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नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नौसेना की तैयारियों, पेशेवर क्षमता और ताकत की सराहना करते हुए गुरूवार को कहा कि भारतीय नौसेना के दम-खम के कारण पाकिस्तानी नौसेना के युद्धपोत उसके तटीय क्षेत्रों से आगे नहीं बढ पाये। श्री सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति और क्षमता का प्रतीक बताते हुए जोर देकर कहा कि यह दुनिया के लिए संदेश है कि भारत किसी भी तरह की चुनौती का जवाब देने के लिए हमेशा तैयार है।

 रक्षा मंत्री ने यहां नौसेना के शीर्ष कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान दुनिया ने नौसेना की संचालन तत्परता, पेशेवर क्षमता और ताकत देखी। उन्होंने पाकिस्तान के युद्धपोतों को बंदरगाह या उसके तट के पास ही रहने के लिए मजबूर करने वाली प्रतिरोधक स्थिति बनाने के लिए नौसेना की सराहना की। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि हिन्द महासागर क्षेत्र (आईओआर) में भारतीय नौसेना की उपस्थिति 'मित्र देशों के लिए राहत' और 'क्षेत्र को अस्थिर करने की कोशिश करने वालों के लिए बेचैनी' का सबब है।
श्री सिंह ने कहा, " आईओआर समकालीन भू-राजनीति का केंद्र बन गया है। यह अब निष्क्रिय नहीं रहा, यह प्रतिस्पर्धा और सहयोग का क्षेत्र बन गया है। " भारतीय नौसेना ने अपनी बहुआयामी क्षमताओं से इस क्षेत्र में नेतृत्वकारी भूमिका निभाई है। पिछले छह महीनों में भारतीय युद्धपोतों , पनडुब्बियों और नौसेना के विमानों को अभूतपूर्व पैमाने पर तैनात किया गया है। इसके अलावा, हमारी नौसेना ने लगभग 335 व्यापारी जहाजों को सुरक्षित मार्ग प्रदान किया है, जो लगभग 12 लाख टन माल और 5.6 अरब डॉलर के व्यापार मूल्य के बराबर है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत अब वैश्विक समुद्री अर्थव्यवस्था में एक विश्वसनीय और सक्षम भागीदार बन गया है।