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0 सत्ता पक्ष-विपक्ष के बीच हुई जमकर बहस व नारेबाजी
 
रायपुर। विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को नेता-प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य कांग्रेस विधायकों ने हसदेव अरण्य में पेड़ कटाई का मुद्दा जोर-शोर से उठाते हुए स्थगन पर चर्चा कराने की मांग की। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के विपक्ष के स्थगन को अस्वीकार करने पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित की गई। 

शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने हसदेव अरण्य में पेड़ कटाई का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कोयला खनन के नाम पर जंगल उजाड़ना सही नहीं है। ग्राम सभा की स्वीकृति नहीं ली गई। फिर भी खनन शुरू कर दिया गया। कांग्रेस विधायक दल ने इसका विरोध किया है। हमारे स्थगन पर चर्चा होनी चाहिए। डॉ. महंत ने कहा कि तमनार क्षेत्र में खनन के नाम पर जंगल उजड़े जा रहे हैं। फसलों को रौंदा जा रहा है। गारे-पालमा क्षेत्र में खनन को निरस्त किया जा रहा है। स्थनीय लोग लगातार विरोध कर रहे हैं। एनजीटी ने भी आपत्ति जताई है। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा कि तमनार क्षेत्र में फर्जी तरीके से काम हो रहा है। खनन के नाम पर मनामनी और फर्जी तरीके से काम हो रहा है।
वहीं कांग्रेस विधायक विद्यावती सिदार ने कहा कि खनन के नाम पर तमनार क्षेत्र में अन्याय हो रहा है। पेड़ों की कटाई से जंगल खत्म हो रहा है। भाजपा एक पेड़ मां के नाम पर पेड़ लगाती है, लेकिन मेरे क्षेत्र में पेड़ों की कटाई निरंतर हो रही है। विरोध करने पर मुझे पुलिसबल ने बर्बरतापूर्ण तरीके से मुझे हिरासत में लिया था। इसी तरह कांग्रेस विधायक लालजीत सिंह राठिया ने कहा कि मेरे क्षेत्र में फर्जी प्रस्ताव लाकर पेड़ों की कटाई की जा रही है। कांग्रेस सरकार में जंगल की कटाई रोकने लिए संकल्प लाया गया था। आज एक पेड़ मां के नाम पर भाजपा अभियान चला रही है और पूरे क्षेत्र में जंगल साफ किया जा रहा है।
कांग्रेस सदस्य द्वारिकाधीश यादव ने कहा कि तमनार ब्लॉक में जंगल को उजाड़ा जा रहा है। एक उद्योगपति को लाभ पहुंचाने के लिए जंगल खत्म किया जा रहा है। अपराधों को रोकने में पुलिस नाकाम है, लेकिन जंगल कटाई हो सके, इसके लिए पुलिस बल तैनात है। वहीं कांग्रेस विधायक विक्रम उसेंडी ने कहा कि सरकार की ओर से तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है। कांग्रेस विधायक रामकुमार यादव ने कहा कि भाजपा के हमने बनाया है, हम ही संवारेंगे का नारा दिया है, लेकिन यहां तो जंगल को उजाड़ा जा रहा है। कांग्रेस विधायक अनिला भेड़िया ने कहा कि जंगल के बहाने आदिवासियों को खत्म किया जा रहा है। मूलनिवासियों को खत्म किया जा रहा है। 
इस मुद्दे पर कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा ने कहा कि जंगल की कटाई हो रही, लेकिन आदिवासियों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ का पर्यावरण खत्म किया जा रहा है। सर्व आदिवासी समाज नाराज है। जल-जंगल की लड़ाई और तेज हो रही है। 
इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि तमनार में पेसा कानून का उल्लंघन हो रहा है। विधानसभा में जो संकल्प पारित है उसका उल्लंघन है। एनजीटी के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। वन अधिकार कानून का उल्लंघन है। तमनार में उद्योगपति की मनानानी चल रही है। स्थानीय निवासियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। पूरा प्रशासन उद्योगपति के साथ खड़ा हुआ है। आज स्थिति ये कि एक पेड़ मां के नाम और सारा जंगल बाप के नाम, सरकार नाम की चीज तमनार में नहीं है। यह बहुत ही गम्भीर मामला है। इस विषय पर सभी कार्यों को रोककर चर्चा होनी चाहिए। 
इस बीच भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने कहा कि वहां पर कांग्रेस के सदस्य अलग-अलग ग्रुप में गए थे। यहां पर स्थगन कौन से ग्रुप का है। इतना सुनते ही कांग्रेस के सभी सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने सभी को शांत कराते हुए कहा कि विपक्ष की ओर से आज सुबह की स्थगन की सूचना प्राप्त हुई है। चूंकि इस मुद्दे पर पहले ही अशासकीय संकल्प पारित हो चुका है। अतः इस स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य करता हूं। इस पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि श्री चंद्राकर जानबूझकर हमें अपने पक्ष में करना चाहते हैं, लेकिन हम सब एक हैं। इसमें किसी को कोई शंका नहीं होनी चाहिए। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सदन में जिस प्रकार से हमारे बंटवारे की बात की जा रही है। इससे ऐसा लगता है कि श्री चंद्राकर जी अदानी की ओर बात कर रहे हैं। इस पर दोनों पक्षों में जमकर बहस होने लगी और एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इसके बाद स्पीकर डॉ. सिंह ने सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी।