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0 मंत्री ओपी चौधरी ने कहा- ऋणमुक्त हुआ गृह निर्माण मंडल
 
रायपुर। विधानसभा में आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने राज्य शासन द्वारा संचालित वन टाइम सेटलमेंट योजना (ओटीएस-2) की अभूतपूर्व सफलता की जानकारी देते हुए बताया कि ओटीएस-2 योजना की शुरुआत 1 मार्च 2025 से की गई थी। इस योजना का उद्देश्य छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा पूर्व में निर्मित रिक्त संपत्तियों को विशेष छूट के साथ आम नागरिकों को सुलभ कराना है। योजना में रिक्तता की अवधि के आधार पर संपत्तियों पर चरणबद्ध छूट दी गई है। उन्होंने बताया कि गृह निर्माण मंडल ऋणमुक्त हो गया है। अब 60% प्री बुकिंग मिलने पर ही नया आवासीय प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा।

प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर के सवाल के लिखित जवाब में आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि प्रदेश में विभिन्न जगहों पर दीनदयाल आवास, अटल आवास और अटल विहार योजना व सामान्य आवास योजना के अंतर्गत 80 हजार 870 मकान बनाए गए हैं, जिनमें से कुल 78 हजार 503 मकानों की बिक्री हुई है ौर 2367 मकान शेष हैं। 

मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि 5 से 10 वर्ष पुरानी ऐसी संपत्तियां जिनमें कम से कम 20% भाग रिक्त है, उन पर 20% की छूट दी जा रही है, जबकि 20% से अधिक रिक्तता होने की स्थिति में 30% तक की छूट निर्धारित की गई है। वहीं 10 वर्ष से अधिक पुरानी रिक्त संपत्तियों पर भी 30% छूट का प्रावधान है।

वित्त मंत्री ने बताया कि वे संपत्तियां जो अब पहली बार योजना में सम्मिलित की गई है और जिनके निर्माण को 5 वर्ष पूरे हो चुके हैं, उन्हें 10% छूट के साथ ऑफर में शामिल किया गया है। ये सभी छूट संपत्तियों के बेस प्राइस पर लागू होती है। इसके पश्चात ऑफर आमंत्रित किए जाते हैं, जिनमें नागरिक प्रतिस्पर्धा के माध्यम से भाग लेते हैं और सबसे उच्चतम मूल्य वाले को संपत्ति आवंटित की जाती है। उन्होंने कहा कि इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन और लोगों में बढ़ते विश्वास के परिणामस्वरूप 15 जून 2025 तक कुल 920 संपत्तियों का सफलतापूर्वक विक्रय किया गया है, जिससे मंडल को 139.47 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति हुई है। यह उपलब्धि योजना की लोकप्रियता को दर्शाती है और गृह निर्माण मंडल के लिए मील का पत्थर है।

गृह निर्माण मंडल हुआ पूर्णत: ऋणमुक्त
वित्त मंत्री चौधरी ने यह भी बताया कि गृह निर्माण मंडल पर पूर्व में बैंकों का लगभग 800 करोड़ रुपये का ऋण बकाया था। राज्य सरकार ने इस ऋण को अपने बजट प्रावधानों से पूरी तरह चुका दिया है, जिससे मंडल आज पूर्णत: ऋण मुक्त हो चुका है। यह मंडल की एक बड़ी उपलब्धि है, जिसने इसे भविष्य की योजनाओं के लिए और अधिक सशक्त बना दिया है।

60% प्री-बुकिंग के बाद ही आरंभ होंगे निर्माण कार्य
आवास मंत्री चौधरी ने कहा कि अब से गृह निर्माण मंडल द्वारा कोई भी नई आवासीय योजना तब तक प्रारंभ नहीं की जाएगी, जब तक उसकी प्री-बुकिंग कम से कम 60% तक न हो जाए। यह रणनीतिक कदम योजनाओं की सफलता सुनिश्चित करने और अनावश्यक निर्माण कार्य से बचने के लिए उठाया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब गृह निर्माण मंडल पारंपरिक सीमाओं से आगे बढ़ते हुए कॉरपोरेट मॉडल को अपनाकर काम कर रहा है, जिसके अंतर्गत न केवल किफायती आवासीय इकाइयां बल्कि विभिन्न श्रेणियों के मकान और व्यावसायिक परिसंपत्तियां भी विकसित की जा रही है। यह नवाचार शहरी विकास और आत्मनिर्भर आवास नीति के अनुरूप है।

जनहित को प्राथमिकता
मंत्री चौधरी ने अपने वक्तव्य में कहा कि गृह निर्माण मंडल का मूल उद्देश्य प्रदेशवासियों को सुलभ, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण आवास उपलब्ध कराना है। मंडल द्वारा संचालित योजनाएं विशेष रूप से आमजन, निम्न और मध्यम वर्गीय परिवारों को ध्यान में रखकर तैयार की जा रही हैं, ताकि हर नागरिक को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर मिल सके।