक की विभागीय परीक्षा में गड़बड़ी का मुद्दा उठाते हुए राजस्व मंत्री से सवाल किया कि गृह विभाग की जांच का क्या हुआ? दोषियों पर कार्रवाई कब होगी? कुल कितने परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए?
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब में कहा कि सितंबर में परीक्षा प्रक्रिया हुई और फरवरी 2024 में परीक्षा परिणाम आया। परीक्षा गलत तरीके से आयोजित की गई थी, इसकी शिकायत आने पर 5 सदस्यीय टीम बनाकर हमने जांच कराई तो इसमें बड़ी अनियमितता पाई गई। इस पर राजस्व विभाग और जीएडी ने तय किया कि इसको गृह विभाग को जांच के लिए अधिकृत किया जाए। सामान्य विभाग ने गृह विभाग को जांच के लिए पत्र लिखा। फिर गृह विभाग ने भी पत्र लिखा कि सम्बंधित विभाग सक्षम है। इस मामले की जांच इओडब्ल्यू को सौंपी गई है, जांच शुरू हो गई है। इसमें हम किसी को नहीं बचाया जाएगा। वास्तविक दोषी तक पहुंचकर कार्रवाई करेंगे। पीएससी केस की तरह इस पर भी कार्रवाई की जाएगी।
इस पर श्री मूणत ने कहा कि जिस समय विधानसभा के चुनाव चल रहे थे, उस समय भर्ती पदोन्नति प्रक्रिया शुरू की गई। मंत्री को विभाग में आए 9 दिन भी नहीं हुआ था और परीक्षा ले ली गई। अनियमितता जांच में पाई गई तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? जबकि वरिष्ठ 5 अधिकारियों की टीम ने जांच की।
इस पर राजस्व मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि जांच कमेटी ने निष्कर्ष में कहा है कि प्रस्तुत दस्तावेज साक्ष्य की श्रेणी में नहीं आता है। ये जरूर है कि गड़बड़ी हुई है और जांच कमेटी ने स्वीकार किया है, लेकिन कॉल डिटेल निकालना है। दोषियों तक पहुंचने के लिए इसकी जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई है। सरकार से किसी से सहानुभूति नहीं है
इस पर श्री मूणत ने कहा कि मंत्री आधी जांच रिपोर्ट पढ़ रहे हैं। कहें तो रिपोर्ट सदन की पटल पर रख देता हूं। यह गड़बड़ी अन्य घोटाले की तरह पिछली सरकार में हुई थी। इस पर कांग्रेस सदस्य देवेंद्र यादव व संगीता सिन्हा ने आपत्ति की। दोनों ने परीक्षा की तिथि को भाजपा कार्यकाल में होना बताया।
इस पर टंकराम वर्मा ने दोहराया कि इस गड़बड़ी में जो भी दोषी होगा, उसपर ठोस कार्रवाई होगी, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। मूणत ने कहा कि क्या अगले सत्र से पहले दोषियों पर कार्रवाई कर देंगे? इस पर टंकराम वर्मा ने कहा कि ईओडब्ल्यू ने सारी जानकारियां 41 बिंदुओं में मांगी है। हमने सभी से पूछताछ कर जानकारी दे दी है। प्रयास रहेगा कि अगले सत्र से पहले जांच पूरी कर कार्रवाई हो जाए।
इस बीच भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि गृह विभाग ने लिखा है कि एफआईआर दर्ज करने में विभाग सक्षम है। ऐसे में ईओडब्ल्यू जांच का निर्णय किसने लिया? और एफआईआर दर्ज क्यों नहीं हुई।
इस पर मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने ही ईओडब्ल्यू को जांच सौंपी। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया सितंबर 2023 में, परीक्षा जनवरी 2024 व परिणाम फरवरी 2024 आया। इसमें पिछली सरकार का आरोप गलत है। इस बीच कांग्रेस सदस्यों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। इसका भाजपा सदस्यों ने भी विरोध किया। इस पर टंकराम वर्मा ने कहा कि जनवरी 2024 में परीक्षा हुई और फरवरी में रिजल्ट आया। मंत्री के इस जवाब के बाद सदन में जोरदार हंगामा हुआ। विपक्ष के विधायकों भाजपा सरकार में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हंगामा किया।
इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि दोषियों को बचाने की कोशिश हो रही है। क्या सीबीआई से इसकी जांच कराएंगे? इस पर भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक व रिकेश सेन ने कहा कि क्या सीबीआई पर आपको भरोसा है? इसके साथ ही भाजपा विधायकों ने भूपेश बघेल को घेरा। इस बीच सत्ता पक्ष व विपक्षी सदस्यों के बीच नोक-झोंक चलता रहा। मंत्री का जवाब नहीं आने पर नाराज विपक्ष कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
दिवंगत नेताओं को दी गई श्रद्धांजलि
इससे पहले सदन में छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। सक्ती रियासत के राजा और पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र बहादुर सिंह के निधन पर शोक जताया गया। दोनों दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देने के बाद सभा की कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित की गई।
राज्य गठन के बाद पहली बार अनुपूरक बजट नहीं
विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार अनुपूरक बजट पेश नहीं करेगी। राज्य गठन के बाद पहली बार सरकार अनुपूरक बजट नहीं ले रही है। सरकार ने इसकी सूचना विधानसभा सचिवालय को दे दी है। इस संबंध में विधानसभा और वित्त विभाग के सूत्रों ने बताया कि सरकार के पास अगले तीन माह के खर्च लायक वित्तीय व्यवस्था होने की वजह से प्रथम अनुपूरक बजट पेश नहीं करने का निर्णय लिया गया है। यह भी बताया गया है कि सरकार ने बीते बजट सत्र में आकस्मिकता निधि में बढ़ोतरी कर दी थी। इसे इसी वित्त वर्ष से ही 100 करोड़ से बढ़ाकर 1000 करोड़ का किया गया है। इस मद से 999 करोड़ तक के आकस्मिक खर्च किए जा सकेंगे।
