
0 खाद संकट पर सदन में हुआ भारी हंगामा
0 मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष गर्भगृह में नारेबाजी की
0 ‘कृषि मंत्री इस्तीफा दो’ के लगाए नारे
रायपुर। विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को प्रदेश में डीएपी खाद की कमी और वितरण मामले को लेकर विपक्षी कांग्रेस के विधायकों ने सदन में जमकर नारेबाजी व हंगामा किया। कृषि मंत्री रामविचार नेताम के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए गर्भगृह जाकर स्वमेव निलंबित हो गए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने निलंबन के बाद विपक्षी सदस्यों को बाहर जाने को कहा, लेकिन विधायक आसंदी के समक्ष नारेबाजी करते रहे। इसके चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। इस तरह प्रश्नकाल बाधित रहा। अंत में सभी विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विधानसभा सभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने विपक्षी सदस्यों के व्यवहार पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी कांग्रेस सदस्यों को दिनभर के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया।
प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने प्रदेश में डीएपी खाद की कमी के कारण किसानों को रही परेशानी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस साल वितरण का लक्ष्य 3.10 लाख टन के विरुद्ध 1.48 लाख टन ही भंडारण हो पाया है, जो आधे से भी कम है। इस पर मंत्री श्री नेताम ने कहा कि आपूर्ति के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। डीएपी के साथ दूसरे खाद नैनो डीएपी को भी प्रमोट किया जा रहा है। अभी एक दो दिन में डीएपी खाद पहुंचने वाला है। भारत सरकार से लगातार संपर्क में है। किसी तरह की कोई कमी खाद की नहीं हो इसपर नजर है। बहुत से रैक प्वाइंट पर खाद पहुंचने वाला है। 20 जुलाई तक 18885 मैट्रिक टन खाद यानी कुल 24 रैक अभी मिलने वाला है, जिसमें एनपीके और डीएपी खाद भी रहेगा।
इस पर श्री पटेल ने कहा कि सरकार खाद सहकारी समितियों को न देकर निजी क्षेत्र को अधिक खाद दे रही है और इसे दुकानदार अधिक दाम पर बेच रहे हैं। इस पर भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस पर मंत्री श्री नेताम ने कहा कि प्रदेश खाद की किसी भी प्रकार की कमी नहीं है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूछा कि प्रदेश में डीएपी की कालाबाजारी क्यों हो रही है? इस पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि अभी तक 1 लाख 72 हजार मैट्रिक टन डीएपी आ गया है। 18 हजार मैट्रिक टन अगले 5 दिन में और आ जाएगा। कहीं कोई दिक्कत नहीं होगी।
इस बीच कांग्रेस के रामकुमार यादव, संगीता सिन्हा और अऩ्य विधायक भी विरोध करने लगे। उनका कहना था कि मुनाफाखोरी के लिए खाद को सहकारी समितियों के बजाय दुकानदारों को दी जा रही है।
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने कहा कि सोसायटियों को शत-प्रतिशत डीएपी देने की व्यवस्था की जाए। निजी क्षेत्र को न दी जाए। इस पर मंत्री श्री नेताम ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर खात आते ही यह व्यवस्था की जाएगी। निजी क्षेत्र को खाद नहीं दी जाएगी।
इस बीच कांग्रेस विधायक दलेश्वर साहू ने कहा कि आज ही एक अन्य उत्तर में मंत्री ने निजी क्षेत्र को अधिक देना स्वीकार किया है। इस पर उमेश पटेल ने कहा कि अधिक कीमत में बेचने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। प्रदेश के हर विधानसभा में किसान परेशान हैं।
इस पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि आपके समय तो राजनांदगांव में नकली खाद का कारखाना पकड़ाया था। इस पर सभी कांग्रेस विधायक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में नारेबाजी करने लगे। इस पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी जवाब में नारेबाजी करने लगे। नारेबाजी के बीच स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही फिर से शुरू होने पर डॉ. सिंह ने कहा कि इस पर 15 व 16 जुलाई को चर्चा हो चुकी है और इस पर पूरा उत्तर आ गया है। इससे असहमत कांग्रेस विधायकों ने फिर शोर-शराबा शुरू कर दिया। इसके बाद सभी विपक्षी सदस्य आसंदी के सामने गर्भगृह जाकर नारेबाजी करने लगे। सभी विपक्षी सदस्यों को स्वयंमेव निलंबित कर स्पीकर डॉ. सिंह ने बाहर जाने को कहा, लेकिन सभी कांग्रेस विधायक स्पीकर की बातों को नजरअंदाज कर गर्भगृह में ही खड़े होकर नारेबाजी कर सरकार का विरोध करते रहे। इसका भाजपा विधायकों ने भी नारेबाजी कर जवाब दिया। दोनों पक्षों के शोरगुल के बीच प्रश्नकाल की कार्यवाही होती रही। शोर-शराबा कम न होता देख विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने विपक्षी विधायकों को कड़ी हिदायत देते हुए सदन की कार्यवाही दोबारा दोपहर 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी। इस तरह प्रश्नकाल समय से पहले ही खत्म हो गया। प्रश्नकाल के बाद पुनः सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने विपक्षी सदस्यों के व्यवहार पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और सभी कांग्रेस सदस्यों को दिनभर तक के लिए निलंबित कर दिया।